मऊ में उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश, नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में उतरे युवाओं का हिंसक प्रदर्शन
केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून लाए जाने के विरोध में अल्पसंख्यक समुदाय में उबल रहा विरोध का लावा सोमवार को सड़कों पर बह चला।
मऊ, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सोमवार की दोपहर बाद मऊ सुलग उठा। सैकड़ों की संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग सड़क पर उतर आए और पथराव शुरू कर दिया जिससे गुरिल्ला युद्ध के हालात पैदा हो गए। अधिकारियों व फोर्स को पीछे हटना पड़ा। बवालियों ने दो बसों पर पथराव कर शीशे तोड़ दिए। पुलिस व मीडिया कर्मियों की गाडिय़ों में अराजक तत्वों ने आग लगा दी। दक्षिण टोला थाने में घुसकर दीवार गिराने के साथ गाडिय़ों को भी जलाने का प्रयास किया। जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने अराजक तत्वों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए हैैं। दो थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। हालात पर काबू पाने के लिए आसपास के जिलों से भी बड़ी संख्या में फोर्स भेजी गई।
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सोमवार की दोपहर बाद शहर में उतरी युवाओं की भीड़ अचानक अराजक हो गई। देखते ही देखते हजारों की संख्या में उपद्रवी सड़क पर उतर आए। शाम होते-होते पूरा शहर अराजक तत्वों की गिरफ्त में आ गया। सदर चौक से लेकर दक्षिणटोला थाना तक पूरे शहर में हिंसा भड़क उठी। उपद्रवियों ने पुलिसर्किमयों को निशाना बनाकर पथराव शुरू किया तो लगभग तीन घंटे तक अनरवरत पत्थर बरसते रहे। इसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। छतों से हो रहे पथराव के चलते पुलिस को कई बार पीछे हटना पड़ा। उपद्रवियों की भीड़ ने दो रोडवेज बसों के शीशे तोड़ दिए तो मिर्जाहादीपुरा पेट्रोल पंप पर खड़ी मीडियार्किमयों और पुलिस के वाहनों में आग लगा दी। अराजक भीड़ दक्षिणटोला थाने में घुसकर चहादीवारी को ढहा दिया तो अंदर खड़ी गाडि़यों को आग के हवाले कर दिया। हिंसा को काबू में करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, मगर वह बेअसर रहा। अंत में शाम लगभग पौने सात बजे जिलाधिकारी ने नगर कोतवाली और थाना दक्षिणटोला क्षेत्र में कर्फ्यू लगाने की घोषणा कर दी। इसके बाद उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दे दिए गए।
शहर में कई दिनों से सीएबी को लेकर एक वर्ग विशेष में सुगबुगाहट चल रही थी। जमीयल-ए-उलमा हिंद और पूर्व पालिकाध्यक्ष अरशद जमाल के नेतृत्व में ज्ञापन आदि सौंपे जा चुके थे। रविवार की रात से ही वर्ग विशेष के कुछ वाट्सएप ग्रुप में युवाओं की नाराजगी सामने आ रही थी तथा सोमवार को विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया गया। सदर चौक पर सोमवार की दोपहर दो बजे युवा जुटने शुरू हुए। वहां से निकला विरोध जुलूस जब रौजा से घूमकर वापस मिर्जाहादीपुरा की ओर बढ़ा तो भीड़ बढ़ती गई।
मिर्जाहादीपुरा में भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। देखते ही देखते अराजक भीड़ ने रोडवेज की दो बसों के शीशे तोड़ दिए, इसमें कई यात्री घायल हो गए। पुलिस जब इसे रोकने आगे बढ़ी तो पुलिस पर पथराव शुरू हो गया। फिर तो पथराव की तीव्रता बढ़ती गई। लगभग तीन घंटे तक जमकर पथराव होता रहा। पुलिस भागती नजर आई। जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी और पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य के पहुंचने के बाद बेकाबू उपद्रवी भीड़ पर आंसू गैस छोड़ी गई। फिर भी उपद्रवी टस से मस नहीं हुए। पुलिस को फिर पीछे हटना पड़ा।
उपद्रवियों की भीड़ ने गृहस्थ पेट्रेाल पंप पर खड़ी मीडियार्किमयों और पुलिस की गाड़यिों को आग लगा दी। उपद्रवी भीड़ दक्षिणटोला थाने में घुस गई। थाने की चहारदीवारी ढहा दी। अंदर खड़े लगभग आधा दर्जन वाहनों को जला दिया। सीज किए गए वाहनों को उपद्रवी खींचकर सड़क पर लेते आए, हालांकि तब तक फिर पहुंची फोर्स ने उन्हें जलने से बचा लिया और उपद्रवियों को खदेड़ दिया। जिलाधिकारी ने उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दे दिए। मौके पर लगभग साढ़े सात बजे कई जनपदों की पुलिस फोर्स पहुंचना शुरू हो गई थी।