वाह विधायक जी! वाराणसी में शिलान्यास तो कर दिए, निर्माण करवाना भूल गए

पिछले वर्ष 22 दिसंबर को कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने कोदोपुर वार्ड में गली निर्माण का शिलान्यास किया तो लोगों में एक उम्मीद की किरण जगी की। वर्षों से कच्ची गली से चलने से अब उन्हें छुटकारा मिल जाएगा लेकिन छह माह बीत गया समस्या उसी तरह बनी है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 04:03 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 04:03 PM (IST)
वाह विधायक जी! वाराणसी में शिलान्यास तो कर दिए, निर्माण करवाना भूल गए
सौरभ श्रीवास्तव ने कोदोपुर वार्ड में गली निर्माण का शिलान्यास किया तो लोगों में एक उम्मीद की किरण जगी की।

वाराणसी, जेएनएन। पिछले वर्ष 22 दिसंबर को कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने कोदोपुर वार्ड में गली निर्माण का शिलान्यास किया तो लोगों में एक उम्मीद की किरण जगी की। वर्षों से कच्ची गली से चलने से अब उन्हें छुटकारा मिल जाएगा लेकिन छह माह बीत गया समस्या उसी तरह बनी है। विधायक जी शिलान्यास तो कर दिए लेकिन निर्माण करवाना भूल गए। बारिश के कारण गलियां कीचड़ से पट गई हैं। फिसलन से होकर लोग आवाजाही करने को विवश हैं। अब लोगों में आक्रोश बढ़ने लगा है।

कोदोपुर वार्ड में विधायक ने 32 लाख रुपये से पांच गलियों की 382 मीटर लंबी सड़क के मरम्मत का शिलान्यास किया था। तीन गली का निर्माण तो करा दिया गया लेकिन दो गलियां आज भी दुश्वारियां झेल रही हैं। नागेंद्र से चंद्रदीप चौबे तक, अमूल राय से संजय चौबे तक और शैल कुमारी उपाध्याय से राधेश्याम दुबे के मकान तक इंटरलाकिंग का कार्य करा दिया गया है। वहीं सुरेंद्र श्रीवास्तव से गजानंद तिवारी के मकान तक और कमला देवी से अवधेश‌ सिंह मकान तक गली उसी स्थिति में पड़ी हुई है। इन गलियों में इंटरलाकिंग का कार्य न होने के कारण गंदा पानी जमा रहता है। वार्डवासी विवशतावश गंदे पानी से होकर गुजरते हैं। बरसात के दिनों में स्थिति और भी दयनीय हो जाती है। फिसलन के कारण रोजाना लोग गिरकर चोटिल होते रहते हैं।

कोदोपुर की समस्या के समाधान के लिए ही पांच गलियों का शिलान्यास किया गया था।विभाग के कुछ अधिकारी व जेई की लापरवाही से अभी भी कुछ गलियों का निर्माण नहीं शुरू हुआ।डूडा के अधिकारियों से बात कर तत्काल निर्माण शुरू कराया जायेगा।

विधायक कैंट सौरभ श्रीवास्तव

क्या कहते हैं वार्डवासी

नालियां सफाई व जल निकासी के अभाव में बजबजा रही है। जिससे बीमारी फैलने की संभावना बनी हुई है। गंदे पानी से होकर लोग आने जाने को विवश हैं। - सुधीर दुबे

दिखावे के लिए विधायक ने शिलान्यास तो कर दिया लेकिन लोग आज भी वहीं दुश्वारी झेल रहे हैं। अधिकारियों की लापरवाही की देन है कि गली में इंटरलाकिंग का कार्य नहीं हो सका। - धीरेंद्र सिंह

सबसे अधिक परेशानी बरसात के दिनों में होती है। हल्की सी बारिश होने के बाद पूरी गली कीचड़ से पट जाती है। लोग गिरकर चोटिल होते रहते हैं। - सुजीत पाठक

कीचड़ होने के कारण सबसे अधिक दिक्कत आवागमन में ही होती है। दिन में तो लोग किसी तरह आ जा लेते हैं लेकिन रात के समय दिक्कत होती है। - अंशु सिंह

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