World Heart Day 2020 : हम अपने दिल की सुनें और उसी के अनुरूप अपनी जीवनशैली रखें

दुनिया में 25 से 69 वर्ष आयु वर्ग में 25 फीसद लोगों की मौत का कारण हृदय रोग है। कुल मरीजों में करीब 30 फीसद 40 वर्ष से कम उम्र के होते हैं। हृदयाघात का कारण नसों में रुकावट और वॉल्व आदि में विकार बन रहा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 29 Sep 2020 06:21 AM (IST) Updated:Tue, 29 Sep 2020 01:20 PM (IST)
World Heart Day 2020 : हम अपने दिल की सुनें और उसी के अनुरूप अपनी जीवनशैली रखें
इस बार का विश्व हृदय दिवस अन्य वर्ष की तुलना में न केवल अलग है, बल्कि चुनौतियां भी बढ़ी हैं।

वाराणसी, जेएनएन। दुनिया में 25 से 69 वर्ष आयु वर्ग में 25 फीसद लोगों की मौत का कारण हृदय रोग है। कुल मरीजों में करीब 30 फीसद 40 वर्ष से कम उम्र के होते हैं। हृदयाघात का कारण नसों में रुकावट और वॉल्व आदि में विकार बन रहा। एक अनुमान के मुताबिक बनारस में 20-30 फीसद मौतों का कारण हृदय रोग है। हृदय रोग का प्रमुख कारण सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, जातिगत भेदभाव से उत्पन्न तनाव है। कोरोना काल में यह और बढ़ रहा है। यही कारण है कि डब्ल्यूएचओ ने इस वर्ष की थीम 'अपने दिल का उपयोग समाज, चाहने वालों और स्वयं के लिए करें रखी है। ...तो आइए हम भी अपने दिल की सुनें और उसी के अनुरूप अपनी जीवनशैली रखें।

इस बार का विश्व हृदय दिवस अन्य वर्ष की तुलना में न केवल अलग है, बल्कि चुनौतियां भी बढ़ गई हैं। बीएचयू के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डा. ओम शंकर के मुताबिक कोरोना फेफड़े के साथ ही दिल को भी नुकसान पहुंचा रहा है। ये दिल के आघात को बढ़ा देता है। पहले से दिल की बीमारी से जूझने वालों की स्थिति और भी गंभीर कर देता है। शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली जब वायरस से लड़ती है तो नसों में सूजन आ जाती है। शरीर में जगह-जगह थक्का सा जमने लगता है। हृदय में बनने वाला यह थक्का हृदयघात का कारण बन रहा है।

हृदयघात के प्रमुख कारणों में तनाव

डा. ओम शंकर के मुताबिक तनाव हृदयघात के प्रमुख कारणों में से एक है। वर्तमान में सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक, राजनीतिक, जातिगत आदि भेदभाव के साथ ही गांव से शहर जाने वालों व गांव में रहने वालों, देश के बाहर जाने वालों और देश में रहने वालों, कोरोना पॉजिटिव तथा सामान्य लोगों के बीच भेद बढ़ा है। इससे समाज में तनाव का स्तर भी बढ़ रहा है। यह केवल भारत तक ही सीमित नहीं, अन्य देशों की भी यही दशा है। इसे कम करने के लिए डब्ल्यूएचओ ने विश्व हृदय दिवस की थीम 'अपने दिल का उपयोग समाज, चाहने वालों और स्वयं के लिए करें' रखी है। तनाव कम करने का जिम्मा सरकार संग समाज व नागरिकों का भी है।

धूमपान भी है हृदयाघात का कारण

डा. ओमशंकर बताते हैं 'स्कूल-कॉलेज के दिनों में सिगरेट की लत युवावस्था में भी हार्ट अटैक का कारण बन सकती है। 30-35 साल की उम्र में हार्ट अटैक के मामले देखने को मिल रहे हैं, जिसका मुख्य कारण धूमपान है। धूमपान से दिल की धमनियों में अचानक खून का थक्का बनने से हार्ट अटैक का खतरा रहता है।

हृदय रोग के प्रमुख कारण

- निष्क्रिय जीवन शैली

- अत्यधिक तनाव

- हाइपरटेंशन

- डायबिटीज

- अधिक धूमपान

- मोटापा

-  वसायुक्त भोजन

ऐसे करें बचाव 

- हार्ट के मरीज ज्यादा भारी काम न करें।

- डायबिटीज और हाइपरटेंशन के मरीज को शुगर तथा ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण रखें।

- एक सप्ताह में कम से कम पांच दिन व्यायाम जरूर करें।

- तंबाकू का सेवन न करें।

-  वसायुक्त भोजन का सेवन न करें।

- ताजे फल, हरी सब्जियों का सेवन करें।

- चिकनाईयुक्त पदार्थ न खाएं।

- रचनात्मक-मनोरंजक कार्यों से तनाव करें दूर

- नियमित योग-ध्यान करते रहें।

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