विश्‍व मधुमेह जागृति दिवस : न हों परेशान, आयुर्वेद में मधुमेह संग जिंदगी कहींं अधिक आसान

मधुमेह का नाम सुनते है कई लोगो के मन में भय पैदा हो जाता है। कुछ दशकों पहले जो बीमारी किसी किसी को होती थी उसके विपरीत आजकल कोई ऐसा परिवार नही है जिसमे कोई ना कोई मधुमेह का रोगी ना हो।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 26 Jun 2021 03:20 PM (IST) Updated:Sat, 26 Jun 2021 03:20 PM (IST)
विश्‍व मधुमेह जागृति दिवस : न हों परेशान, आयुर्वेद में मधुमेह संग जिंदगी कहींं अधिक आसान
मधुमेह का नाम सुनते है कई लोगो के मन में भय पैदा हो जाता है।

जांगरण संवाददाता, वाराणसी। मधुमेह का नाम सुनते है कई लोगो के मन में भय पैदा हो जाता है। कुछ दशकों पहले जो बीमारी किसी किसी को होती थी, उसके विपरीत आजकल कोई ऐसा परिवार नही है जिसमे कोई ना कोई मधुमेह का रोगी ना हो।

इसकी भयावहता का अंदाज इसी से लगा सकते है की विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी आकड़ो के अनुसार पूरे विश्व में सन 1980 में मधुमेह रोगियों की संख्या 108 मिलियन थी जो 2014 में बढ़कर 422 मिलियन हो गयी। इसमे से 2017 की रिपोर्ट में 72 मिलियन मधुमेह के रोगी केवल भारत में थे जो की 2030 में इनकी संख्या बढ़कर 98 मिलियन से अधिक हो जाएगी।

ऐसा क्यों है की तमाम आधुनिक वैज्ञानिक शोधों के वावजूद रोगियों की संख्या में कमी आने की बजाय दिनोंदिन वृद्धि होती जा रही है। ऐसा इसलिए है की हम आलसी प्रवृत्ति के होते जा रहे है, हमारी दिनचर्या अस्त व्यस्त होती जा रही है और जीवन में तनाव बढ़ रहा है। ऐसे क्या उपाय हो सकते है जिनका पालन करके हम अपने मधुमेह को नियंत्रित कर सकते है इसके बार में बता रहे है चौकाघाट स्थित राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय , वाराणसी के कायचिकित्सा एवं पंचकर्म विभाग के डॉ अजय कुमार

मधुमेह से बचने के उपाय: आयुर्वेद में प्रमेह रोग उपचार में विभिन्न पहलूओ पर ध्यान देना पड़ता है , जिनमें शारीरिक व्यायाम, योग , पथ्य आहार एवं विहार , पंचकर्म एवम औषधि का प्रयोग महत्वपूर्ण हैं। निम्न औषधियो एवं आहार विहार का प्रयोग कर हम इसपर काबू पा सकते है -

औषधियों द्वारा उपचार -

• विजयसार - इस औषधि के त्वचा का रस तिक्त और कषाय है एवं कटु विपाक और शीत वीर्य है जो प्रमेह के उपचार में अति लाभदायक है.

• जामुन बीज चूर्ण :- जामुन के सूखे हुए बीजों का चूर्ण दिन में 2-3 बार पानी के साथ लेने से लाभ मिलता है.

• गुडमार पत्र चूर्ण - एक चम्मच गुडमार के सूखे पत्तों का चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लेने से रोग के उपचार मी लाभ मिलता है.

• न्यगरोध त्वक चूर्ण - बरगद के पेड़ की छाल का काढ़ा बनाकर पीने से भी इस रोग मेी सुधार आता है.

• शिलाजीत – यह कफज रोगो एवं प्रमेह बहुत ही उत्तम बताया है | यह एक रसायन औषधि है जो मधुमेह के कारण उत्पन्न कमज़ोरी को नियंत्रित करने में बहुत सहायक है.

• मेथी दाना - एक चम्मच मेथी के दाने गिलास पानी में रात भर भिगोकर रखकर सुबह में उनका पानी पीना चाहिए.

• करेले का रस - 20 मिली करेले का जूस हर रोज़ सुबह लेने से रोगी को लाभ मिलता है.

• आमला - 20 मिली ताज़ा अमला का जूस या ३ से ५ ग्राम चूर्ण प्रतिदिन लेने से रोग में निश्चित लाभ मिलता है.

• हरिद्रा (हल्दी) (Curcuma longa): हल्दी का सेवन अमला के रस के साथ अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है. हल्दी को दूध के साथ भी सेवन कर सकते हैं।

आयुर्वेद की शास्त्रीय औषधियां:

ऊपर बताये गए हर्ब्स के अलावा निम्न शास्त्रीय औषधियों के सेवन से भी मधुमेह नियंत्रण में रहता है--

• वसंतकुसुमाकर रस,

• शिलाजत्वादी वटी,

• प्रमेहगज केसरी रस,

• चन्द्रप्रभा वटी,

• हरिशंकर रस आदि शास्त्रोक्त औशादियो का प्रयोग करके मधुमेह पर विजय पायी जा सकती है |

व्यायाम और योग:

मधुमेह के सफल नियंत्रण के तीन मूलमंत्र है

1. सही आहार (DIET)

2. सही विहार (EXERCISE) यानी योग और व्यायाम

3. सही औषधि (MEDICINE)

ऊपर औषधियों का वर्णन कर चुके है। अब बात करते है योग और व्यायाम की।

व्यायाम से लाभ : जब आप शारीरिक व्यायाम करते हैं, तो आपकी मांसपेशियों को वह ग्लूकोज मिल जाता है जिसकी उन्हें जरुरत होती है. और बदले में, आपके ब्लड शुगर का स्तर नीचे चला जाता है. व्यायाम के द्वारा डायबिटीज को नियंत्रण में रखना लम्बा और स्वस्थ जीवन जीने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। शारीरिक व्यायाम इंसुलिन संवेदनशीलता और ग्लूकोज मेटाबोलिज्म में वृद्धि करता है। मधुमेह एक तनावपूर्ण बीमारी है, कसरत करने से आपको मानसिक रूप से अच्छा महसूस करने में मदद मिलती है. व्यायाम आपके मनोदशा में सुधार कर सकता है। व्यायाम वजन कम करने और कम वजन बनाए रखने में भी सहायता करता है।

किस तरह के व्यायाम करने चाहिए : सबसे ज़रूरी बात यह है कि कोई भी व्यायाम करने के पहले चिकित्सक से सलाह ज़रूर ले लें। व्यायाम करने से बहुत अधिक लाभ मिलते हैं, लेकिन इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि इससे आपके ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करना आसान हो जाता है. शारीरिक कसरत आपके ब्लड में शुगर को सामान्य कर सकता है. |

व्यायाम के रूप में निम्न क्रिया कलाप कर सकते है

• जॉगिंग,

• सुबह तेज कदमों से चलना,

• तैरना,

• किसी भी खेल को 45 मिनटों तक खेलना,

• साइकिल चलाना,

• लंबी पैदल यात्रा आदि ।

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