World Blood Donation Day : बस रक्तदान से बन जाता है हेल्थ कार्ड, हार्ट की बीमारी का खतरा भी कम

World Blood Donation Day 2021 जब आप रक्तदान करते हैं तो मात्र एक यूनिट ही खून देते हैं लेकिन इससे चार लोगों की जिंदगी बचा सकती है। कारण की आपके एक यूनिट ब्लड से पीआरबीसी फ्रेश फ्रोजेन प्लाज्मा प्लेटलेट्स के साथ क्रायो प्रेसीपीटर बनता है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 08:10 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 08:10 PM (IST)
World Blood Donation Day : बस रक्तदान से बन जाता है हेल्थ कार्ड, हार्ट की बीमारी का खतरा भी कम
आपके एक यूनिट ब्लड से पीआरबीसी, फ्रेश फ्रोजेन प्लाज्मा, प्लेटलेट्स के साथ क्रायो प्रेसीपीटर बनता है।

वाराणसी [मुकेश चंद्र श्रीवास्तव]। जब आप रक्तदान करते हैं तो मात्र एक यूनिट ही खून देते हैं, लेकिन इससे चार लोगों की जिंदगी बचा सकती है। कारण की आपके एक यूनिट ब्लड से पीआरबीसी, फ्रेश फ्रोजेन प्लाज्मा, प्लेटलेट्स के साथ क्रायो प्रेसीपीटर बनता है। यही नहीं आप का मुफ्त में हेल्थ कार्ड भी बन जाता है, क्योंकि हिमोग्लोबीन, ब्लड प्रेशर के साथ ही हेपेटाइटिस बी व सी, एचआवी, मलेरिया, सिफलिस बीमारी की जांच भी हो जाती है। यही नहीं नियमित रक्तदान करने से हृदय रोग की भी आशंका कम रहती है। आप रक्तदान कर देश एवं समाज की सेवा की मिशाल भी बन सकते हैं, क्योंकि खून किसी फैक्ट्री में नहीं बनता। बल्कि मानव ही दूसरे मानव को देता है। अगर पूर्वांचल के एम्स कहे जाने वाले चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू स्थित सर सुंदरलाल अस्पताल के ब्लड बैंक की बात की जाएं तो यहां पर ब्लड का सपरेशन कर 100 फीसद कंपोनेंट बनाने की सुविधा हैं।

ब्लैक फंगस के मरीजों को पड़ रही खून की जरूरत

कोरोना की दूसरी लहर जब पीक पर थी तब बीएचयू के ब्लड बैंक में रक्त की आपूर्ति कम तो हुई ही थी साथ ही खपत भी महज 15-20 प्रतिदिन ही थी। अब यहां पर खपत प्रतिदिन 40-50 यूनिट तक पहुंच गई है। सबसे अधिक खून दुर्घटना, ऑपरेशन व थैलेसीमिया के मरीजों को दिया जाता है। अब ब्लैक फंगस के मरीजों को भी प्रतिदिन 3-4 यूनिट खून की जरूरत पड़ रही है। कारण कि अधिकतर मरीजों का आपरेशान हो रहा है।

इनकी जांच में लग जाते हैं तीन-चार हजार रुपये

अगर किसी सेंटर में हेपेटाइटिस बी व सी, एचआवी, मलेरिया, सिफलिस बीमारी की जांच कराई जाए तो करीब तीन-चार हजार रुपये खर्च हो जाते हैं। हालांकि जब कोई रक्तदान करता है तो इसकी मुफ्त में जांच हो जाती है। कारण कि आपके द्वारा दिए गए रक्त की बकाए बीएचयू के हाईटेक लैब में जांच की जाती है। साथ ही आपके शरीर के अंदर खून उपलब्धता एवं बीपी की भी जांच हो जाती है। यही नहीं शोध में पाया गया है कि जो लोग नियमित रूप से रक्तदान करते हैं उनमें हृदय संबंधी रोग का भी खतरा कम रहता है।

- डा. संदीप कुमार, प्रभारी, ब्लड बैंक, सर सुंदरलाल अस्पताल, बीएचयू

रक्तदान के फायदे :

-अगर आप एक बार रक्तदान करते हैं तो चार लोगों को नई जिंदगी देते हैं। एक यूनिट खून में चार कंपोनेंट (प्लेटलेट्स, पीआरबीसी, फ्रेश फ्रोजेन प्लाज्मा, क्रायो प्रेसीपीटर) तैयार किए जाते हैं। यहीं नहीं रक्तदान के बाद ब्लड बैंक में आधुनिक मशीनों से पूरे शरीर की भी स्क्रीनिंग कर ली जाती है।

इनके काम आता आपका दिया खून 

-प्रसव के दौरान मां के लिए।

- नवजात का रक्त बदलने के लिए।

- दुर्घटना-आपदा में घायलों के लिए।

- हृदय रोग, अंग प्रत्यारोपण आदि में।

- थैलेसीमिया, हीमोफीलिया, कैंसर में।

- अब ब्लैक फंगस के मरीजों को भी।

ये कर सकते हैं रक्तदान

- स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर सकता है।

- उम्र 18 से 65 वर्ष के बीच हो।

- हीमोग्लोबीन 12.5 व वजन 45 किग्रा हो।

- रक्तदान में तीन माह का अंतर हो।

रक्तदान करने के बाद इस पर दें ध्यान

-24 घंटे धूम्रपान, तंबाकू, शराब से दूरी।

- 24 घंटे भारी वजन बिल्कुल न उठाएं।

- दो घंटे साइकिल व बाइक न चलाएं।

-सामान्य से 4-5 लीटर ज्यादा पानी पीएं।

- तीन घंटे तक धूप में नहीं निकलें।

- पौष्टिक आहार लें, खाली पेट न घूमें।

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