दुनिया हुई वाराणसी के गुलाबी मीनाकारी की मुरीद, शिल्पी कुंजबिहारी सिंह को मिला वर्ष भर का आर्डर
विलुप्त हो रही गुलाबी मीनाकारी की कला को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व फलक पर संवारते हुए काशी के शिल्पियों को एक नया मुकाम दिया है। जिससे काशी की इस कला के चर्चे अब वैश्विक फलक पर हो रहे हैं।
वाराणसी, सौरभ चंद्र पांडेय। विलुप्त हो रही गुलाबी मीनाकारी की कला को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व फलक पर संवारते हुए काशी के शिल्पियों को एक नया मुकाम दिया है। जिससे काशी की इस कला के चर्चे अब वैश्विक फलक पर हो रहे हैं। शुक्रवार को पीएम मोदी ने जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति को कमला हैरिस और आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्काट मारिसन को जब यह अनोखा उपहार भेंट किया तो काशी के इस कला का गुलाबी चटख रंग जीवंत हो गया। इस उपहार को बनाने वाले गायघाट निवासी राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कुंजबिहारी सिंह के पास शाम होते-होते वर्ष भर के लिए आर्डरों की भरमार लग गई।
समर्थ से तैयार होगी शिल्पियों की फौज
कुंजबिहारी सिंह ने बताया कि इस अनोखे कला के लिए वह दो अक्टूबर से गायघाट में दो माह का एक प्रशिक्षण शिविर शुरु करने जा रहे हैं। जिसका आनलाइन उद्घाटन टेक्सटाइल मंत्री करेंगे। इसमें तीस महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
उधर पीएम ने किया उपहार भेंट, इधर आर्डर की भरमार
दोपहर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपहार भेंट किया तो शाम होते-होते शिल्पी कुंजबिहारी सिंह के पास आर्डर की भरमार लग गई। अभी तक योगा मोमेंटो का 12 सेट, चेस का 25 सेट और बड़े हाथी के 12 सेट का आर्डर उनको मिला है। जैसे-जैसे यह तैयार होता जाएगा वैसे-वैसे उसकी डिलीवरी होती जाएगी।
सीसीआइसी ने फोन पर मांगा ब्योरा, बुलाया दिल्ली
सेंट्रल काटेज इंडस्ट्रीयल इंपोरियम नई दिल्ली की ओर से 19 सितंबर की शाम को फोन आया। उन्होंने मुझसे उपहार का ब्योरा मांगा। फिर मुझसे 20 सितंबर को दिल्ली आने के लिए कहा गया। उसी रात 1:10 बजे हम स्पेशल ट्रेन से दिल्ली गए। जहां सीसीआइसी के अधिकारियों को हमने एक चेस सेट और एक योगा मोमेंटो सेट दिया।
एक महीने में तैयार होता है चेस सेट, 50 हजार है कीमत
शिल्पी कुंड बिहारी सिंह ने बताया कि चेस का सेट तैयार करने में लगभग एक माह का समय लग जाता है। इसकी कीमत लगभग 25 हजार रुपये है। वही योगा सेट की कीमत लगभग बीस हजार रुपये है। जो लगभग बीस दिन में तैयार होता है।
प्रशिक्षण के बाद सीसीआइसी में करवा सकते हैं पंजीकरण
गुलाबी मीनाकारी के शिल्पी अपने उत्पाद के विक्रय के लिए सीसीआइसी में पंजीकरण करवाकर इसे अपना उत्पाद दे सकते हैं। विक्रय के बाद बिक्री की राशि शिल्पी को दी जाती है। प्रशिक्षण के बाद सभी महिलाओं का सीसीआइसी में पंजीकरण भी कराया जाएगा।