World Alzheimers Day : बेहतर प्रबंधन से अल्जाइमर रोगी बिता सकता है सामान्य जीवन, बीएचयू में वेबिनार आयोजित
यूरोलाजी विभाग के प्रो. आरएन चौरसिया ने अल्जाइमर के प्रारंभिक लक्षणों उसके उपचार एवं दवा आदि की जानकारी दी। बताया वर्तमान में विज्ञान के पास इस बीमारी का कोई खास इलाज नहीं हैं। इसलिए रोग का प्रबंधन ही सबसे अधिक महत्व रखता है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। उम्र ढलने के साथ ही तमाम तरह की बीमारियां हमारे शरीर को निशाना बनाना शुरू कर देती हैं। इन्हीं में से एक है भूलने की आदत (अल्जाइमर्स-डिमेंशिया)। ऐसे बुजुर्गों की तादाद लगातार बढ़ रही है। इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है, लेकिन बेहतर प्रबंधन, शारीरिक व्यायाम, पौष्टिक आहार और अच्छी नींद से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यह बातें विश्व अल्जाइमर दिवस पर मनोविज्ञान अनुभाव-महिला महाविद्यालय व न्याूलाजी विभाग-आइएमएस बीएचयू की ओर से आयोजित वेबिनार में वक्ताओं ने कही।
बतौर मुख्य वक्ता न्यूरोलाजी विभाग के प्रो. आरएन चौरसिया ने अल्जाइमर के प्रारंभिक लक्षणों, उसके उपचार एवं दवा आदि की जानकारी दी। बताया वर्तमान में विज्ञान के पास इस बीमारी का कोई खास इलाज नहीं हैं। इसलिए रोग का प्रबंधन ही सबसे अधिक महत्व रखता है। न्यूरोलाजी विभाग के डा. अभय कुमार सिंह ने कहा कि पूर्वांचल में अल्जाइमर के बहुत सारे रोगी पाए जा रहे हैं और इनके प्रारंभिक अवस्था को माइल्ड काग्निटिव इंपेयरमेंट (एमसीआइ) कहते हैं। इन रोगियों में विटामिन-डी की अत्यधिक कमी होती है, जिसके कारण इनकी ब्रेन की कोशिकाएं जल्दी मर जाती हैं। यदि वृद्ध लोगों में विटामिन-डी का लेवल चेक किया जाए तो यह अधिकतर में कम पाया जाता है। इसी कमी की वजह से उनमें इस रोग की आशंका अधिक रहती है। वहीं मनोविज्ञान अनुभाग के डा. नवीन ने इस बीमारी के प्रबंधन में भावनात्मक और सामाजिक समर्थन को जरूरी बताया। स्वागत डा. कविता पांडेय व शिल्पा चौधरी, संचालन डा. नुसरत अफरोज एवं धन्यवाद ज्ञापन डा. वंदना गुप्ता ने किया।
सजग रहकर करें अल्जाइमर का प्रबंधन
गृहविज्ञान विभाग व समाजशास्त्र अनुभाग, एमएमवी की ओर से विश्व अल्जाइर दिवस पर एक दिवसीय व्याख्यान आयोजित हुआ। मुख्य वक्ता राजस्थान विवि-जयपुर की डा. सुभा दुबे ने साधारण भूलने की आदत और अल्जाइमर बीमारी के बीच के अंतर को स्पष्ट किया। कहा सामाजिक-सांस्कृतिक आधार पर बहुत ही सजगता के साथ परिवारीजनों को इस बीमारी का प्रबंधन करना होता है। वहीं न्यूरोलाजी विभाग, आइएमएस-बीएचयू के डा. अभिषेक पाठक ने अल्जाइमर रोग के लक्षणों एवं प्रबंधन विधि को विस्तार से बताया। साथ ही स्वजनों को अधिक सजगता बरतने की सलाह दी। स्वागत प्रो. कल्पना गुप्ता व प्रो. रीता सिंह, संचालन डा. प्रशंसा शर्मा व डा. सर्वेश पांडेय एवं धन्यवाद ज्ञापन डा. मुक्ता सिंह ने किया।