एनसीएल की किसान गंगा से निकली रही स्वरोजगार की धारा, आइआइटी बीएचयू इंक्यूबेशन सेंटर के साथ काम शुरू
एनसीएल ने आइआइटी बीएचयू इंक्यूबेशन सेंटर के सहयोग से आस-पास के क्षेत्र में किसानों को जैविक खेती खाद्य प्रसंस्करण स्थानीय उपज के मूल्यवर्धन व तैयार उत्पाद को सही स्थान पर बेचने जैसे अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
सोनभद्र, जेएनएन। मिनीरत्न कंपनी नार्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड सामाजिक निगमित दायित्व के तहत स्थानीय किसानों के कौशल विकास एवं आय में बढ़ोतरी के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम जारी है। एनसीएल ने आइआइटी बीएचयू इंक्यूबेशन सेंटर के सहयोग से आस-पास के क्षेत्र में किसानों को जैविक खेती, खाद्य प्रसंस्करण, स्थानीय उपज के मूल्यवर्धन व तैयार उत्पाद को सही स्थान पर बेचने जैसे अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। एनसीएल-आइआइटी बीएचयू के सहयोग से सिंंगरौली जिले के बिरकुनिया गांव में किसानों को जैविक कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण पर एक माह का प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान क्षेत्रीय महिलाओं ने अचार, मुरब्बा, जैम, जेली, सांस, चिप्स, पापड़ आदि बनाने का प्रशिक्षण लिया।
जैविक खेती व आय बढ़ाने के सीखे गुर
एक माह के प्रशिक्षण के दौरान किसानों ने जैविक विधि से सब्जियों की खेती और प्रसंस्करण, जैविक खाद एवं जैविक कीटनाशक बनाने एवं जैविक विधि से खर पतवार एवं कीट प्रबंधन के गुर सीखें। प्रशिक्षण के दौरान किसानों को रासायनिक उर्वरकों के बगैर जैविक विधि से सब्जी उगाना, सुरक्षात्मक वनस्पति नर्सरी संयंत्र का विकास, एकीकृत माडल के साथ लाभदायक मौसमी सब्जी उगाना, सब्जी उगाने में आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग, सब्जियों का संरक्षण, उत्पाद की पैकेजिंग, लेवलिंग, ब्रांडिंग व मार्केटिंग तथा स्थानीय उपज के मूल्यवर्धन के गुर सिखाए गए। किसानों को मुख्यत: मटर, गाजर, पालक, मेथी, धनिया, फूलगोभी, टमाटर, चुकंदर, लोबिया, मुली, गेहूं आदि की खेती करने की अत्याधुनिक विधियों में प्रशिक्षित किया गया।
किसान सीख रहे हैं मशरूम की खेती
एनसीएल-आईआईटी बीएचयू इंक्यूबेशन सेंटर के सहयोग से ग्राम पंचायत सेमुआर में औषधीय और खाद्य मशरूम की खेती तथा प्रसंस्करण पर दो महीने का प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा हैं। इसके तहत 20 ग्रामीणों तथा आईटीआई के 20 छात्रों को प्रशिक्षित कृषकों की एक टीम द्वारा मशरूम की खेती के लिए सेटअप तैयार करने, फसल उगाने और कटाई के बाद के प्रबंधन, भंडारण, विपणन आदि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
महानगरों में बिकेगा सिंंगरौली का जैम व जेली
सिंगरौली व आसपास के क्षेत्र में उत्पादित फल, सब्जियों तथा अन्य फसलों के उत्पाद (जैम, जेली, आचार,मुरब्बा, आलू के चिप्स, पापड़, सेवईं ) आदि बनाकर उनके मूल्य संवर्धन के तरीके सिखाए गए। साथ ही इन उत्पादों को खराब होने से बचाने के तरीकों से भी अवगत कराया गया है। स्थानीय व महानगरों के बाजार में यहां के बने उत्पादों की बिक्री की व्यवस्था भी की जा रही है। गौरतलब है की एनसीएल की मुहिम किसान गंगा के अंतर्गत 10 हजार किसानों को कृषि संबंधी विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षण देकर सीधे ग्राहकों से जोडऩे का कार्य प्रगति पर हैं। इसके माध्यम से किसान अपनी फसल व उत्पाद सीधे ग्राहकों तक पहुंचा सकेंगे जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी हो सकेगी।