बलिया जेल में बंद महिला बंदियों ने ग्रीन बेल्ट, सुनसान दीवारें अब दिखने लगीं हरी-भरी

बलिया जेल के सलाखों में महिला बंदियों ने जिंदगी को कुछ हद तक खुशहाल बनाने के लिए ग्रीन बेल्ट तैयार कर दिया है। पानी पीकर फेंकी गई सौ से अधिक बोतलों में पौधे लगाकर जेल की दीवारों पर टांग दिया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 22 Feb 2021 08:10 AM (IST) Updated:Mon, 22 Feb 2021 08:10 AM (IST)
बलिया जेल में बंद महिला बंदियों ने ग्रीन बेल्ट, सुनसान दीवारें अब दिखने लगीं हरी-भरी
सलाखों में महिला बंदियों ने जिंदगी को कुछ हद तक खुशहाल बनाने के लिए ग्रीन बेल्ट तैयार कर दिया है।

बलिया [सुधीर तिवारी]। जेल के अंदर घुटन भरी जिंदगी पूरी तरह से असहाय हो जाती है। ऐसे में सलाखों में महिला बंदियों ने जिंदगी को कुछ हद तक खुशहाल बनाने के लिए ग्रीन बेल्ट तैयार कर दिया है। पानी पीकर फेंकी गई सौ से अधिक बोतलों में पौधे लगाकर जेल की दीवारों पर टांग दिया है। अब जेल की दीवार हरियाली से चहक उठी हैं। महिला बंदी मनीषा, ज्योति, प्रीति, राज लक्ष्मी, संजू, तेतरी व मीना ने मिलकर विभिन्न प्रजाति के फूल के पौध लगा दिए हैं। इनका सहयोग इनरव्हील क्लब की पूर्व चेयरमैन नंदनी तिवारी व महिला कांस्टेबल मीना ने किया है।

होटल से मंगाते बोतल

फूल-पौधे लगाने के लिए बोतल की कमी को दूर करने के लिए इनर व्हील क्लब ने होटल वालों से संपर्क किया। 20-25 पानी की बोतल खाली होने पर सूचना देते हैं। फिर उसे जेल के अंदर ले जाकर कङ्क्षटग कर गोबर की खाद युक्त मिट्टी महिला कैदी भर देती हैं। इसके बाद पौधे लगाकर उसे जेल की दीवारों पर कील व तारों के सहारे डिजाइन में टांग दिया जाता है। इसकी देखरेख भी वहीं करती हैँ।

लगाएं गए ये फूल-पौधे

गेंदा, मनी प्लांट, गुडलक, पुदीना, स्पाइंडर, प्रोजलुका, पिल्टोनियम, चेरी बेरी आदि।

संस्था करती पौधों की व्यवस्था

पानी की बेकार बोतलों में पौधे की व्यवस्था संस्था की महिला सदस्य अपनी तरफ से करती हैं। कुछ एकत्रित धन से इसके लिए पौधे की खरीददारी की जाती है।

क्लब की पहल से सकारात्मक परिणाम भी दिखने लगे है

क्लब की पहल से सकारात्मक परिणाम भी दिखने लगे है। बंदी महिलाओं के चेहरे से उदासी गायब है। वह इस कार्य में काफी रूचि भी दिखाने लगी हैं। साथ ही जेल की दीवार भी सुंदर लगने लगा है।

-प्रशांत मौर्या, जेल अधीक्षक, जिला कारागार।

बंदी महिलाएं काफी रूचि दिखा रही हैं

जेल की सुनसान दीवारों को देखने के बाद हम सभी के मन में यह विचार आया। जेलर से वार्ता के बाद कार्य को मूर्त रूप दिया गया। बंदी महिलाएं काफी रूचि दिखा रही हैं। घर जाने के बाद वह कारोबार भी कर सकती हैं।

-नंदन तिवारी, पूर्व चेयरमैन, इनर व्हील क्लब।

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