मां की उम्मीदों को तारीख पर तारीख, दीनदयाल अस्पताल में धूल धूसरित हो रहा महिला चिकित्सालय का सपना

जच्चा- बच्चा की सुरक्षा के लिए केंद्र से प्रदेश तक की सरकार भले पूरी ताकत लगाए लेकिन इसकी एक मजबूत कड़ी बेपरवाही की जद में जकड़ी पड़ी है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sun, 24 Nov 2019 10:00 AM (IST) Updated:Sun, 24 Nov 2019 10:00 AM (IST)
मां की उम्मीदों को तारीख पर तारीख, दीनदयाल अस्पताल में धूल धूसरित हो रहा महिला चिकित्सालय का सपना
मां की उम्मीदों को तारीख पर तारीख, दीनदयाल अस्पताल में धूल धूसरित हो रहा महिला चिकित्सालय का सपना

वाराणसी [प्रमोद यादव]। जच्चा- बच्चा की सुरक्षा के लिए केंद्र से प्रदेश तक की सरकार भले पूरी ताकत लगाए लेकिन इसकी एक मजबूत कड़ी बेपरवाही की जद में जकड़ी पड़ी है। दीनदयाल अस्पताल परिसर में महिलाओं के जिस चिकित्सालय को पिछले साल की पहली तिमाही में ही तैयार हो जाना था, तीन बार कार्य पूर्णता अवधि में विस्तार के बाद भी मातृशक्ति को उसका अभी इंतजार है। नोएडा की ठीकेदार फर्म दुग्गल एसोसिएट की कच्छप गति व कार्यदायी एजेंसी राजकीय निर्माण निगम की मूंदहु आंख कतहुं कछु नाहीं... जैसी मति देखते हुए इसके आगे भी जारी रहने की आशंका जताई जा रही है। 

32 माह में 50 फीसद कार्य 

अस्पताल के जिस भवन को नौ माह में तैयार किया जाना था, 32 माह में सिर्फ 50 फीसद कार्य किया जा सका। यह आकलन भी जारी धन खर्च के आधार पर किया गया है जबकि मौके पर सिर्फ गर्डर-पिलर पर ढांचा खड़़ा किया जा सका है। फिलहाल रैैंप व छत आदि की ढलाई चल रही है। सितंबर में कार्य पूर्णता अवधि पूरी होने पर इसे मार्च 2020 तक विस्तार दे दिया गया है। यह बात और है कि जून से नवंबर तक में महज दस फीसद कार्य आगे बढ़ सका। 

आवास को लेकर बदल गया मन

प्रोजेक्ट के लिए स्वीकृत 21.88 करोड़ में से 13.50 करोड़ जारी किए जा चुके हैैं जिसमें 10.44 करोड़ खर्च हो चुके हैैं। डाक्टर-स्टाफ के लिए आवास भी बनाया जाना है। इसके लिए डाक्टर्स कालोनी में जमीन मिल चुकी है लेकिन शुरूआत नहीं की जा सकी है। निर्माण एजेंसी ने सामान्य विधा से इसे बनाने की मांग की जो खारिज किया जा चुका है। 

पिछली सरकार ने खींचा खाका 

महिला स्वास्थ्य की बेहतरी और सुविधा विस्तार के लिहाज से वर्ष 2016-17 में तत्कालीन सरकार ने वरुणापार में 50 बेड के महिला अस्पताल का खाका खींचा था। साथ ही 21.88 करोड़ रुपये स्वीकृत करते हुए तत्परता की दृष्टि से प्री-फैब्रिकेटेड तकनीक का चयन किया गया। इस छह मंजिला भवन निर्माण मार्च 2017 में शुरू कर मार्च 2018 में पूरा कर लेना था। 

फटकार बेअसर 

मंडलायुक्त मे जून में निरीक्षण के दौरान 27 माह में महज 40 फीसद निर्माण पर क्लास लगाई थी। सितंबर में पेनाल्टी भी लगाई जा चुकी है। खास यह कि इसी विधा से बीएचयू का महामना कैंसर संस्थान सिर्फ दस माह में तैयार हो गया। राजकीय निर्माण निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर आरवी सिंह के अनुसार बाधाएं दूर कर ली गई हैैं। प्रोजेक्ट ने तेजी पकड़ ली है। मार्च तक अस्पताल तैयार हो जाएगा। 

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