चंदौली में मगरमच्छ के हमले में महिला की मौत, जबड़े में फंसा शव जान जोखिम में डालकर निकाला
पार्वती सोनकर (45) की बुधवार को मगरमच्छ के हमले में मौत हो गई। वे गांव के समीप दूमुहवा स्थित खेत से पशु चारा काट रही थीं। इसी बीच समीपवर्ती चंद्रप्रभा नदी से निकलकर मगरमच्छ ने महिला पर हमला कर दिया। मगरमच्छ महिला को नदी में खींच ले गया।
चंदौली, जागरण संवाददाता। चंद्रप्रभा नदी के किनारे पार्वती (45) नामक एक महिला को बुधवार की सुबह मगरमच्छ पानी में खींच ले गया। वो अपने पशुओं के लिए घास काटने गई थी। उसके साथ उसकी बेटी चंदा (12) भी थी। बेटी ने जब देखा कि मां को मगरमच्छ खींच ले गया तो वो मदद के लिए चिल्लाने लगी। उसकी आवाज सुनकर पिता जग्गू सोनकर और पास ही स्थित भीषमपुर गांव के लोग नदी किनारे पहुंच गए। उन्होंने पूरा मामला समझा तो इस उम्मीद में नदी में मछली पकडऩे वाला जाल फेंका कि शायद महिला मगरमच्छ के जबड़े से छूट गई हो तो इसमें फंस जाएगी।
हालांकि जाल की व्यवस्था करने में करीब आधा घंटा लग गया। जाल फेंकने के थोड़ी देर बाद सबको लगा जैसे जाल में कुछ फंसा है। पहले तो तीन-चार लोगों ने उसे खींचना चाहा लेकिन सफल नहीं हुए। फिर आठ-दस लोगों ने मिलकर जाल खींचना शुरू किया। जाल जब बाहर आया तो उनकी आंखें फटी की फटी रह गईं। उन्होंने देखा कि जाल में मगरमच्छ फंसा है और उसके जबड़े में महिला। महिला हिल-डुल नहीं रही थी। सबने हिम्मत करके महिला को मगरमच्छ के जबड़े से निकालने के लिए जुट गए।
किसी ने मगरमच्छ को पीछे से पकड़ा तो किसी ने लाठी की सहायता से उसके हिलने-डुलने पर काबू पाया। ऐसा लग रहा था कि आठ-दस लोग भी उस मगरमच्छ को काबू में लाने के लिए कम पड़ेंगे। लेकिन धीरे-धीरे मगरमच्छ सुस्त पड़ता गया। मौका देखते ही लोगों ने उसके जबड़े से महिला को खींच लिया। इसके बाद मगरमच्छ भी पानी में भाग गया। उधर, सूचना मिलने के बाद भी पुलिस व वन विभाग की टीम मौके पर नहीं पहुंची तो नाराज ग्रामीणों ने चकिया के सहदुल्लापुर तिराहे पर शव रखकर चक्काजाम कर दिया। बाद में पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेने का प्रयास किया तो ग्रामीणों से नोकझोंक भी हुई। कोतवाल राजेश यादव ने मुश्किल से ग्रामीणों को शांत कराया और शव कब्जे में लिया।
लोगों ने जताया रोष : ग्रामीण शव को लेकर नगर स्थित सदुल्लापुर तिराहे पर पहुंचे और चक्का जाम कर दिए। आक्रोशित लोगों का कहना रहा कि सूचना दिए जाने के बाद भी इलाकाई दरोगा सहित वन विभाग का कोई कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा। लोग मृतक आश्रित को 10 लाख रुपये मुआवजा की मांग पर अड़े थे। लगभग ढाई घंटे चक्का जाम से आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया। मौके पर पहुंचे तहसीलदार शेष धर दुबे व कोतवाल राजेश यादव ने ग्रामीणों को समझा- बुझाकर शांत कराया। आश्वासन दिया कि मृतक आश्रित मुआवजा दिया जाएगा और जो भी दोषी होगा उसके विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। इस आश्वासन पर चक्का जाम समाप्त हुआ। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया।