मौसम का मिला साथ तो खरीफ की खेती हुई आसान, धान व मक्का की हो चुकी 60 फीसद रोपाई

मौसम का साथ मिलने का ही परिणाम है कि लक्ष्य का अब तक करीब 60 फीसद से अधिक क्षेत्र में धान व मक्‍का की रोपाई की जा चुकी है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 13 Jul 2020 07:30 AM (IST) Updated:Mon, 13 Jul 2020 09:41 AM (IST)
मौसम का मिला साथ तो खरीफ की खेती हुई आसान, धान व मक्का की हो चुकी 60 फीसद रोपाई
मौसम का मिला साथ तो खरीफ की खेती हुई आसान, धान व मक्का की हो चुकी 60 फीसद रोपाई

बलिया, जेएनएन। आषाढ़ और सावन मास में मौसम की मेहरबानी से किसान काफी खुश हैं। मौसम का साथ मिलने का ही परिणाम है कि जिले में लक्ष्य का अब तक 60 फीसद से अधिक क्षेत्र में धान की रोपाई की जा चुकी है। जबकि मक्का की खेती भी 50 फीसद के आस-पास हो चुकी है। जनपद में इस बार कुल एक लाख 57 हजार हेक्टेयर भू-भाग पर खरीफ की खेती की जानी है। इसमेें एक लाख 19 हजार 400 हेक्टेयर क्षेत्र में धान तथा लगभग 27 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मक्का की खेती का लक्ष्य निर्धारित है। विभागीय आंकड़े के अनुसार जिले में घान की रोपाई लगभग 71640 हेक्टेयर में हो चुकी है। जबकि मक्का की बोआई जोर-शोर से चालू है।

पिछले दो दिनों से हो रही लगातार बारिश की वजह से मक्के की बोआई में परेशानी आई है लेकिन साफ मौसम होते ही इसकी बोआई भी रफ्तार पकड़ लेगी। लक्ष्य के अनुरूप करीब 16 हजार हेक्टेयर में मक्का की बोआई की जा चुकी है। इसके अलावा ज्वार, बाजरा, उर्द, मूंग, अरहर, सांवा, कोदो व मूंगफली की बोआई भी किसान कर रहे हैं। उधर खरीफ के सीजन में खेतों में लहलहा रही फसलों से किसान काफी गदगद हैं। बारिश ने किसानों का अब तक भरपूर साथ दिया है। यदि मौसम की कृपा आगे भी ऐसे ही बनी रही तो उम्मीद है कि किसानों के खेतों से निकलने वाली फसल उनके घर को भर देगी। लगातार हो रही मौसमी बारिश ने किसानों का उत्साह दोगुना हो गया है। बीते कुछ सालों में अनुकूल बारिश न होने से किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही थी। हालांकि पिछले साल भी अच्छी बारिश हुई थी लेकिन इस बार मर्द माह से ही मौसम किसानों पर मेहरबान हो गया। लिहाजा खरीफ की खेती आसान हो गई।

खरीफ की फसल के लिए मौसम का साथ देना बेहद जरूरी

खरीफ की फसल के लिए मौसम का साथ देना बेहद जरूरी है। इस साल जहां रवि की फसल से किसानों को अच्छा फायदा हुआ वहीं खरीफ के सीजन में भी मौसम भरपूर साथ दे रहा है। खड़सरा निवासी राजेश कुमार पाठक पप्पू कहते हैं कि मौसम का मिजाज देख इस बार धान की अधिक बोआई की है।समय पर बारिश होने से जहां रोपाई भी पहले प्रारम्भ हो गई है वहीं रोपाई कर दिये गये खेत पानी मिलने से हरे-भरे हैं। मौसम का आगे भी अगर साथ मिला तो धान की अच्छी पैदावार होगी। विजयीपुर निवासी किसान रामजी सिंह ने बताया कि धान की खेती में सबसे अधिक लागत सिंचाई पर आती है। इस बार बेहन डालने से लेकर रोपाई तक खेतों की सिंचाई नहीं करनी पड़ी। जीराबस्ती विनय तिवारी कहते हैं कि धान की फसल पर इस बार प्रकृति मेहरबान है। लगभग रोज बारिश हो रही है। इससे फसल का काफी लाभ हो रहा है। जय प्रकाश नगर के किसान बच्चा ङ्क्षसह कहते है कि धान व मक्का के लिए मौसम काफी अनुकूल है। खेत में फसल लहलहा रही हैं। उम्मीद है मौसम का साथ ऐसे ही मिलता रहेगा। खड़सरा के भारतेंदु पाठक के मुताबिक इंद्रदेव की कृपा के चलते धान के खेतों में काफी नमी बनी हुई है। खेतों में लहलहाती फसल को देख कर मन खुश हो जा रहा है। यदि मौसम का साथ ऐसे मिलता रहा तो इस बार धान की पैदावार भी अच्छी होगी।

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