आजमगढ़ में सरयू की कटान का दायरा बढ़ने के साथ बढ़ी ग्रामीणों की धड़कन

देवारा क्षेत्र में बहने वाली घाघरा नदी का जलस्तर स्थिर होने के बाद खतरा और बढ़ गया है। कटान का दायरा बढ़ने के साथ ग्रामीणों की धड़कन बढ़ गई है और कई गांवों के रास्ते बाढ़ के पानी में डूब गए हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 05:00 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 05:00 AM (IST)
आजमगढ़ में सरयू की कटान का दायरा बढ़ने के साथ बढ़ी ग्रामीणों की धड़कन
बगहवा गांव के दर्जन भर परिवारों के लोग कटान को देख गृहस्थी का सामान समेटने में जुट गए हैं।

आजमगढ़, जेएनएन। देवारा क्षेत्र में बहने वाली घाघरा नदी का जलस्तर स्थिर होने के बाद खतरा और बढ़ गया है। कटान का दायरा बढ़ने के साथ ग्रामीणों की धड़कन बढ़ गई है और कई गांवों के रास्ते बाढ़ के पानी में डूब गए हैं। बगहवा गांव के दर्जन भर परिवारों के लोग कटान को देख गृहस्थी का सामान समेटने में जुट गए हैं।

महुला-गढ़वल मुख्य बांध के करीब घाघरा का पानी पहुंचने से समस्या और भी बढ़ने लगी है।नदी किनारे के गांव बगहवा, झगरहवा, वासू का पूरा, सेमरी, गांगेपुर में आबादी के करीब व कृषि योग्य भूमि धारा में विलीन हो रही है, तो चक्की हाजीपुर गांव पानी से घिर चुका है। बांका, बूढ़नपट्टी, अराजी देवारा मशर्की, देवारा खास राजा आदि गांवों के रास्ते जलमग्न हो चुके हैं। ग्रामीणों के सामने आवागमन की समस्या खड़ी हो गई है। बगहवा गांव में एक दर्जन परिवारों के लोग गृहस्थी का सामान समेटकर पलायन की तैयारी कर रहे हैं।गांगेपुर रिंग बांध पिछले वर्ष बाढ़ में कटने के बाद उसकी मरम्मत न होने से समस्या और भी बढ़ गई है।

स्थिर रहा घाघरा नदी का जलस्तर

सगड़ी : घाघरा नदी का जलस्तर बुधवार को स्थिर रहा।डिघिया नाले पर मंगलवार शाम चार बजे जलस्तर 70.58 मीटर रिकार्ड किया गया, तो बुधवार को भी उतना ही रहा।यहां खतरा बिंदु 70.40 मीटर है।बदरहुआ गेज पर मंगलवार शाम चार बजे 71.19 मीटर जलस्तर रहा तो बुधवार को भी उतना ही रिकार्ड किया गया।यहां खतरा बिंदु 71.68 मीटर है।

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