फ्रांस में रह रहे वाराणसी के नितिन के बढ़े हाथ, खाने का जरूरी सामान और दवाई पहुंचना प्राथमिकता
महामारी के दौर में काशीवासियों को किसी भी जरूरी सामान और दवाई के लिए अब भटकना नहीं होगा। सात समंदर पार बैठे नितिन के मदद वाले हाथ हर किसी के साथ हैं। जरूरत चाहे जैसी भी हो आधी रात को भी नितिन श्रीवास्तव मदद के लिए तैयार रहते हैं।
वाराणसी [सौरभ चंद्र पांडेय]। महामारी के दौर में काशीवासियों को किसी भी जरूरी सामान और दवाई के लिए अब भटकना नहीं होगा। सात समंदर पार बैठे नितिन के मदद वाले हाथ हर किसी के साथ हैं। जरूरत चाहे जैसी भी हो, आधी रात को भी नितिन श्रीवास्तव मदद के लिए तैयार रहते हैं। बस उन्हें खबर मिलनी चाहिए। नितिन फ्रांस के लियोन शहर के एचसीएल कंपनी में सीनियर मैनेजर के पद पर तैनात हैं। गत वर्ष कोरोना महामारी के कारण फ्रांस में लॉकडाउन के कारण वह अपने माटी की ओर लौट गए।
फिलहाल वह महमूरगंज में रह रहे हैं। यहां उन्होंने देखा कि बहुत से लोग भूख और दवा के अभाव में तड़प रहे हैं। यह तड़प देख उन्होंने ऐसे लोगों के मदद का बीड़ा उठाया। जब उन्होंने मदद के लिए हाथ बढ़ाया तो बहुत लोगों की कतार लग गई। तब उन्होंने निर्णय किया कि जो लोग वास्तविक जरूरतमंद हैं उनतक हमारी मदद पहुंचे। नितिन के साथ वाराणसी से रमेश श्रीवास्तव, रविंद्र पांडेय, लखनऊ से सिद्धांत सिन्हा, फ्रांस से रश्मि और दीपक, आयरलैंड से विजय पॉल भी जुडे़ हुए हैं।
जारी किया मदद के लिए नंबर और ई-मेल
नितिन श्रीवास्तव ने दैनिक जागरण प्रतिनिधि को फोन पर बताया कि देश में कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए उन्होंने फोन नंबर और ई-मेल आईडी जारी किया है। उन्होंने बताया कि यदि पीड़ित के घर के आसपास यदि जरूरत का सामान उपलब्ध है तो वह ऐसे पीड़ित को नकद रूप में मदद करते हैं। यदि जरूरत का सामान या दवाई नहीं मिल रही है तब वह जरूरी सामान या दवा की व्यवस्था करके पीड़ित तक पहुंचाकर मदद करते हैं। बस पीड़ित या जरूरतमंद को 8318777482, 9958602700 इस नंबर पर फोन या Nitinsr@icloud.com, Ravindrapandey67@yahoo.com पर ई-मेल करना होगा।
दिखाना होगा 72 घण्टे का कोविड रिपोर्ट
नितिन ने बताया कि उनकी संस्था विज्जी फाउंडेशन जरूरतमंद लोगों की मदद तो कर रही है। मदद लेने के लिए पीड़ित को अपना 72 घण्टे के भीतर का कोविड रिपोर्ट दिखाना होगा। इसके साथ ही डॉक्टर का पर्चा, आधार कार्ड, फोन नंबर भी देना होगा। यह इसलिए कि जहां संस्था के सदस्य नहीं पहुंच सकते तो ऐसे पीड़ितों के खाते में 500 रुपये की राशि जमा की जाएगी। जिससे कि वह उस राशि से दवा खरीद सकें। उन्होंने बताया कि उनके इस मुहिम में उनके कई मित्र भी अब आगे आ रहे हैं। उनके एक मित्र ने स्वीडन से मदद के लिए हाथ बढ़ाया है।
25 भारतीय मूल के बच्चों की मदद तो फ्रांस में भारतीय दूतावास ने दिया सम्मान
गत वर्ष कोरोना महामारी में फ्रांस पढ़ने गए भारतीय मूल के 25 बच्चों को महामारी में रहने-खाने की मदद की तो इसके लिए फ्रांस में स्थित भारतीय दूतावास ने इसके लिए नितिन को सम्मानित भी किया।