उत्‍तर प्रदेश में स्कूल छोड़ने वाले बच्चों को प्रशिक्षण देकर बनाएंगे होनहार, बजट देगी सरकार

स्कूल छोड़ चुके बच्चों का दोबारा दाखिला कराकर उन्हें योग्य बनाने की कवायद की जा रही है। इसके लिए शासन स्तर से शारदा कार्यक्रम चलाया जा रहा है। ऐसे बच्चों का स्कूलों में दाखिला होने के बाद उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 06:01 AM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 06:01 AM (IST)
उत्‍तर प्रदेश में स्कूल छोड़ने वाले बच्चों को प्रशिक्षण देकर बनाएंगे होनहार, बजट देगी सरकार
स्कूल छोड़ चुके बच्चों का दोबारा दाखिला कराकर उन्हें योग्य बनाने की कवायद की जा रही है।

चंदौली, जागरण संवाददाता। स्कूल छोड़ चुके बच्चों का दोबारा दाखिला कराकर उन्हें योग्य बनाने की कवायद की जा रही है। इसके लिए शासन स्तर से शारदा कार्यक्रम चलाया जा रहा है। ऐसे बच्चों का स्कूलों में दाखिला होने के बाद उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके जरिए उनका बौद्धिक स्तर परखा जाएगा। इसकी जिम्मेदारी एआरपी (एकेडमिक रिसोर्स पर्सन) को सौंपी जाएगी। इसको लेकर 25 से 27 अक्टूबर के मध्य एआरपी को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए सरकार बजट देगी।

काफी संख्या में बच्चे बचपन में ही स्कूल छोड़ देते हैं। उन्हें मजदूरी आदि कार्य करने पड़ते हैं। ऐसे बच्चों को दोबारा दाखिला दिलाकर शिक्षित बनाने के लिए शासन शारदा कार्यक्रम चला रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग को स्कूलों से वंचित 14 साल तक की आयु वाले बच्चों को चिह्नित कर उनका दोबारा दाखिला कराने का निर्देश है। विभाग की ओर से ऐसे बच्चों का डाटा भी आनलाइन फीड किया जाएगा। विभाग ग्रामीण व नगरीय इलाकों में ऐसे बच्चों को ढूंढ़ रहा, जिन्होंने स्कूल छोड़ दिया है।

हर ब्लाक में ट्रेंड होंगे दो एआरपी : स्कूल से वंचित छात्र-छात्राओं को विशेष प्रशिक्षण देने के लिए हर ब्लाक में दो एआरपी को ट्रेंड किया जाएगा। इन एआरपी को राज्य स्तरीय टीम के सदस्य प्रशिक्षण की पूरी प्रक्रिया से वाकिफ कराएंगे। प्रशिक्षित एआरपी ब्लाक में कुछ शिक्षकों को प्रशिक्षण देकर दक्ष बनाएंगे। विभाग की कोशिश है कि बच्चों को स्कूल अवधि के दौरान ही प्रशिक्षण दिया जाए। ताकि इसके लिए अतिरिक्त कक्षाएं न चलानी पड़े।

शैक्षिक स्तर का होगा मूल्यांकन : प्रशिक्षण के दौरान स्कूल छोड़ चुके बच्चों के शैक्षिक स्तर का मूल्यांकन किया जाएगा। इसके अनुसार ही कक्षाओं में उनका दाखिला कराया जाएगा। इसकी सूचना एसएमसी (स्कूल मैनेजमेंट कमेटी) के सदस्यों को भी दी जाएगी। इसमें उनका भी सहयोग लिया जाएगा। ताकि बच्चे स्कूल में पढ़ाई कर मुख्य धारा से जुड़ सकें।

बोले अधिकारी : ‘ स्कूल छोड़ चुके बच्चों का जिन विद्यालयों में दाखिला होगा, उन्हीं स्कूलों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए शासन स्तर से बजट जारी किया जाएगा। इसकी निगरानी की जाएगी। ताकि बच्चों को लाभ मिल सके। - सत्येंद्र कुमार सिंह, बीएसए।  

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