बलिया में दीपावली बाद खरीदेंगे 65 कटान पीड़ितों के लिए जमीन, आवंटित किए गए हैं 63.24 लाख

गंगा की कटान में अपना घर गवां चुके गंगापुर के बाशिंदों के बीच वितरित की जानी वाली भूमि की खरीद दीपावली के बाद होगी। जलभराव के कारण यह प्रक्रिया ठहर गई थी। पीड़ितों को करीब 18 साल बाद अपनी जमीन मिलेगी। इसके लिए 64.34 लाख रुपये अवमुक्त कर दिया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 03 Nov 2021 03:58 PM (IST) Updated:Wed, 03 Nov 2021 03:58 PM (IST)
बलिया में दीपावली बाद खरीदेंगे 65 कटान पीड़ितों के लिए जमीन, आवंटित किए गए हैं 63.24 लाख
बलिया में दीपावली बाद खरीदेंगे 65 कटान पीड़ितों के लिए जमीन

जागरण संवाददाता, बलिया। गंगा की कटान में अपना घर गवां चुके गंगापुर के बाशिंदों के बीच वितरित की जानी वाली भूमि की खरीद दीपावली के बाद होगी। जलभराव के कारण यह प्रक्रिया ठहर गई थी। पीड़ितों को करीब 18 साल बाद अपनी जमीन मिलेगी। शासन ने इसके लिए 64.34 लाख रुपये अवमुक्त कर दिया है। गंगा की कटान में अपना घर गवां चुके गंगापुर के लोग स्वजनों के साथ 18 साल से एनएच-31 के बंधे पर शरण लिए हुए हैं। इस दौरान इन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

पीड़ितों ने कई बार भूमि आवंटन की मांग उठाई। उनके जख्मों पर लंबे समय बाद मरहम लगाने की तैयारी शुरू हुई है। पिछले दिनों जिला प्रशासन ने 65 कटान पीड़ितों को चिह्नित किया था, उनकी रिपोर्ट शासन को भेजी थी। जमीन खरीदने के लिए धन आवंटित हुआ है। इसके लिए करीब साढ़े तीन बीघा जमीन की तलाश की जा रही है। जल्द ही भूमि अधिग्रहण कर पीड़ितों को आवंटित जमीनों पर बसाने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

2003 से झेल रहे तबाही का दंश

2003 में गंगा के बाढ़ में गंगापुर के बाशिदों को सबकुछ विलीन हो गया था। वे सभी एनएन-31 पर शरण ले लिए, तब से आज तक वहीं पर परिवार के साथ वे सभी जिंदगी गुजार रहे हैं। झोपड़ियों तक आने वाले हर अधिकारी व जनप्रतिनिधियों की तरफ सिर्फ उम्मीद लगाए बैठे रह गए। कटान पीड़िताें ने बताया कि अब वह अपना सब कुछ गंगा मइया पर छोड़ दिए हैं। भूमि मिल जाए तो परिवार को छत मिल जाएगा।

गंगापुर के कटान पीड़ितों की भूमि खरीदने की धनराशि उपलब्ध हो गई

गंगापुर के कटान पीड़ितों की भूमि खरीदने की धनराशि उपलब्ध हो गई है। जलभराव के कारण जमीन को चिह्नांकन नहीं हो सका है। अब पानी सुख चला है। दीपावली बाद जमीन चिह्नित कर बैनामा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इसके बाद कटान पीड़ितों को आवंटित किया जाएगा।

- सदानंद सरोज, तहसीलदार, सदर तहसील

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