कश्मीरी पंडितों को बसाएंगे भी और उनकी संपत्ति भी दिलाएंगे, वाराणसी में बोले गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र ने कहा कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में विकास कार्यों की श्रृंखला आरंभ कर दी है। सरकार ने कश्मीर घाटी से विस्थापित कश्मीरी ब्राह्मणों को वहां पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 03 Sep 2021 09:48 PM (IST) Updated:Fri, 03 Sep 2021 09:48 PM (IST)
कश्मीरी पंडितों को बसाएंगे भी और उनकी संपत्ति भी दिलाएंगे, वाराणसी में बोले गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र
दुर्गाकुंड स्थित धर्मसंघ शिक्षा मंडल के समारोह में मंच पर उपस्थित गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र व अन्य

जागरण संवाददाता, वाराणसी। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र ने कहा कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में विकास कार्यों की श्रृंखला आरंभ कर दी है। 50 हजार करोड़ का निवेश किया गया है, वहां मेडिकल कालेज बन रहा है। त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव कराए गए हैं, जो पहले 74 वर्षों इससे वहां का वातावरण और मानसिकता दोनों बदलने लगी है। राष्ट्रीय पर्वों पर ध्वजारोहण, राष्ट्रगान हुआ। अभी दो-तीन दिन पहले श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर लाल चौक पर नाचते-गाते भक्तों ने भगवान कृष्ण की झांकी निकाली, जो कभी अकल्पनीय था। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार ने कश्मीर घाटी से विस्थापित कश्मीरी ब्राह्मणों को वहां पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह संकल्पित हैं कि वहां न सिर्फ कश्मीरी ब्राह्मणों को पुनर्स्थापित किया जाएगा, बल्कि उनकी पूरी संपत्ति भी उन्हें वापस दिलाई जाएगी। मिश्र यहां धर्मसंघ शिक्षा मंडल में आयोजित मनीषी सम्मेलन एवं सम्मान समारोह में भाग लेने के पूर्व मीडिया से बातचीत कर रहे थे।

पड़ोसी देश अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया ने देखा है, भारत ने अपने नागरिकों को वहां से सुरक्षित निकालने के साथ ही वहां के उत्पीड़ित अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को भी मानवता के आधार पर न सिर्फ निकालने में मदद की, वरन उन्हें अपने देश में शरण भी दी। अभी भी भारत सरकार 10 हजार अफगानी छात्रों को छात्रवृत्ति के साथ ही शिक्षा ग्रहण में सहायता कर रही है। तालिबान सरकार को मान्यता देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम पूरी स्थिति का आकलन कर रहे हैं। सारे देश देख रहे हैं यदि वहां एक अच्छी सरकार बनती है, जिसमें सभी वर्गों का समावेश हो, सबकी सुरक्षा हो तथा ऐसी व्यवस्था स्थापित हो, जैसा कि पूरे विश्व के देशों के संगठन चाहते हैं। मान्यता अभी दूर की बात है। तालिबान को देख रही है। कतर में हमारे विदेश सचिव ने उनसे वार्ता की जिसमें यह स्पष्ट कर दिया गया कि किसी भी हाल में अफगानिस्तान की धरती का उपयोग भारत विरोध या आतंकवाद के अड्डे के रूप में नहीं स्थापित होने दिया जाएगा।

तालिबान को लेकर कुछ लोगों के विवादित बयान को उन्होंने हताश मानसिकता का परिचायक बताया। एमआइएमएम के अध्यक्ष ओवैसी को उन्होंने महज एक जाति-संप्रदाय की राजनीति करने वाला आधार और विचारहीन नेता बताते हुए कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। कहा कि काशी हो या कश्मीर, देश भर में होने वाले विकास कार्यों से कुछ लोग परेशान और हताश-निराश हैं, उन लोगों को देश में कोई भी अच्छा काम हो, नहीं सुहाता। इसके पूर्व उन्होंने धर्म सम्राट करपात्री जी महाराज के शिष्यों द्वारा स्थापित मंदिर में दर्शन-पूजन भी किया।

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