जौनपुर में कुएं में गिरा जंगली बारहसिंघा, गांव के लोगों के प्रयास से निकालकर जंगल में छोड़ा गया
जौनपुर में सई नदी के किनारे पूर्व प्रधान सुषमा यादव के पुराने कुएं में एक बारहसिंघा शनिवार को दोपहर में ग्रामीणों ने गिरा हुआ देखा। हिरन की चीखों ने सबका ध्यान खींचा तो लोग कुएं के पास जाकर राहत और बचाव कार्य में जुट गए।
जौनपुर, जेएनएन। जिले के जंगलों में आज भी हिरन स्वछंद विचरण करते हैं। कुलाचें भरते हिरनों की कुछ प्रजातियां पहाड़ी जिलों सोनभद्र और मीरजापुर के करीब होने की वजह से जिले में भी अकसर नजर आ जाते हैं। कई मौकों पर हिरनों की प्रजाति बारहसिंघा गांवों में आने पर कुत्तों द्वारा जख्मी करने की घटनाएं भी सामने आती हैं। शनिवार को जिले में कुएं में गिरा बारहसिंघा मिलने के बाद गांव वालों ने आपसी प्रयास से उसे निकालकर जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया। जंगल में जाने के बाद हिरन कुलाचें मारते हुए तेज कदमों से झाड़ियों में गुम हो गया।
पूरा मामला जौनपुर जिले के बरईपार क्षेत्र के शाहपुर गांव का है। जहां पर सई नदी के किनारे पूर्व प्रधान सुषमा यादव के पुराने कुएं में एक बारहसिंघा शनिवार को दोपहर में ग्रामीणों ने गिरा हुआ देखा। हिरन की चीखों ने सबका ध्यान खींचा तो लोग कुएं के पास जाकर राहत और बचाव कार्य में जुट गए। तत्काल सभी लोगों ने जुटकर उसे बाहर निकाल कर जंगल मे छोड़ दिया। ग्राम प्रधान सुषमा यादव ने बताया कि सई नदी के किनारे जंगल में अक्सर हिरण के अन्य प्रजातियों के साथ ही बारहसिंघा भी देखे जाते हैं।
बताया कि रात में लग रहा है कि कोई बारहसिंघा टहलते हुए कुएं में गिर पड़ा होगा। सुबह जब घर के लोग मशीन पर गए तो देखा कि कुएं में बारहसिंघा गिरा है। तत्काल गांव वालों ने मिलकर रस्सी की व्यवस्था करके उसे बाहर निकाल कर जंगल में छोड़ दिया। कुआं अधिक गहरा नहीं होने से बारहसिंघा को अधिक चोट नहीं आई थी। थोड़ी ही देर की मशक्कत के बाद बारहसिंघा को बाहर निकालने में सफलता मिल गई तो बाहर आने के बाद जंगल की ओर उसे आजाद कर दिया। बताया कि वह घबराया हुआ अधिक लग रहा था लेकिन जंगल में छोड़े जाने के बाद वह उछलते कूदते तेज कदमों से भागते हुए नजरों से ओझल हो गया।