मीरजापुर के जंगलों में करेंट प्रवाहित कर जंगली जानवरों का किया जा रहा शिकार

मीरजापुर में हलिया थाना क्षेत्र के सोनगढा जंगल में शिकारियों की ओर से बिजली के नंगे तार बिछाकर जंगली जानवरों के शिकार किए जा रहे हैं। खुले तारों में करेंट प्रभावित होता है और करेंट की चपेट में आने से जानवर अचेत हो जाते हैं या मर जाते हैं।

By Abhishek sharmaEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 08:05 AM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 08:05 AM (IST)
मीरजापुर के जंगलों में करेंट प्रवाहित कर जंगली जानवरों का किया जा रहा शिकार
जंगल में शिकारियों की ओर से बिजली के नंगे तार बिछाकर जंगली जानवरों के शिकार किए जा रहे हैं।

मीरजापुर, जेएनएन। हलिया थाना क्षेत्र के सोनगढा जंगल में शिकारियों की ओर से बिजली के नंगे तार बिछाकर जंगली जानवरों के शिकार किए जा रहे हैं। खुले तारों में करेंट प्रभावित होता है और करेंट की चपेट में आने से जानवर अचेत हो जाते हैं या मर जाते हैं। इसके बाद शिकारियों की ओर से जानवरों के मांस के साथ खाल को निकालकर बेचकर शिकारी मालामाल हो रहे है। यह आरोप लगाते हुए पशुपालकों ने बताया कि जंगली जानवरों के शिकार के लिए बिछाए गए विद्युत प्रवाहित तार  की चपेट में आकर हमारी गाय तथा भैंस की मौत हो रही है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। 

पशुपालकों ने बताया कि सोनगढा जंगल के बढ़वार मोहल्ले स्थित ग्यारह हजार वोल्टेज के हाईटेंशन करेंट के तार को शिकारियों की ओर से जमीन पर फैला कर रात में शिकार किया जा रहा है। इसके चलते दो दिन पूर्व तीन जंगली सूकर की मौत हो गई। शिकारियों ने सूकर को उठा ले जाकर मांस तथा चमड़ा व खाल को व्यापारियों के यहां बेच दिया। इसी तरह से मध्यप्रदेश के हाटा हनुमना निवासी पशु पालक रामसनेही यादव डिभोर जंगल में अपने भैंसों को चराने के लिए ले गए थे। एक भैंस जंगल की ओर गई कि शिकारियों की ओर से बिछाए गए करेंट की चपेट में आने से मौत हो गई। बताया पशु पालक भैंस की तलाश में गांव की ओर गया तो मृत पड़ी भैंस के ऊपर से खाल व चमड़ा गायब था। पैर तथा सींग से भैंस की पहचान कर थाने में तहरीर दी। शिकारियों के शिकार से जंगली सूअर, नील गाय, हिरण,खरगोश, बारहङ्क्षसगा सहित अन्य प्रजातियों के जंगली जानवरों की मौत करेंट से हो रही है। 

बोले अधिकारी

शिकारियों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की जाएगी। वनक्षेत्राधिकारी को निर्देशित किया जाएगा कि रात में गश्त बढ़ाएं। - संजीव कुमार, डीएफओ। 

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