वाराणसी में पति के खिलाफ झूठा केस दाखिल करने पर पत्नी तलब, जांच में तथ्‍य असत्‍य मिले

जिस तिथि को मारपीट की बात कही गई है उस दिन वह और उसके भाई वाराणसी में मौजूद ही नहीं थे। न्यायालय ने अपने स्तर से इसकी पुष्टि कराई तो पति का कथन सही पाया। अदालत में पति का पक्ष अधिवक्ता अंशुमान त्रिपाठी ने रखा।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 09:46 AM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 09:46 AM (IST)
वाराणसी में पति के खिलाफ झूठा केस दाखिल करने पर पत्नी तलब, जांच में तथ्‍य असत्‍य मिले
पत्नी ने पति व जेठ के विरुद्ध दहेज प्रताडऩा का मुकदमा दायर किया है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। दहेज के लिए प्रताडि़त करने का पति और जेठ पर झूठा आरोप लगाने के एक मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम) की अदालत ने पत्नी को तलब किया है। पत्नी ने अपने पति चंदन चतुर्वेदी व जेठ डा. दिगंबर चौबे व राजेश चौबे के विरुद्ध दहेज प्रताडऩा का मुकदमा दायर किया है।

चंदन चतुर्वेदी की वर्ष 2019 में अर्चना चतुर्वेदी से शादी हुई थी। अर्चना ने दहेज के लिए छह नवंबर 2019 को उसके जेठ और उसके पति द्वारा उसके साथ मारपीट किए जाने का आरोप लगाते हुए अदालत में मुकदमा दायर किया। बाद में पति ने झूठा केस दाखिल किए जाने पर पत्नी के खिलाफ अदालत में परिवाद दायर किया। चंदन ने बयान दिया कि उसकी पत्नी द्वारा जिस तिथि को मारपीट की बात कही गई है, उस दिन वह और उसके भाई वाराणसी में मौजूद ही नहीं थे। न्यायालय ने अपने स्तर से इसकी पुष्टि कराई तो पति का कथन सही पाया। अदालत में पति का पक्ष अधिवक्ता अंशुमान त्रिपाठी ने रखा।

महिला बंदी ने की मासूम को उसके माता पिता के पास भेजने की अपील : जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव कुमुद लता त्रिपाठी ने मंगलवार को जिला जेल का निरीक्षण किया। इस दौरान एक महिला बंदी ने अनुरोध किया कि उसके साथ रह रहा उसका बच्चा अब पांच वर्ष का हो चुका है। उसे यहां न रखकर अपने माता पिता के पास भेजने की अपील की। इस पर सचिव ने उचित कानूनी प्रकिया के साथ कार्रवाई करने के लिए जेल अधीक्षक को निर्देश दिया।

एक पुरुष बंदी कोमल वर्मा ने बतलाया कि उसकी जमानत हो चुकी है, लेकिन जमानतदार न मिलने के कारण अभी भी जेल मे बंद है। जेल में विधिक साक्षरता शिविर का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर सचिव ने सभी बंदियों को उनके रहन सहन, खान-पान, एव लीगल एंड क्लीनिक व उनके हितों से सम्बंधित जानकारी दी। पुरूष एव महिला बंदियों ने उनके मुकदमे की पैरवी के लिए अधिवक्ता न उपलब्ध होने की स्थिति में सचिव ने जेल अधीक्षक को निर्देश दिया कि इसके लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पत्र लिख कर अधिवक्ता उपलब्ध कराए जाने व्यवस्था सुनिश्चित कराएं।

अग्रिम विवेचना का लंका पुलिस को आदेश : तीन साल पूर्व बीएचयू छात्र आकाश मिश्र पर हुए हमले के मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम) की अदालत ने डा. एके खन्ना और डॉ पुनीत समेत कई पर दर्ज मामले में अग्रिम विवेचना का लंका पुलिस को आदेश दिया है। अदालत ने उक्त मामले में लंका पुलिस को यह भी निर्देश दिया है कि अग्रिम विवेचना पूरी कर अविलंब अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

उक्त प्रकरण में पुलिस की विवेचना में कई आरोपितों को क्लीनचिट दिए जाने और साक्ष्य संकलित करने में हीलाहवाली बरतने की दलील देते हुए पीडि़त छात्र की ओर से अधिवक्ताओं ने अग्रिम विवेचना कराने की अदालत से मांग की। अधिवक्ताओं का कहना था कि पुलिस ने घटनास्थल के चश्मदीद गवाहों तक बयान दर्ज नहीं किया गया और न हीं बीएचयू प्रशासन द्वारा गठित जांच कमेटी की कार्रवाई के संबंध में उल्लेख किया है। अदालत ने पुलिस द्वारा दाखिल आरोपपत्र का अवलोकन करने के पश्चात अग्रिम विवेचना का आदेश देते हुए अगली सुनवाई के लिए 30 अक्टूबर की तिथि मुकर्रर कर दी।

दुष्कर्म के आरोप से दोषमुक्त : नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने के मामले में आरोप साबित नहीं होने पर विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) त्रिभुवन नाथ की अदालत ने संदेह का लाभ देते हुए आरोपित विजय यादव को दोषमुक्त कर दिया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव ने पक्ष रखा। मामला चौबेपुर थाना क्षेत्र का है। पीडि़ता के परिजनों की शिकायत पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार किया था।

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