रुद्राक्ष का किराया किसका राजस्व, मंगलवार को वाराणसी नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में होगा तय
वाराणसी नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक तीन अगस्त यानी मंगलवार को दोपहर 12 बजे होगी। इसकी सूचना महापौर कार्यालय से पार्षदगणों को दे दी गई है। रुद्राक्ष से मिलने वाले किराये के रूप में राजस्व किसका होगा सवाल उठाया जाएगा।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक तीन अगस्त यानी मंगलवार को दोपहर 12 बजे होगी। इसकी सूचना महापौर कार्यालय से पार्षदगणों को दे दी गई है। इस क्रम में सोमवार को कांग्रेस के पार्षदगणों ने सोमवार को बैठक कर अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर रुद्राक्ष के मसले पर नगर निगम प्रशासन के साथ ही प्रदेश सरकार को घेरने का मन बनाया है। इसके लिए रुद्राक्ष से मिलने वाले किराये के रूप में राजस्व किसका होगा, सवाल उठाया जाएगा। इसके अलावा नगर निगम के सदन भवन को तोड़कर बनाए गए रुद्राक्ष में बैठक आयोजित करने की मांग की जाएगी। इसके लिए कांग्रेस के साथ सपा पार्षद भी लामबंद हुए हैं।
कांग्रेस पार्षद सीताराम केसरी ने कहा कि जिस नगर निगम सदन में नगरीय समस्याओं को लेकर पार्षदगण नगर निगम प्रशासन के साथ बैठक खुली चर्चा करते थे उसे तोड़कर ही रुद्राक्ष बनाया गया। उस वक्त पार्षदों को भरोसा दिया गया था कि सदन की बैठक भी रुद्राक्ष में ही होगी लेकिन वक्त के साथ मतंव्य बदल गया। अब वहां बैठक होने से इंकार किया जा रहा है। अफसरों की ओर से भरोसा दिया गया कि नगर निगम सदन के लिए अलग से भवन बनेगा। ऐसे में सवाल यह है कि जब यही करना था तो पहले ही यह स्पष्ट क्यों नहीं किया गया।
यदि बाद में ऐसी योजना बनी तो तीन साल से अधिक का दिन बीत गया और नगर निगम सदन के निर्माण के लिए जमीन पर अब तक कोई कवायद नहीं शुरू हुई। इतना ही नहीं यह भी स्पष्ट नहीं किया गया है कि रुद्राक्ष के मिलने वाला किराया किसका राजस्व होगा। नगर निगम की जमीन पर बने रुद्राक्ष पर पहला हक नगर निगम प्रशासन का ही होना चाहिए लेकिन इसके एवज में मिलने वाले राजस्व के लिए अब तक कोई शासनादेश नहीं आया है। वहीं, नगर निगम प्रशासन का कहना है कि शासनादेश नहीं होने से रुद्राक्ष से मिलने वाले राजस्व को सुरक्षित रखा जाएगा। शासनादेश के अनुसार ही तय होगा कि राजस्व किसके हक में जाएगा। फिलहाल, स्मार्ट सिटी कंपनी की ओर से बनाए गए रुद्राक्ष की आय में संचालन करने वाली कंपनी के साथ शेयर निर्धारित किया गया है। कुल आय की 35 फीसद धनराशि स्मार्ट सिटी कंपनी को दी जाएगी।