काबुल से जौनपुर अपने घर लौटा बेटा तो खुशी में स्वजनों की आखों से छलक पड़े आंसू

मयंक सुहेलदेव एक्सप्रेस ट्रेन पर सवार हुए और अगले दिन अपने घर पहुंच गए। मयंक के छोटे भाई शशांक सिंह सहित कई ग्रामीण स्वागत के लिए स्टेशन पर पहुंचे थे। मयंक के घर लौटने से पत्नी आंचल बेटा आदित्य व अन्य सदस्यों की मानों खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Mon, 23 Aug 2021 12:20 PM (IST) Updated:Mon, 23 Aug 2021 12:20 PM (IST)
काबुल से जौनपुर अपने घर लौटा बेटा तो खुशी में स्वजनों की आखों से छलक पड़े आंसू
मयंक के घर लौटने से पत्नी आंचल, बेटा आदित्य व अन्य सदस्यों की मानों खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा।

जौनपुर, जेएनएन। काबुल में फंसे जौनपुर निवासी मयंक रविवार सुबह अपने घर पहुंचे। बेटे को अपने सामने सही सलामत देख स्वजनों की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े तो बहन ने भी आज राखी बांध अपनी खुशी का इजहार किया। काबुल एयरपोर्ट के समीप ही एक स्टील फैक्ट्री में फंसे 27 भारतीयों में गोधना गांव निवासी मयंक कुमार सिंह भी थे। भारतीयों के दल की देश वापसी रविवार को ही हुई थी।

उसी शाम में मयंक सुहेलदेव एक्सप्रेस ट्रेन पर सवार हुए और अगले दिन अपने घर पहुंच गए। मयंक के छोटे भाई शशांक सिंह सहित कई ग्रामीण स्वागत के लिए स्टेशन पर पहुंचे थे। मयंक के घर लौटने से उनकी पत्नी आंचल, बेटा आदित्य सहित परिवार के अन्य सदस्यों का मानों खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा।

लाइन बाजार थाना क्षेत्र से कचगांव रोड पर पांच किमी दूर गोधना गांव है। यहां के निवासी सत्य प्रकाश सिंह के बेटे मयंक कुमार सिंह काबुल स्थित खान स्टील लिमिटेड कंपनी में महाप्रबंधक थे। वे तकरीबन चार वर्षों से वहां कार्य करते थे। काबुल में बिगड़े माहौल के बीच मयंक को लौटना पड़ा है। 

जागरण से बातचीत में मयंक ने अफगानिस्‍तान में मची भगदड़ और आतंक का हाल बताते हुए इसे अंतरराष्‍ट्रीय चिंता की वजह बताई। कहा कि काबुल की सड़कों पर आतंक है तो दूसरी ओर हर कोई आशंका में घिरा हुआ है। कब कहां गोलियां चलने लगें और कहां आतंक और धमाके ही कहानी बन जाए कोई नहीं जानता। जो वहां फंसा है उसका दिल ही जानता है कि उन पर क्‍या बीत रही है। अनिश्चितता और आशंका के बादलों की वजह से लोग किसी भी तरह बस वहां से निकल जाना चाहते हैं। 

वहीं दूसरी ओर मयंक सहित देश के कई नागरिकों को काबुल से भारत सरकार के प्रयास से सकुशल निकाल लिया गया है। ऐसे में मयंक के परिवार में सरकार के प्रयासों की भूरि भूरि प्रशंसा की जा रही है। बताया कि अमूमन भारतीय लोग वहां काफी हद तक सुरक्षित हैं। सरकार के प्रयासों के बारे में भी लोगों को बताते हुए मयंक भावुक हो गए। 

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