देश में जब आई लॉकडाउन की मजबूरी तो स्कूटी से नाप दी घर की दूरी, हैदराबाद से पहुंच गए बनारस

इंसान कमाने की खातिर घर से हजारो कोस दूर कमाने की खातिर परदेस जाता हैं किन्तु देश में दोबारा फैला कोरोना संक्रमण इंसान को क्या से क्या करा दे रहा हैं। लॉकडाउन लगने पर जब काम धंधा लॉक हुआ तो रोजी-रोटी पर संकट गहराने लगा।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 12:19 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 12:19 PM (IST)
देश में जब आई लॉकडाउन की मजबूरी तो स्कूटी से नाप दी घर की दूरी, हैदराबाद से पहुंच गए बनारस
लॉकडाउन लगने पर जब काम धंधा 'लॉक' हुआ तो रोजी-रोटी पर संकट गहराने लगा।

वाराणसी [शैलेन्द्र सिंह 'पिन्टू']। दिल में बड़े-बड़े सपने व अरमान संजोए इंसान कमाने की खातिर घर से हजारों कोस दूर कमाने की खातिर परदेस जाता हैं, किन्तु देश में दोबारा फैला कोरोना संक्रमण इंसान को क्या से क्या करा दे रहा हैं। लॉकडाउन लगने पर जब काम धंधा 'लॉक' हुआ तो रोजी-रोटी पर संकट गहराने लगा। परदेस गए इंसान को संकट की घड़ी में आखिर जीवन को सुरक्षित रखने हेतु परिवार व गांव की माटी की याद आ रही।बनारस आने के लिए युवक को जब रेल का टिकट नही मिला तो उसने मजबूरन तेलंगाना (हैदराबाद) से स्कूटी को ही सहारा बना घर की दूरी नाप दी। 

बनारस के चौबेपुर थानांतर्गत चन्द्रावती (ढकवा) गांव निवासी पंकज कुमार राजभर नामक युवक करीब पंद्रह वर्ष से तेलंगाना (हैदराबाद) में ठेका लेकर ग्लास का काम करते हैं। मिर्जामुराद कस्बा में मंगलवार की सुबह बारिश के दौरान चाय पीने के लिए रुके युवक ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते तेलंगाना में लॉकडाउन लग गया।जिसके चलते रोजगार बंद हुआ। काम-धंधा बंद होने पर कोरोना से बचकर सुरक्षित रहने हेतु घर-परिवार व गांव के माटी की याद आई। रेल का कन्फर्म टिकट न मिलने पर रविवार की सुबह स्कूटी से एक दोस्त को साथ लेकर घर के लिए निकल पड़े। दोस्त को औराई (भदोही) में उतार दिया।

स्कूटी में करीब तीन हजार रुपए का पेट्रोल खर्च हुआ। एक बड़े झोले व पिट्ठू बैग में अपने कपड़े व अन्य सामान रखने के साथ ही रास्ते में इमरजेंसी की खातिर बोतल में पेट्रोल भी रख लिया। मन में जज्बा व जुनून लेकर मंजिल तय करने हेतु स्कूटी से निकला युवक रास्ते में बस एक रात आराम करने हेतु रुका। यूपी में प्रवेश करने के बाद लगातार चलता रहा। चाय पीने के बाद बारिश के बीच ही भींगते हुए वह घर को निकल पड़े।

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