आजमगढ़ में सैनिक का पार्थिव शरीर पहुंचा नंदाव तो रो पड़ा पूरा गांव, किया गया अंतिम संस्कार

चीन सीमा पर लेह में तैनात रहे सैनिक कृपाशंकर यादव का देर रात करीब एक बजे तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर पहुंचते ही नंदाव रेवला गांव रो पड़ा।शोक में दुकानदारों ने बाजार बंद रखा। लोग उनके अंतिम दर्शन और पुष्प अर्पित करने के लिए जुट गए।फैजाबाद छावनी से

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 04 Nov 2021 02:29 PM (IST) Updated:Thu, 04 Nov 2021 02:29 PM (IST)
आजमगढ़ में सैनिक का पार्थिव शरीर पहुंचा नंदाव तो रो पड़ा पूरा गांव, किया गया अंतिम संस्कार
आजमगढ़ : सैनिक के पार्थिव शरीर पर श्रद्धांजलि अर्पित करते मुनीर अहमद।

जागरण संवाददाता, आजमगढ़। चीन सीमा पर लेह में तैनात रहे सैनिक कृपाशंकर यादव का देर रात करीब एक बजे तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर पहुंचते ही सरायमीर थाना क्षेत्र का नंदाव रेवला गांव रो पड़ा।शोक में दुकानदारों ने बाजार बंद रखा। लोग उनके अंतिम दर्शन और पुष्प अर्पित करने के लिए जुट गए।फैजाबाद छावनी से पहुंचे सेना के जवानों ने शस्त्र उल्टा कर अंतिम सलामी दी। उसके बाद दुर्वासा धाम पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।

सूबेदार कृपाशंकर लेह सीमा पर तैनात थे। करीब एक महीने पहले ड्यूटी के दौरान अचानक तबीयत बिगड़ी तो अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां से रेफर होने के बाद लखनऊ के पीजीआइ में भर्ती कराया गया। सुधार न होने पर इन्हें कमांड अस्पताल ले जाया गया, जहां हालत में सुधार हुआ, लेकिन अचानक बुधवार को तबीयत बिगड़ी, तो डाक्टर उन्हें बचा नहीं पाए।

निधन की सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया।देर रात पार्थिव शरीर पहुंचा, तो गुरुवार सुबह होते ही श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लग गया। फैजाबाद छावनी से सूबेदार शहनाज के नेतृत्व में 15 जवानों की टुकड़ी गांव पहुंच गई।शस्त्र उल्टा कर सलामी दी गई। वहीं गांव के लोग सम्मान में नारे लगा रहे थे।

उपजिलाधिकारी मार्टीनगंज अनिल चतुर्वेदी, तहसीलदार हेमंत कुमार बिंद, सरायमीर थाना प्रभारी शमशेर, लेखपाल सुरेंद्र कुमार यादव, ग्राम सचिव सतीश कुमार सिंह आदि ने पहुंचकर सम्मान प्रदर्शन किया। वहीं समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष हवलदार यादव, मुनीम शेख, पूर्व मंत्री व भाजपा नेता कृष्ण मुरारी विश्वकर्मा ने श्रद्धांजलि दी। उसके सेना के वाहन पर रखकर अंतिम संस्कार के तमसा-मंजूसा नदियों के संगम स्थल दुर्वासा धाम ले जाया गया।

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