वाराणसी में सरकारी एंबुलेंस के पहिए थमे, मांगों के समर्थन में कर्मचारियों ने शुरू किया धरना प्रदर्शन

जिले में सरकारी एंबुलेंस कर्मचारियों ने रविवार आधी रात के बाद काम ठप कर वाहनों को खड़ा कर दिया। वाराणसी जिले में एंबुलेंस सेवा बंद होने से चिकित्‍सा सेवा पूरी तरह चरमरा गई। वाहनों के खड़ा होने के बाद निजी एंबुलेंस चालकों की चांदी हो गई।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 09:21 AM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 01:21 PM (IST)
वाराणसी में सरकारी एंबुलेंस के पहिए थमे, मांगों के समर्थन में कर्मचारियों ने शुरू किया धरना प्रदर्शन
सरकारी एंबुलेंस कर्मचारियों ने रविवार आधी रात के बाद काम ठप कर वाहनों को खड़ा कर दिया।

वाराणसी, जेएनएन। जिले में सरकारी एंबुलेंस कर्मचारियों ने रविवार आधी रात के बाद काम ठप कर वाहनों को खड़ा कर दिया। वाराणसी जिले में एंबुलेंस सेवा बंद होने से चिकित्‍सा सेवा पूरी तरह चरमरा गई। वाहनों के खड़ा होने के बाद निजी एंबुलेंस चालकों की चांदी हो गई। सोमवार का दिन होने से मरीजों की भीड़ भी खूब हुई और एंबुलेंस न होने से लोगों को काफी दुश्‍वारी झेलनी पड़ी। 108-102 एएलएस के जिलाध्यक्ष सुनील कुमार शुक्ला का कहना था कि पिछले तीन दिनों से वे लोग शिवपुर अस्पताल में मांगों को लेकर सांकेतिक धरना दे रहे थे लेकिन किसी सक्षम अधिकारी ने उनकी मांगों नहीं सुनी। आक्रोशित कर्मियों ने एंबुलेंस सेवा ठप कर अनवरत आंदोलन शुरू कर दिया है। कहा कि नौकरी कभी भी ठेकेदार बदले जाने पर चले जाने का खतरा रहता है।

रविवार की रात से ही सरकारी एंबुलेंस के पहिए थम गए। सोमवार की सुबह से ही विभिन्न मांगों को लेकर एंबुलेंस चालक नगर के दुर्गा मंदिर के सामने गाड़ी खड़ी कर हड़ताल करने के साथ ही नारेबाजी करने लगे। हालांकि, जानकारी होने के बाद एसीपी कोतवाली प्रवीण कुमार सिंह उन्हे समझाने का प्रयास किये लेकिन कर्मचारी अपनी मांगों पर अड़े रहे। कर्मचारियों ने कहा कि नौकरी कभी भी ठेकेदार बदले जाने पर चले जाने का खतरा रहता है। जबकि कोरोना का खतरा झेल कर भी कर्मचारियों ने अपनी जिम्‍मदारी निभाई है। 

प्रदर्शन कर रहे एंबुलेंस कर्मचारियों की मांग है कि कंपनी बदलने पर कर्मचारियों को न बदला जाए। इस बाबत मांग उठाई कि पुराने व अनुभवी कर्मचारी ही रखें जाएं। कंपनी बदलने पर वेतन में किसी भी तरह की कटौती न की जाए। साथ ही जसरकारी कर्मचारी की ट्रेनिंग सरकार के पैसे से हो तो कंपनी को बीच से हटा कर कर्मचारियों को नेशनल हेल्थ मिशन के अधीन कर एंबुलेंस का संचालन भी स्वास्थ्य विभाग को करना चाहिए। कोरोना महामारी के दौरान अग्रणी भूमिका निभाने वाले योद्धाओं, कोरोना वारियर्स एंबुलेंस कर्मचारियों को ठेकेदारी से मुक्त होना चाहिए।

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