E- Rikshaw की तरह दौड़ा आमदनी का पहिया, कइयों की जिंदगी को आर्थिक संजीवनी

ई-रिक्शा ने कई लोगों के जीवन में उजाला कर दिया जो कभी बिगड़े हालात में फांकाकसी को बेबस हुआ करते थे। ई- रिक्शा आने के बाद उनकी निराशा आशा में बदल गई। ई-रिक्शा चलाकर खुद को स्थापित किया और विकास की मुख्य धारा से भी जुड़ गए।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sun, 29 Aug 2021 09:10 AM (IST) Updated:Sun, 29 Aug 2021 05:57 PM (IST)
E- Rikshaw की तरह दौड़ा आमदनी का पहिया, कइयों की जिंदगी को आर्थिक संजीवनी
कहानी हर तीसरे और चौथे इंसान की है जो ई-रिक्शा चलाकर खुद को साबित किया।

जागरण संवाददाता, वाराणसी । बैटरी चालित ई-रिक्शा ने कई लोगों के जीवन में उजाला कर दिया, जो कभी बिगड़े हालात में फांकाकसी को बेबस हुआ करते थे। ई- रिक्शा आने के बाद उनकी निराशा आशा में बदल गई। ई-रिक्शा चलाकर खुद को स्थापित किया और विकास की मुख्य धारा से भी जुड़ गए। आज ये कहानी हर तीसरे और चौथे इंसान की है जो ई-रिक्शा चलाकर खुद को साबित किया।

हर व्यक्ति चाहता है कि कम लागत में अधिक कमाई हो। आय बढ़ाने के लिए कुछ लोग पुश्तैनी कारोबार तक बंद कर देते हैं। इसी में कुछ है ई-रिक्शा चलाने वाले। उन्होंने आटो रिक्शा, कार चलाना छोड़कर ई-रिक्शा चला रहे हैं। कुछ लोगों ने ई-रिक्शा चलाकर परिवार के सभी जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। इतना ही नहीं, खुद ई-रिक्शा चलाने के साथ अपने सगे-संबंधियों को ई-रिक्शा खरीदने की सलाह दी।

ई-चार्जिंग रेट-100

कमाई-700 से 800 रुपये

चार्ज होने पर 70 से 75 किमी.

इंब्रायडरी का छोड़ दिया काम : ई-रिक्शा से मेरी आमदनी बढ़ गई। पांच से सात सौ रुपये रोज कमा लेता हूं। इसके पहले इंब्रायडरी का काम करता था। मित्र के बड़े भाई के सहयोग से किराए का ई- रिक्शा चलाना शुरू किया। अब महीने की कमाई दस दिन में हो जाती है। अब परिवार अच्छे से चल रहा है। -अजीत, चालक

ई-रिक्शा से दूषित नहीं होता है हवा : चार घंटे सुबह और चार घंटे शाम को ई- रिक्शा चलाकर रोजाना पांच से छह सौ रुपये कमा लेता हूं। ई-रिक्शा से हवा भी दूषित नहीं होती है। दूसरों के साथ परिवार को शुद्ध हवा मिलती है। पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के सामने यह बेहतर विकल्प है। -शंकर, चालक

बेटे के साथ मजे में कट रही जिंदगी : एक साल पहले कुछ लोगों की मदद से ई-रिक्शा खरीदी थी। चार से छह घंटे ही ई-रिक्शा चलाती हूं। उससे होने वाली आमदनी से जीवन मजे से कट रहा है। घर पर 12 साल का एक बेटा है। हम दोनों का दिन अच्छे से कट रहा है। -कंचन जायसवाल, महिला चालक

कमाई से खरीद लिया दूसरा ई-रिक्शा : पहले मेरे पास एक ई-रिक्शा था। उसकी बदौलत दूसरा ई-रिक्शा भी खरीद लिया। दूसरे ई-रिक्शे को बेटा चलाता है। दोनों की आय इतनी होती है कि परिवार का पूरा खर्च उठाने के बाद भी पैसा बचता है। -मो. जुबेर, चालक

chat bot
आपका साथी