लॉकडाउन में किसानों का सहारा बने गेहूं क्रय केंद्र, विगत 31 दिनों में वाराणसी के किसानों के खाते में गए 45 लाख रुपये

वाराणसी में एक अप्रैल से एक मई तक 31 दिनों में पूरे जनपद में लगभग 300 किसानों से 1250 एमटी गेहूं की खरीद की जा चुकी है। उनके खाते में विपणन विभाग के क्रय केंद्रों द्वारा 45 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 08:50 AM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 09:50 AM (IST)
लॉकडाउन में किसानों का सहारा बने गेहूं क्रय केंद्र, विगत 31 दिनों में वाराणसी के किसानों के खाते में गए 45 लाख रुपये
वाराणसी में कुल 31 क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीद की जा रही है।

वाराणसी, जेएनएन। आज जब लाकडाउन के चलते सारी आर्थिक गतिविधियां मंद पड़ी हैं तो ऐसे में गेहूं क्रय केंद्र ही किसानों के लिए उम्मीद की किरण बने हैं। विभाग का दावा है कि क्रय केंद्रों पर गेहूं बेचने वाले किसानों के खाते में दो से तीन दिन के भीतर भुगतान की राशि पहुंच जा रही है। एेसे में किसान अपने घर में आयोजित मांगलिक कार्य, बीमारों का इलाज या अपने और भी आवश्यक पूर्व नियोजित कार्य निपटाने में जुटे हुए हैं। विभागीय आंकड़ों के अनुसार एक अप्रैल से एक मई तक 31 दिनों में पूरे जनपद में लगभग 300 किसानों से 1250 एमटी गेहूं की खरीद की जा चुकी है। उनके खाते में विपणन विभाग के क्रय केंद्रों द्वारा 45 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है। जिले में कुल 31 क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीद की जा रही है।

न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों को उनकी उपज का समुचित लाभ दिलाने के लिए छल रही ''गेहूं खरीद योजना'' के तहत जनपद के 31 क्रय केन्द्रों पर 190.85 एमटी अनाज खरीदा जा चुका है। योजना के तहत अब तक लगभग 300 किसान अपना अनाज बेच चुके हैं। जनपद में इस बार दो एजेंसियों को ही गेहूं खरीद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इनमें से खाद्य एवं विपणन विभाग तथा पीसीएफ के क्रय केन्द्रों पर गेहूं की खरीद चल रही है।

पीसीएफ क्रय केंद्रों से भी भुगतान जल्द

दूसरी ओर पीसीएफ क्रय केंद्रों पर भी गेहूं की बिक्री किसानों द्वारा खूब की जा रही है किंतु वहां से अभी किसानों का भुगतान फंसा हुआ है। डिजिटल सिग्नेचर प्रमाणित न हो सकने के कारण पेंच फंसा था। जिला विपणन अधिकारी अरुण कुमार त्रिपाठी ने बताया कि इसे भी निपटा लिया गया है, संभावना है कि मंगलवार से पीसीएफ भी किसानों का भुगतान करना शुरू कर देगी।

पंचायत चुनाव व कोविड के चलते बीच में बाधित रही खरीद

बीच में पंचायत चुनाव व कोविड के चलते गेहूं खरीद योजना लगभग एक पखवारा तक बाधित रही। अधिकांश अधिकारियोंव क्रय केन्द्र प्रभारियों की ड्यूटी प्रशिक्षण व चुनाव में लग जाने के कारण अधिकांश क्रय केन्द्र बंद प्राय हो गए थे। इसी बीच कई केन्द्र प्रभारियों व कर्मचारियों के कोविड-19 के संक्रमण के चलते भी गेहूं खरीद योजना प्रभावित हुई है। अब प्रशासन चुनाव से लगभग निवृत्त हो चुका है। मतगणना के बाद किसान भी गांव की सरकार बनवा कर गंवई राजनीति से फुर्सत पा चुके हैं, ऐसे में गेहूं क्रय की रफ्तार बढ़ने की संभावना अब बनने लगी है।

19.75 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं खरीद रही सरकार

सरकार ने इस बार गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 19.75 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है जो लागत मूल्य से कई गुना अधिक है।

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