भदोही में कालीन बुनते मिले बुनकर, टूलकिट व सिलाई मशीन से सम्मानित हुए लाभार्थी

कालीन उद्योग को उचित बाजार देने के उद्देश्य से तैयार कारपेट एक्सपो मार्ट (मेगा मार्ट) सहित करीब 200 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास हो चुका है। गुरुवार को विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से टूल किट व सिलाई मशीन से सम्मानित लाभार्थियों की दिनचर्या पुराने ढर्रे पर दौड़ती दिखी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sat, 02 Jan 2021 10:10 AM (IST) Updated:Sat, 02 Jan 2021 10:10 AM (IST)
भदोही में कालीन बुनते मिले बुनकर, टूलकिट व सिलाई मशीन से सम्मानित हुए लाभार्थी
भदोही के श्रीपुर गांव में करघा पर कालीन बुनाई करते राजधर मौर्या।

भदोही मुहम्मद इब्राहिम। कालीन उद्योग को उचित बाजार देने के उद्देश्य से तैयार कारपेट एक्सपो मार्ट (मेगा मार्ट) सहित करीब 200 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास हो चुका है। गुरुवार को विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से टूल किट व सिलाई मशीन से सम्मानित लाभार्थियों की दिनचर्या दूसरे दिन शुक्रवार को पुराने ढर्रे पर दौड़ती दिखी। कालीन बुनाई को टूलकिट पाए बुनकर जहां बुनाई करने में मशगूल रहे तो सिलाई मशीन पाई नेहा यादव उत्साहित दिखी। वह मशीन पर सिलाई करती रही।

मुख्यमंत्री मंत्री के हाथों कालीन बुनाई का टूलकिट हासिल किए श्रीपुर निवासी राजधर मौर्य, राजेश कुमार, फूलचंद व अशोक कुमार कालीन बुनाई में व्यस्त रहे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के हाथों सम्मान मिला यह बड़ी उपलब्धि रही। हालांकि जरूरत यह है कि कालीन उद्यमियों, निर्यातकों के साथ ही बुनकरों के लिए भी अलग से योजनाएं बननी चाहिए। उनके लिए बेहतर प्रशिक्षण संस्थान खुलें, उनके बच्चों की स्वास्थ्य, शिक्षा के लिए योजनाएं बने, उनकी न्यूनतम मजदूरी तय हो।

इसी तरह सिलाई मशीन पाकर भिदिउरा निवासी नेहा यादव काफी उत्साहित रहीं। वह मशीन पर सिलाई कर रही थी। कहा कि वह बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा है। स्नातक के बाद फैशन डिजाइङ्क्षनग का कोर्स करना चाहती है। जो सम्मान मिला है उसकी खुशी है। इसके साथ ही सरकार को चाहिए की युवाओं को रोजगार से जोडऩे के लिए जब औद्योगिक इकाइयां स्थापित होंगी। कुटीर व घरेलू उद्योग के जरिए तैयार उत्पादों को जब बाजार उपलब्ध होगा तब लाभ मिलेगा।

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