पूर्वांचल में गुलाबी ठंड के बीच बादलों की फिर होने जा रही सक्रियता, जानिए सप्ताह भर के मौसम का हाल
मौसम का रुख कब किस करवट बैठ जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। मानसून की विदायी के बाद एक बार फिर से बादलों की सक्रियता का असर उत्तर भारत की ओर होने जा रहा है।
वाराणसी, जेएनएन। मौसम का रुख कब किस करवट बैठ जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। मानसून की विदायी के बाद एक बार फिर से बादलों की सक्रियता का असर उत्तर भारत की ओर होने जा रहा है। अभी तक महाराष्ट्र में सक्रिय बादलों का डेरा उत्तर भारत की ओर आ रहा है। इस समय यह मध्य प्रदेश में सक्रिय है उम्मीद जताई जा रही है कि दोपहर बाद पूर्वांचल में बादलों की सक्रियता हो सकती है। वहीं शुक्रवार की सुबह अासमान साफ रहा और ठंडी हवाओं के रुख से गुलाबी सर्दी का लोगों को अहसास हुआ। वहीं अंचलों में सुबह सूरज निकलने तक कोहरे की स्थिति बनी रही। हालांकि शहरों और कस्बों में अभी कोहरे की स्थिति नहीं बन रही है।
मौसम विज्ञानियों के अनुसार बादलों का आगमन पूर्वांचल में हो सकता है मगर सक्रियता इन बादलों की कम ही रहेगी। हालांकि मामूली बूंदाबांदी भी मौसम में पर्याप्त असर डालेंगे। अगर बादलों की सक्रियता अधिक हुई तो आने वाले दिनों में सर्दी की तेजी से आगमन होगा और समूचा पूर्वांचल सर्दी से पूर्व ही ठिठुरन की ओर बढ़ जाएगा। वहीं बादलों की सक्रियता कम रही तो सर्दी का दौर सामान्य तौर पर ही जारी रहेगा और नवंबर माह की शुरुआत से कोहरा और ओस का व्यापक स्वरुप उत्तर भारत में दिखेगा। हालांकि पहाड़ाें पर बर्फबारी 24 घंटों में मामूली तौर पर शुरू हो चुकी है लिहाजा इसका असर भी पूर्वांचल तक सप्ताह भर में नजर आने लगेगा।
बीते चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 32.6 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्य से एक डिग्री कम था वहीं न्यूनतम तापमान 20.8 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्य से एक डिग्री कम था। जहां अधिकतम तापमान में मामूली कमी दर्ज की गई है वहीं न्यूनतम तापमान में 0.6 डिग्री का मामूली बढाव दर्ज किया गया है। वहीं आर्द्रता इस दौरान अधिकतम 80 और न्यूनतम 71 फीसद दर्ज की गई है। मौसम विभाग की ओर से जारी सैटेलाइट तस्वीरों में पूर्वांचल के आसपास बादलों की सक्रियता बनी हुई है। मौसम का यही रुख बना रहा तो शुक्रवार की दोपहर बाद पूर्वांचल में बादलों की सक्रियता शुरू हो सकती है। मौसम विभाग ने भी आगामी चार दिनों तक बादलों की सक्रियता की आशंका जाहिर की है।