इस बार अधिक पड़ेगी सर्दी और बढ़ेंगे ठंडी के दिन, जानिए कैसा रहेगा आने वाले सप्‍ताह में मौसम का हाल

बस तीन-चार दिन में ही आपको कंपकपाती ठंडी का एहसास होने वाला है कारण कि जम्मू-कश्मीर से बर्फिली हवा चल दी है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Thu, 14 Nov 2019 08:09 AM (IST) Updated:Thu, 14 Nov 2019 10:32 PM (IST)
इस बार अधिक पड़ेगी सर्दी और बढ़ेंगे ठंडी के दिन, जानिए कैसा रहेगा आने वाले सप्‍ताह में मौसम का हाल
इस बार अधिक पड़ेगी सर्दी और बढ़ेंगे ठंडी के दिन, जानिए कैसा रहेगा आने वाले सप्‍ताह में मौसम का हाल

वाराणसी, जेएनएन। मौसम का रुख लगातार बदलाव की ओर है और दिन प्रतिदिन ठंड का असर बढ़ रहा है। गुरुवार की सुबह भी मौसम का अमूमन यही हाल रहा। ठंडी हवाओं के साथ सुबह ही शुरूआत हुई मगर दिन चढ़ते ही सूरज की रोशनी से आसमान और धरती भरी पूरी नजर आई। हालांकि ठंड की वजह से सूरज की रोशनी का भी अधिक असर नहीं रहा। मौसम विभाग की ओर से जारी सप्‍ताह भर की रिपोर्ट के अनुसार 15 नवंबर के बाद ओस और कोहरे का एक बार फ‍िर से दौर पूर्वांचल में नजर आएगा। 

ठंड के बढेंगे दिन

विकास के नाम पर मानकों की अनदेखी एवं प्रकृति के साथ खिलवाड़ का ही असर है कि ठंडी के दिन कम हो गए हैं। आधुनिकता की होड़ में विकास के नाम पर हम जो जंगल को खत्म करते जा रहे हैं, इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ रहा है। जनसंख्या व वाहनों में बेतहासा वृद्धि हमें भले ही तत्कालिक आनंद दे रही है, लेकिन इसका असर सीधे जलवायु पर भी पड़ रहा है। हालांकि इस साल प्रकृति कुछ मेहरबान हो गई है। बारिश भी पर्याप्त हुई और इस साल ठंड भी खूब पडऩे वाली है। उम्मीद है कि अब ठंडी के कुछ दिन बढ़ सकते हैं। 

मौसमी बदलाव की आहट

पिछले माह बारिश होने के बाद से ही ठंड ने भी दस्तक दे दिया था। पिछले कुछ दिनों में न्यूनतम तापमान भी 14-15 डिग्री के पास चल रहा है। यानी दिसंबर या जनवरी माह में इस साल न्यूनतम तापमान पांच डिग्री तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। यही नहीं अगर फरवरी के अंत तक अधिक ठंडी रही तो दिन भी बढ़ जाएंगे। हाल के कुछ दशकों के दौरान देखा गया कि हर 10 साल में ठंडी के दिन 2.5 घट भी रहे है। वैज्ञानिक इस बदलाव को विनाश का भी संकेत मान रहे हैं। कारण कि पहले जहां ठंडी की रात 90 दिन होती थी, जो अब नौ घटकर 81 ही रह गईं हैं। वहीं कार्बन डाईआक्साइड के अधिक प्रभाव के कारण हर 10 साल में गर्मी के 5.5 दिन बढ़ रहे हैं। पहले जहां गर्मी के 92 दिन होते थे अब 97.5 दिन हो गए हैं। वहीं 13 गर्मी की रातें भी बढ़ गई है। इसके कारण 4 से 5 डिग्री तक तापमान बढ़ जाएगा। यानी प्रकृति नाराज हुई तो 2060 के बाद से स्थिति और अधिक खराब हो सकती है। वरना प्रकृति से छेड़छाड़ नहीं रूका तो हाल के दिनों में कार्बन डाईआक्साइड 380 पीपीएम (पार्ट पर मिलियन) से भी आगे बढ़ सकता है। 

बोले मौसम विज्ञानी : इस साल ठंडी के दिन बढ़ेंगे। यानी ठंडी अधिक दिन होगी। संभावना है कि न्यूनतम तापमान पांच डिग्री के नीचे भी आ सकता है। यही नहीं अगले सप्ताह अधिकतम पारा भी 23-24 डिग्री पर आ जाएगा।  - प्रो. एसएन पांडेय, प्रसिद्ध मौसम विज्ञानी 

जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से बचने के उपाय 

- जनसंख्या पर हर हाल में नियंत्रण किया जाएं। 

- वाहनों पर तत्काल नियंत्रण किया जाएं। 

- पेट्रोलियम वाहनों की जगह साइकिल का अधिक उपयोग। 

- पेड़ों की कटाई कम करते हुए जंगल बढ़ाएं। 

-  जल संरक्षण के बहुतायत उपाय।

तीन दिन में कंपकपाएगी कश्मीर से चली हवा

अब आप अधिक ठंडी के लिए तैयार हो जाइए। बस तीन-चार दिन में ही आपको कंपकपाती ठंडी का एहसास होने वाला है। कारण कि जम्मू-कश्मीर से बर्फिली हवा चल दी है। इससे पहले वार्म फ्रंट आएगा, जिससे तापमान में मामूली बढ़ाव होगा। इसके बाद अचानक ही न्यूनतम तापमान बहुत ज्यादा नीचे भाग कर 10-12 डिग्री पर आ जाएगा। बुधवार को भी दिन में भरपूर धूप खिली थी। इसके कारण अधिकतम तापमान 30.2 डिग्री सेल्सियस था, लेकिन न्यूनतम तापमान 14.6 डिग्री पर आ गया था। वहीं आर्द्रता अधिकतक 83 और न्‍यूनतम 71 फीसद तक आ गया। मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय बताते हैं कि जम्मू-कश्मीर से एक कोल्ड फ्रंट चल दिया है। इसके यहां पहुंचने पर न्यूनतम तापमान में बहुत तेजी से नीचे गिरेगा। इसके कारण अचानक ही ठंडी खूब तेज बढ़ जाएगी। संभावना है कि यह स्थिति 17 या 18 नवंबर तक हमें देखनी पड़े। 

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