Flood In Saryu River : पूर्वांचल में पटरी पर लौटा मौसम, सरयू का जलस्तर सात सेमी तक बढ़ा
दोहरीघाट में कटान भी बढ़ रही है। श्मशान घाट व तटीय को सरयू कि लहरें काट रही हैं। इसी प्रकार मधुबन में भी सरयू की।लहरें तेज हो गई है। बिंद टोलिया में कटान शुरू हो गई है। इसकी वजह से यहां के लोग पलायन कर रहे है।
मऊ, जेएनएन। पूर्वांचल में तीन दिन की लगातार हो रही बारिश के बाद शनिवार को मौसम पूरी तरह से सामान्य हो गया। शनिवार की सुबह से ही धूप खिली चुकी है। दूसरी तरफ बीते चौबीस घंटे में सरयू नदी का जलस्तर में सात सेमी की वृद्धि दर्ज की गई है। गौरी शंकर घाट पर शनिवार की सुबह 8:00 बजे नदी का जलस्तर 70 मीटर 22 सेंटीमीटर और अवराडाड में 71 मीटर 13 सेंटीमीटर रहा।
वहीं शनिवार की सुबह 13 फीट दर्ज किया गया। हालांकि, पानी अभी खतरे के निशान से 12 फीट नीचे है। सरयू का जलस्तर बढ़ने से देवारावासियों में हड़कंप व्याप्त है। जल स्तर बढ़ने से किनारों के गांव के लोगों को भी खतरा बढ़ गया है। जलस्तर के बढ़ने से कई स्थानों पर गांव में जहां पानी घुस गया है वहीं फसलें भी क्षतिग्रस्त हो गई है। ऐसे में एक बार फिर जलस्तर बढ़ने से ग्रामीणों में बाढ़ की लेकर चिंता बढ़ गई है। यही नही दोहरीघाट में कटान भी बढ़ रही है। श्मशान घाट व तटीय को सरयू की लहरें काट रही हैं। इसी प्रकार मधुबन में भी सरयू की लहरें तेज हो गई है। बिंद टोलिया में कटान शुरू हो गई है। इसकी वजह से यहां के लोग पलायन कर रहे हैं।
पूर्वांचल में सरयू नदी का जलस्तर लगातार उतार चढ़ाव की ओर पूरे सीजन भर रहा है। मौसम का बदलता रुख जहां बारिश की ओर होता है वहीं दूसरी ओर पहाड़ों पर बर्फबारी और बारिश के बाद नेपाल से पानी छोड़े जाने की वजह से पूर्वांचल में आजमगढ़, मऊ और बलिया जिले में सरयू नदी का जलस्तर ऊपर नीचे होने लगता है। नदी के जलस्तर में उतार चढ़ाव होने की वजह से तटवर्ती इलाकों में कटान का भी दौर शुरू हो जाता है। ऐसे में सरयू नदी का कम होता पानी भी तटवर्ती इलाकों में कटान की दुश्वारी देता है।