वाराणसी में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का स्थापना दिवस पर शस्त्र पूजन कार्यक्रम का आयोजन
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रान्त प्रचारक रमेश जी ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के अंदर राष्ट्रवाद और सेवा की भावना प्रबल हो इस उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की विजयादशमी के दिन 27 सितम्बर 1925 को डॉ. बलिराम हेडगेवार ने की थी।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा विजयादशमी पर स्थापना दिवस एवं शस्त्र पूजन कार्यक्रम शुक्रवार को नंदगांव, सारनाथ में आयोजित किया गया। आयोजन के दौरान संगठन से जुड़े कार्यकर्ता और पदाधिकारी आदि मौजूद रहे। इस दौरान वक्ताओं ने संगठन के प्रयासों और कार्यों के साथ ही महत्ता और देश निर्माण की महत्ता आदि के बारे में बताया गया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रान्त प्रचारक रमेश जी ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के अंदर राष्ट्रवाद और सेवा की भावना प्रबल हो इस उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की विजयादशमी के दिन 27 सितम्बर 1925 को डॉ. बलिराम हेडगेवार ने की थी। विजयदशमी धर्म की अधर्म पर विजय के साथ बुराई पर अच्छाई की जीत और सामाजिक समरसता का प्रतीक उत्सव है। उन्होंने कहा कि आजादी के लिए लाखों लोगों ने अपना बलिदान दिया किन्तु इतिहासकारों ने मात्र कुछ विशिष्ट लोगों द्वारा आजादी दिलाई गई, ऐसा दुष्प्रचार किया।
संघ का उद्देश्य हर व्यक्ति के अंदर प्रखर देशभक्ति की भावना का विकास करना है चाहे वह किसी भी जाति, सम्प्रदाय से संबंध रखता हो। देशहित हो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का एकमात्र आधार और चिंतन है। अपने उद्बोधन में रमेश जी ने कहा कि सरकार द्वारा आजादी के 75वें पर आयोजित 'अमृत महोत्सव' को सभी संगठनों को उत्साहपूर्वक मनाना चाहिए और इस अवसर पर इतिहास के अनछुए पहलुओं, और विस्मृत कर दिए गए नायकों पर आधारित कार्यक्रम आयोजित करना चाहिए।
बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा प्रतिवर्ष छह प्रमुख त्योहार उत्साहपूर्वक मनाए जाते हैं जिनमें विजयदशमी एक प्रमुख उत्सव है। वर्तमान में पांच करोड़ से अधिक सदस्यों के साथ संघ विश्व का सबसे बड़ा संगठन है जो दुनिया के 50 से अधिक देशों में सक्रिय है। इस दौरान संगठन के स्थापना दिवस के मौके पर कार्यक्रम आयोजन किया गया तो दूसरी ओर विजय दशमी के मौके पर शस्त्र पूजन की परंपरा का भी निर्वहन किया गया।