बलिया में सरयू नदी का जलस्तर स्थिर और गंगा में भी घटाव, राहत महसूस कर रहे तटवर्ती इलाके के लोग

जनपद में गंगा और सरयू के जलस्तर में उतार-चढ़ाव लगातार जारी है। बुधवार से गंगा में भी घटाव शुरू हो गया जबकि सरयू का जलस्तर कहीं घटाव पर तो कहीं स्थिर होना बताया गया। जारी रिपोर्ट में गायघाट में सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 53.640 दर्ज किया गया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 03:09 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 03:09 PM (IST)
बलिया में सरयू नदी का जलस्तर स्थिर और गंगा में भी घटाव, राहत महसूस कर रहे तटवर्ती इलाके के लोग
जनपद में गंगा और सरयू के जलस्तर में उतार-चढ़ाव लगातार जारी है।

बलिया, जागरण संवाददाता। जनपद में गंगा और सरयू के जलस्तर में उतार-चढ़ाव लगातार जारी है। बुधवार से गंगा में भी घटाव शुरू हो गया, जबकि सरयू का जलस्तर कहीं घटाव पर तो कहीं स्थिर होना बताया गया। सिंचाई विभाग के बाढ़ खंड की ओर से जारी रिपोर्ट में गायघाट में सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 53.640 दर्ज किया गया। एक दिन पहले यहां गंगा का जलस्तर 53.650 पर था। यहां खतरा बिंदु 57.615 है। गंगा खतरा निशान से 3.975 मीटर नीचे हैं।

डीएसपी हेड तूर्तीपार में सरयू का जलस्तर 64.280 दर्ज किया गया। यहां खतरा निशान 64.01 है। सरयू यहां अभी भी खतरा निशान से ऊपर ही बह रहीं हैं। चांदपुर में सरयू का जलस्तर 58.110 दर्ज किया गया। एक दिन पहले शाम चार बजे भी यही जलस्तर था। यहां खतरा निशान 58.00 मीटर है। यहां भी सरयू अभी खतरा निशान से ऊपर बह रहीं हैं। नदियों में घटाव शुरू होने पर तटवर्ती इलाके के लोग राहत महसूस कर रहे हैं। जलस्तर में वृद्धि देख सभी लोगों की बेचैनी बढ़ गई थी। जलस्‍तर में कमी होने से लोगों को राहत मिली है। वहीं लोगों का यह भी कहना है कि आने वाले दिनों में पानी बरसने से नदी के जलस्‍तर में इजाफा होगा और दिक्‍कत बढेगी।

अधूरे कार्य पूर्ण करने का मिलेगा मौका

सिंचाई विभाग की ओर से जनपद में कुल 12 स्थानों पर लगभग 95 करोड़ की लागत से कटानरोधी कार्य कराए जा रहे थे, लेकिन पानी बढ़ने के कारण कई स्थानों पर कार्यों को बंद करना पड़ा। पानी कम होने के बाद अधूरे कटानरोधी कार्यों को पूरा करने का मौका मिल जाएगा। तटवर्ती इलाके के लोग कटानरोधी कार्य पूरा नहीं होने के चलते ज्यादा चिंतित हैं। उनका मानना है कि कार्य पूरा नहीं होने के स्थिति में बाढ़ के दौरान बड़ा खतरा हो सकता है। कटान में मकान सहित कई स्थानों पर रिंग बांध और सड़कों को भी बड़ी क्षति पहुंच सकती है।

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