वाराणसी में लगातार घट रही गंगा का जलस्तर हुआ स्थिर, दोबारा जलस्‍तर में इजाफा होने से बढ़ी थी चिंता

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार बुधवार की रात आठ बजे गंगा का जल स्तर वाराणसी में 64.30 मीटर था। बढ़ाव जारी था जिसको लेकर सुबह से जल स्तर के आंकड़ों पर नजर डालें तो वाराणसी में सुबह आठ बजे 64.27 मीटर था। सुबह नौ बजे 64.26 मीटर था।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Thu, 26 Aug 2021 02:09 PM (IST) Updated:Thu, 26 Aug 2021 02:09 PM (IST)
वाराणसी में लगातार घट रही गंगा का जलस्तर हुआ स्थिर, दोबारा जलस्‍तर में इजाफा होने से बढ़ी थी चिंता
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार बुधवार की रात आठ बजे गंगा का जल स्तर वाराणसी में 64.30 मीटर था।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। गंगा का जल स्तर बढ़ाव के बाद एक बारगी फिर स्थिर हो गया। गुरुवार की सुबह 9 बजे जल स्तर 64.38 मीटर था। इससे पहले बुधवार को एक बार फिर गंगा का जल स्तर बढऩे लगा था। बुधवार को जहां सुबह से शाम छह बजे तक जल स्तर स्थिर था तो उसके बाद दो सेंटीमीटर की दर से बढ़ाव दर्ज किया गया।

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार बुधवार की रात आठ बजे गंगा का जल स्तर वाराणसी में 64.30 मीटर था। इसके बाद गंगा में बढ़ाव जारी रहा, जिसको लेकर सुबह से जल स्तर के आंकड़ों पर नजर डालें तो वाराणसी में सुबह आठ बजे 64.27 मीटर हो गया। सुबह नौ बजे 64.26 मीटर था। इसके बाद गंगा का जल स्तर स्थिर हो गया जो शाम छह बजे तक स्थिर बना रहा। इसके बाद दो सेंटीमीटर से जल स्तर में बढ़ाव शुरू हुआ। शाम सात बजे जल स्तर 64.28 मीटर हो गया था। यह बढ़ाव प्रयागराज व मीरजापुर में भी देखने को मिल रहा था लेकिन गुरुवार को जल स्तर फिर स्थिर हो गया।

घाटों से सिल्ट सफाई का काम तेज, अस्सी पर लगे 10 पंप : नगर निगम के 88 घाटों की साफ-सफाई का काम तेज हो गया है। सिल्ट सफाई के लिए चयनित कंपनी ने घाटों की सफाई के लिए पूरी टीम को मैदान में उतार दिया है। वहीं नगर निगम भी अपने स्तर से सफाई करा रहा है। ऐसे करने के पीछे मकसद है कि जल्दी से जल्दी घाटों को साफ-सुथरा बनाया जाए ताकि पब्लिक को राहत पहुंचे।

बोले अधिकारी : नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा.एनपी सिंह ने बताया कि घाटों की सफाई के लिए 55 पम्प लगाए गए हैं। वहीं अनुबंधित फर्म ने भी काम तेज कर दिया है। केवल अस्सी घाट पर 10 पम्प लगाए गए हैं। वहीं यहां चार प्लेटफार्म में से दो को पूरी तरह से साफ कर दिया गया है। मणिकर्णिका, हरिश्चंद्र, शीतला, मान मंदिर, राजेंद्र प्रसाद, मान सरोवर आदि घाटों से सिल्ट को पूरी तरह से साफ कर दिया गया है वहीं बाकी बचे हुए घाटों पर युद्ध स्तर पर काम हो रहा है।

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