मीरजापुर में कृषि यंत्र के लिए कभी थी परेशान, आज दूसरे किसानों की कर रही मदद
दीनदयाल अंत्योदय राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना के तहत स्वयं सहायता समूह फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना करने की व्यवस्था है। महिलाओं द्वारा गठित फार्म मशीनरी बैंक से किसान नाम मात्र का किराया देकर अपनी खेती आसानी से कर सकते हैं।
मीरजापुर, जागरण संवाददाता। कहते हैं कि "आवश्यकता आविष्कार की जननी है" अर्थात जब जीवित रहने के लिए कुछ जरूरी हो जाता है तो मानव किसी भी तरह से उसे प्राप्त करने के लिए जुट जाता है। कृषि यंत्र के अभाव में जब घर की खेती प्रभावित होने लगी तो छानबे व पटेहरा की महिलाओं ने घर की दहलीज के बाहर निकली और स्वयं सहायता समूह की मदद से फार्म मशीनरी बैंक की ही स्थापना कर डाला। कृषि यंत्र के लिए परेशान रहने वाली महिलाएं दूसरे किसानों की मदद कर रही हैं। आज दूसरी ग्रामीण महिलाओं और किसानों के लिए मिसाल बनी हुई हैं।
दीनदयाल अंत्योदय राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना के तहत स्वयं सहायता समूह फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना करने की व्यवस्था है। महिलाओं द्वारा गठित फार्म मशीनरी बैंक से किसान नाम मात्र का किराया देकर अपनी खेती आसानी से कर सकते हैं। फार्म मशीनरी बैंक में ट्रैक्टर, एम्बीप्लाउ, कल्टीवेटर, मल्चर, लेजर लेवलर, हैपीसीडर व सीड ड्रिल इत्यादि मुहैया कराया जाता है। विकास खंड छानबे के भटेवरा में शकुंतला देवी और बिहसड़ा में कविता देवी के साथ ही पटेहरा ब्लाक में रेनू देवी ने फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना की है। उनका यह सपना कृषि विभाग एवं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के संयुक्त प्रयास से सफल हो पाया है। डीसी एनआरएलएम मो. नफीस ने बताया कि फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना पर 80 फीसद सब्सिडी, इसके अतिरिक्त पंजीकृत किसान समितियों, एफपीओ व पंजीकृत एनआरएलएम के समूहों को 05 से 15 लाख की परियोजना के फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना पर सब्सिडी प्रदान किया जाता है।
बोले अधिकारी : दीनदयाल अंत्योदय राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना के तहत महिलाओं काे स्वावलंबी बनाया जा रहा है। गांवों में कृषि यंत्रों के अभाव में खेती किसानी में परेशानी होती थी। समूह की महिलाओं द्वारा गठित फार्म मशीनरी बैंक से काफी लाभ हो रहा है। आगामी दिनों में प्रत्येक ब्लाक में फार्म मशीनरी बैंक गठित करने की योजना है। - मो. नफीस, डीसी एनआरएलएम, मीरजापुर।