Health Department in Chandauli : डेंगू और मलेरिया मरीजों के इलाज को बने 20 बेड के वार्ड
बदलते मौसम में डेंगू और मलेरिया का खतरा बढ़ गया है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। पंडित कमलापति त्रिपाठी जिला अस्पताल और चकिया स्थित संयुक्त चिकित्सालय में 20 बेड के दो वार्ड का इंतजाम किया गया है।
जागरण संवाददाता, चंदौली। इस समय बदलते मौसम में डेंगू और मलेरिया का खतरा बढ़ गया है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। पंडित कमलापति त्रिपाठी जिला अस्पताल और चकिया स्थित संयुक्त चिकित्सालय में 20 बेड के दो वार्ड का इंतजाम किया गया है। वहीं संदिग्ध मरीजों को चिह्नित करने के लिए 65 मोबाइल टीमें गठित की गई हैं। टीम घर-घर जाकर संदिग्ध मरीजों का सैंपल इकट्ठा करेगी।
जिले में अभी तक डेंगू के दो संदिग्ध मरीज चिह्नित किए गए हैं। इसके अलावा मलेरिया के 19 व टाइफाइड के 13 मरीज मिल चुके हैं। मौसमी बुखार से पीड़ितों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। कोरोना काल में खतरा और बढ़ गया है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। जिलाधिकारी के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लगातार बैठकें हो रही हैं। वहीं जिला अस्पताल व संयुक्त चिकित्सालय में 10-10 बेड के अलग वार्ड बनाए गए हैं। यहां डेंगू मरीजों के इलाज की मुकम्मल व्यवस्था की गई है। चिकित्सकों की टीम भी तैनात कर दी गई है। इसके अलावा दवा-इलाज की भी व्यवस्था हुई है, ताकि मरीजों को बेहतर चिकित्सकीय सुविधा मुहैया कराई जा सके।
जिले में एनएस-1 जांच की सुविधा : जिले में एनएस-1 जांच की सुविधा है। मरीजों के ब्लड सैंपल लेकर डेंगू की जांच की जाती है, लेकिन पांच दिन से अधिक बुखार से ग्रसित मरीजों की आइजीएम जांच के लिए वाराणसी जाना पड़ता है। इससे मरीजों व उनके तीमारदारों को परेशानी होती है।
ब्लड बैंक में प्लेटलेट अलग करने की सुविधा नहीं : ब्लड बैंक में रक्त से प्लेटलेट अलग करने की सुविधा नहीं है। इसकी वजह से डेंगू मरीजों के इलाज में दिक्कत होती है। उन्हें प्लेटलेट के लिए वाराणसी जाना पड़ता है। ऐसे में मरीज यहां इलाज कराने की बजाए वाराणसी ही चले जाते हैं। स्वास्थ्य विभाग ब्लड बैंक को सुविधा संपन्न बनाने में जुटा है। जल्द ही ब्लड सेपरेशन यूनिट लगेगी। इससे सहूलियत बढ़ जाएगी।
बोले अधिकारी : ‘मलेरिया विभाग की ओर से संदिग्ध मरीजों का सैंपल लेकर स्लाइड तैयार की जा रही है। इसके अलावा अस्पतालों में भी डेंगू मरीजों के इलाज के लिए अलग वार्ड बनाए गए हैं। लगातार समीक्षा कर जिले में खतरनाक बुखार के प्रसार पर चर्चा भी की जाती है। -डाक्टर जेपी सोनकर, जिला मलेरिया अधिकारी।