सामूहिक दुष्कर्म मामले में वांछित इंस्पेक्टर गिरफ्तार, पुलिस हिरासत में आते ही टीम पर भड़क गया

भेलूपुर थाना क्षेत्र के बजरडीहा की एक महिला के साथ साल 2017 में सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। आरोपितों ने चार बच्चों की मां को नशीला पदार्थ खिला कर मुंह काला करने के साथ उसका वीडियो भी बना लिया था। किसी ने वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दिया था।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 02:48 PM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 02:48 PM (IST)
सामूहिक दुष्कर्म मामले में वांछित इंस्पेक्टर गिरफ्तार, पुलिस हिरासत में आते ही टीम पर भड़क गया
भेलूपुर थाना क्षेत्र के बजरडीहा की एक महिला के साथ साल 2017 में सामूहिक दुष्कर्म हुआ था।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। सामूहिक दुष्कर्म के मामले में डेढ़ साल से वांछित इंस्पेक्टर उमराव खान को मंगलवार को पुलिस ने सीतापुर स्थित पुलिस ट्रेनिंग सेंटर से गिरफ्तार किया है। इस मामले में तीन अन्य आरोपित पहले ही गिरफ्तार हो चुके है। इंस्पेक्टर को पुलिस बुधवार को न्यायालय में पेश करने की तैयारी कर रही है।

भेलूपुर थाना क्षेत्र के बजरडीहा की एक महिला के साथ साल 2017 में सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। आरोपितों ने चार बच्चों की मां को नशीला पदार्थ खिला कर मुंह काला करने के साथ उसका वीडियो भी बना लिया था। किसी ने वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दिया था। इस बीच पीड़िता के पास वीडियो पहुंचा तो फ़रवरी 2020 में भेलूपुर थाने में बजरडीहा के कोल्हुआ निवासी शाहिद के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म का वीडियो वायरल करने की शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में अन्य आरोपित गिरफ्तार हो चुके थे, पर इंस्पेक्टर अब तक वांछित चल रहा था। उसका तबादला यहां से कहीं और हो गया था। महकमे का होने के कारण पुलिस उस पर अभी तक हाथ नहीं डाली थी।

पुलिस हिरासत में आते ही टीम पर भड़क गया : सीतापुर में आरोपी इंस्‍पेक्‍टर उमराव टीम को अदब में लेकर खुद को छुड़ाने लिए काफी प्रयास किया। उमराव को गिरफ्तार करने गई टीम के मुताबिक वह एक मौका देने के लिए कहते ट्रेनिंग पूरा होने की बात करने लगा, लेकिन टीम ने कोर्ट के आदेश के हवाला देते हुए दारोगा को हिरासत में पीटीसी में लिखा पढ़ी कर निकल गई।

कचहरी परिसर में हुई थी पिटाई : इंस्‍पेक्‍टर उमराव खान पहले भी वाराणसी में चर्चित रहा है। 30 अक्टूबर 2017 को दरोगा उमराव खान एक मुकदमे की पैरवी के लिए कचहरी गया था। उस दौरान पहले के एक विवाद को लेकर एक अधिवक्ता से दारोगा उलझ गए थे। इसके बाद अधिवक्ताओं ने उमराव की बुरी तरह से पिटाई की थी। तब किसी तरह से उसने अदालत कक्ष में छुप कर अपनी जान बचाई थी।

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