Virtual Carpet Fair : कलात्मक कालीन निहारने को जुड़े 65 आयातक, ओशिनिया मार्केट की पकड़ होगी मजबूत
मंदी के दौर से जूझ रहा कालीन उद्योग एक बार फिर से पटरी पर आएगा। कालीन उद्योग को बाजार देने के लिए तीन दिवसीय वर्चुअल फेयर में बुधवार को दूसरे दिन जुड़े 65 आयातकों से उम्मीद जगी है कि ओशिनिया मार्केट में भारतीय उत्पादों की पकड़ मजबूत होगी।
भदोही, जेएनएन। मंदी के दौर से जूझ रहा कालीन उद्योग एक बार फिर से पटरी पर आएगा। कालीन उद्योग को बाजार देने के लिए तीन दिवसीय वर्चुअल फेयर में बुधवार को दूसरे दिन जुड़े 65 आयातकों से उम्मीद जगी है कि ओशिनिया मार्केट में भारतीय उत्पादों की पकड़ मजबूत होगी। ऐसा मानना है कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) का। यही कारण है कि विश्व के उन देशों में उत्पाद बेचने की पहल की गई है जहां कोविड-19 से पहले चीन का प्रभुत्व रहा था। आयातकों द्वारा कलात्मक कालीनों को निहारकर की गई पूछताछ से आस्ट्रेलिया व न्यूजीलैंड में व्यापार के नए स्रोत खुलने की संभावना जगी है।
कोरोना वायरस संक्रमण से उत्पन्न आपदा को अवसर में बदलने की सरकार की कोशिश पर अमल करते हुए सीईपीसी ओशिनिया मार्केट पर पकड़ बनाने में जुटा है। तीन दिवसीय वर्चुअल फेयर में आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड सहित चार देशों में बाजार की तलाश की जा रही है। बताते चलें कि भारत का आस्ट्रेलिया से चार व न्यूजीलैंड से महज एक फीसद कालीन व्यवसाय में भागीदारी है। ऐसे में इन देशों में व्यापार की प्रबल संभावना है।
65 आयातकों ने जुड़कर उत्पाद का किया अवलोकन
वर्चुअल फेयर में दूसरे दिन आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड आदि देश के 65 आयातकों ने जुड़कर उत्पाद का अवलोकन
वर्चुअल फेयर में दूसरे दिन आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड आदि देश के 65 आयातकों ने जुड़कर उत्पाद का अवलोकन किया है। इसके बारे में जानकारी हासिल की है।आयातकों के रुझान को देखते हुए व्यापार सृजन की अच्छी संभावना बनी है।
- संजय कुमार, अधिशासी निदेशक, सीईपीसी
फेयर समाप्त होने के बाद बेहतर प्रतिफल मिलने की संभावना बनी है
जिस मकसद से फेयर का आयोजन किया गया है उसमें सफलता मिलेगी। इसका पूरा भरोसा है। स्टाल पर सजे उत्पादों का अवलोकन करने के साथ आयातक पूछताछ भी कर रहे हैं। फेयर समाप्त होने के बाद बेहतर प्रतिफल मिलने की संभावना बनी है।
-नेहा गुप्ता, निर्यातक
मौजूदा हालात को देखते हुए परंपरागत मेलों का आयोजन फिलहाल संभव नहीं
मौजूदा हालात को देखते हुए परंपरागत मेलों का आयोजन फिलहाल संभव नहीं है। ऐसे में वर्चुअल फेयर आयातक-निर्यातक मीट का सबसे बेहतर साधन है। ग्राहकों की बेहतर आमद को देखते हुए ओशिनिया मार्केट कालीन उद्योग को गति देने में सफल होगा इसकी पूरी संभावना है।
- श्रीराम मौर्य, निर्यातक
पहले दिन ग्राहकों की भागीदारी कम हुई, लेकिन दूसरे दिन बेहतर रिस्पांस
पहले दिन ग्राहकों की भागीदारी कम हुई, लेकिन दूसरे दिन बेहतर रिस्पांस मिला। उत्पादों के अवलोकन के साथ मोलभाव भी किया जा रहा है। कई ग्राहकों से संपर्क सूत्र के आदान प्रदान हुए है। उम्मीद है नए ग्राहकों से व्यवसाय व नए बाजार का सृजन होगा।
- मो. हामिद, निर्यातक