बीएचयू में नहीं मिला वायलिन वादक डॉ. सवर्णा कुंतेया को आक्सीजन, अन्‍य मरीज की स्टाफ ने बंद कर दी प्राणवायु

वाराणसी बीएचयू अस्पताल में कोरोना से हो रही मौतों के पीछे कोरोना से ज्यादा लापरवाहियां जिम्मेदार हैं। एक ऐसा ही मामला सामने आया है बीएचयू के संगीत एवं मंच कला संकाय की वायलिन वादक डॉ. सवर्णा कुंतेया के साथ।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 05:25 PM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 10:09 PM (IST)
बीएचयू में नहीं मिला वायलिन वादक डॉ. सवर्णा कुंतेया को आक्सीजन, अन्‍य मरीज की स्टाफ ने बंद कर दी प्राणवायु
बीएचयू के संगीत एवं मंच कला संकाय की वायलिन वादक डॉ. सवर्णा कुंतेया

वाराणसी, जेएनएन। बीएचयू अस्पताल में कोरोना से हो रही मौतों के पीछे कोरोना से ज्यादा लापरवाहियां जिम्मेदार हैं। एक ऐसा ही मामला सामने आया है बीएचयू के संगीत एवं मंच कला संकाय की वायलिन वादक डॉ. सवर्णा कुंतेया के साथ। अर्थशास्त्र की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मनीषा मेहरोत्रा बताया कि जब वह भर्ती थी, तो उनकी उन्हीं के संकाय की एक फैकल्टी से बातचीत हुई थी, जिस दौरान यह जानकारी सामने आई कि डॉ. सवर्णा को दो दिन से आक्सीजन ही नहीं दिया गया है। वहीं सवर्णा बीएचयू कोविड वार्ड की बदहाली देख काफी घबराहट और तनाव में थी। उन्होंने कहा कि मैं बाहर से बिना आक्सीजन के बगैर श्वांस नहीं ले सकती। मैसेज में यह भी स्पष्ट हुआ कि सवर्णा बिना इलाज के ही दम तोड़ दी।

डॉ. मेहरोत्रा ने बताया कि वह सुबह काफी देर तक रियाज किया। चेस्ट में थोड़ा सा दर्द हुआ तो उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया। जांच होने के बाद रिपोर्ट तो आई मगर इलाज के लिए कोई डाक्टर नहीं पहुंचा था। यदि उन्हें आक्सीजन या दवा मिल जाती तो शायद जान बच सकती थी। सवर्णा के भर्ती होने के एक दिन बाद तक मैसेज के जवाब दे रही थी, मगर दूसरे दिन वह भी बंद हो गया और तीसरे दिन वह नहीं रही। उनका एक छोटा बच्चा है जो नौवीं कक्षा में पढ़ता है, वहीं पति आइआइएफटी में शिक्षक हैं।

स्टाफ ने बंद कर दिया आक्सीजन

दूसरा मामला बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर में मंगलवार को सुनने में आया। एक मरीज 32 वर्षीय मरीज छह दिनों से भर्ती था, मंगलवार की सुबह एक वार्ड ब्वाय ने आक्सीजन बंद कर दिया था। इतने में मरीज की हालत इतनी खराब हो गई कि उसका आक्सीजन 80 से नीचे आ गया। मरीज का भाई कुछ देर बाद ट्रामा सेंटर के कोविड वार्ड में पहुंचा तो देखा आक्सीजन का लेवल बड़ी तेजी से नीचे गिर रहा है। इतने में उसे दिखा कि आक्सीजन मशीन का रेगुलेटर ही बंद है। पूछा तो पता लगा कि लापरवाही वश किसी स्टाफ ने पानी बदलने के दौरान ऐसा किया।

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