धार्मिक केंद्र के साथ पर्यटन हब बनेगा विंध्य क्षेत्र, विंध्यवासिनी मंदिर के साथ कालीखोह व अष्टभुजा मंदिर भी होगा सुसज्जित

विंध्य कारिडोर विंध्यधाम की गरिमा को वैश्विक बनाने का काम करेगी। विंध्य क्षेत्र का कायाकल्प होने में अब ज्यादा वक्त नहीं है। शारदीय नवरात्र तक मां विंध्यवासिनी परिक्षेत्र का दृश्य पूरी तरह बदला होगा। यह दर्शनार्थियों के लिए सरल तो होगा ही घूमने व भ्रमण के लिए भी व्यवस्था होगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 06:10 AM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 06:10 AM (IST)
धार्मिक केंद्र के साथ पर्यटन हब बनेगा विंध्य क्षेत्र, विंध्यवासिनी मंदिर के साथ कालीखोह व अष्टभुजा मंदिर भी होगा सुसज्जित
कारिडोर निर्माण से अद्भुत छटा बिखेरेगा विंध्यधाम

मीरजापुर, कमलेश्वर शरण। विंध्य कारिडोर विंध्यधाम की गरिमा को वैश्विक बनाने का काम करेगी। विंध्य क्षेत्र का कायाकल्प होने में अब ज्यादा वक्त नहीं है। शारदीय नवरात्र तक मां विंध्यवासिनी परिक्षेत्र का दृश्य पूरी तरह बदला होगा। यह दर्शनार्थियों के लिए सरल तो होगा ही, उनके घूमने व भ्रमण के लिए भी व्यवस्था होगी। अब विंध्यधाम पहुंचने वाला हर श्रद्धालु विंध्य कारिडोर की झलक से रूबरू होगा। किस तरह दिखेगा कारिडोर, इसका जवाब इंटरनेट मीडिया के जरिए हर किसी के पास पहुंच चुका है। विंध्य कारिडोर को लेकर श्रद्धालुओं में काफी जिज्ञासा है। ऐसे में लोगों को इसका माडल बताने के लिए चैत्र नवरात्र बेहतर मौका है। विंध्य कारिडोर निर्माण से विंध्यधाम अद्भुत छटा बिखेरेगा और श्रद्धालुओं की राह भी आसान होगी।

आप केवल एक वर्ष आगे की कल्पना करें तो मीरजापुर यानी विंध्य क्षेत्र में एक बदलाव बहुत प्रत्यक्ष दिखेगा, वह होगा विंध्य कारिडोर। जो पहले वहां जा चुके हैं, वे तब जाने पर शायद उसे पहचान भी न सकें। परिक्रमा पथ के साथ ही मां विंध्यवासिनी का भव्य मंदिर तो होगा ही और भी बहुत से परिवर्तन तब तक हो चुके होंगे। जिस मार्ग से श्रद्धालु हिचकोले खाते व धूल से होकर विंध्यधाम पहुंचते थे, वह फोरलेन हो चुका होगा। चौड़ी सड़कें व अन्य सुविधाएं होंगी। परिक्रमा पथ का सुंदरीकरण हो चुका होगा। यह सब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सोच और इच्छाशक्ति से बदल गया होगा। विंध्य कारिडोर योजना को 30 अक्टूबर 2020 को मंजूरी मिलने के बाद नवंबर 2020 में काम शुरू हुआ। इसके अक्टूबर 2021 तक साकार होने की संभावना है। 331 करोड़ की लागत से बनने वाले विंध्य कारिडोर के अंतर्गत विंध्याचल मंदिर, कालीखोह मंदिर, अष्टभुजा मंदिर के साथ यहां के गंगा घाटों को भी सुसज्जित किया जाएग

यही नहीं, प्रसिद्व तालाब जैसे गेरुआ और मोतिया तालाब के साथ नागकुंड को भी कारिडोर में शामिल किया गया है। इन तालाबों को भी सुसज्जित और पुर्ननिर्मित किया जाएगा। कारिडोर बनने से भक्तों की संख्या बढ़ेगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। विंध्य कारिडोर से मानो विंध्य क्षेत्र को विकास के नए पंख लग गए हैं। विंध्य क्षेत्र की विरासत को संजोने की चाहत की आमजन मंशा को भांप मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। विंध्य क्षेत्र न सिर्फ धार्मिक केंद्र होगा बल्कि पर्यटन हब के रूप में भी विकसित होगा। यही कारण है कि पयर्टन के क्षितिज पर भी विंध्यधाम नए आयाम स्थापित करने जा रही है। कारिडोर निर्माण होने से बड़ी संख्या में भक्तों और देशी-विदेशी पर्यटकों का आगमन भी बढ़ेगा। विंध्य कारिडोर योजना के तहत मंदिर परिसर, जलपान केंद्र, गेस्ट हाउस, यात्री सुविधा केंद्र, म्यूजियम, आध्यात्मिक पुस्तक केंद्र, पार्क और पर्यटक स्थल का भी निर्माण किया जाना है।

विंध्यवासिनी मंदिर से ही गंगा दर्शन भी कर सकेंगे श्रद्धालु

51 शक्तिपीठों में से एक विश्व प्रसिद्ध मां विंध्यवासिनी मंदिर को विंध्य कारिडोर गंगा की डोर से एकाकार करेगी। परिक्रमा पथ के साथ ही मां विंध्यवासिनी व गंगा को जोड़ने के लिए मार्गों को विस्तार दिया जा रहा है तो श्रद्धालुओं की कतार के लिए भी जगह बनाई जा रही है। मंदिर से गंगा को जाने वाले पक्का घाट मार्ग काे भी 35 फीट चौड़ा व दो सौ मीटर लंबा बनाया जाएगा। कारिडोर निर्माण होने से श्रद्धालु विंध्यवासिनी मंदिर से ही गंगा दर्शन भी कर सकेंगे।

गुलाबी पत्थरों से चमकेगा पाथ-वे, लगाएगा चार चांद

विंध्य कारिडोर के पाथ-वे का निर्माण अहरौरा के गुलाबी पत्थरों से कराया जाएगा। काशी विश्वनाथ कारिडोर व अयोध्या राम मंदिर के बाद विंध्य कारिडोर के पाथ-वे एवं अन्य कार्यों के लिए अहरौरा के गुलाबी पत्थरों का इस्तेमाल होगा। विंध्य कारिडोर के नोडल अधिकारी पर्यटन विभाग के सचिव शिवपाल सिंह ने विंध्य कारिडोर के पाथ-वे एवं गलियों के चौड़ीकरण के लिए लगभग दस करोड़ रुपये के गुलाबी पत्थरों का उपयोग किए जाने का प्रस्ताव तैयार किया है। इन पत्थरों की आपूर्ति के लिए अहरौरा के खनन व्यवसाइयों को आदेश भी दिया है। कहा है कि विंध्य कॉरिडोर के लिए आवश्यक गुलाबी पत्थरों की कटिंग कर स्टोर कर लिया जाए, ताकि निर्माण कार्य शुरू कराए जाने पर तत्काल आपूर्ति की जा सके।

सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट को सपनों सरीखा बनाने के लिए प्रशासन ने झोंकी ताकत

विंध्यधाम के सौंदर्यीकरण व चतुर्दिक विकास का रास्ता साफ हो गया है। सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट को सपनों सरीखा बनाने के लिए प्रशासन ने भी पूरी ताकत झोंक रखी है। विंध्यवासिनी मंदिर जो पावन गंगा नदी किनारे स्थित है, पहले यह पूरा प्रांगण सकरी गलियों से घिरा हुआ था। विंध्य कारिडोर के अंतर्गत जैसे-जैसे परिसर के बाहरी हिस्सों को ध्वस्त किया जाता रहा, विंध्यधाम का स्वरुप स्पष्ट नजर आता गया। विंध्यवासिनी मंदिर का स्वरूप अब निखरकर सामने दिखने लगा है।

चैत्र नवरात्र होगा विंध्य कारिडोर का माडल बताने का मौका

अब विंध्यधाम पहुंचने वाला हर श्रद्धालु विंध्य कारिडोर की झलक से रूबरू होगा। किस तरह दिखेगा कारिडोर, इसका जवाब इंटरनेट मीडिया के जरिए हर किसी के पास पहुंच चुका है। विंध्य कारिडोर को लेकर श्रद्धालुओं में काफी जिज्ञासा है। ऐसे में लोगों को इसका माडल बताने के लिए चैत्र नवरात्र बेहतर मौका है। विंध्य कारिडोर निर्माण से विंध्यधाम अद्भुत छटा बिखेरेगा और श्रद्धालुओं की राह भी आसान होगी।

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