वाराणसी में शुल्क के फेर में फंसा अंकपत्रों का सत्यापन, विश्वविद्यालयों में प्रमाणपत्रों की जांच फंसी

सूबे के राजकीय व अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के अंकपत्रों व प्रमाणपत्रों का दोबारा सत्यापन कराया जा रहा है। शासन के निर्देश पर 137 विद्यालयों में तैनात करीब 1400 शिक्षकों का प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए संबंधित विश्वविद्यालयों को भेज दिया गया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 28 Jan 2021 10:59 AM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 06:38 PM (IST)
वाराणसी में शुल्क के फेर में फंसा अंकपत्रों का सत्यापन, विश्वविद्यालयों में प्रमाणपत्रों की जांच फंसी
सूबे के राजकीय व अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के अंकपत्रों व प्रमाणपत्रों का दोबारा सत्यापन कराया जा रहा है।

वाराणसी, जेएनएन। सूबे के राजकीय व अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के अंकपत्रों व प्रमाणपत्रों का दोबारा सत्यापन कराया जा रहा है। शासन के निर्देश पर 137 विद्यालयों में तैनात करीब 1400 शिक्षकों का प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए संबंधित विश्वविद्यालयों को भेज दिया गया है। बीएचयू ने प्रमाणपत्राें का सत्यापन कर रिपोर्ट भी डीआइओएस कार्यालय को सौंप दी है। वहीं महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, गोरखपुर विश्वविद्यालय, पूर्वांचल विश्वविद्यालय की डिग्रियों का सत्यापन लंबित है।

दूसरी ओर साउथ के कई विश्वविद्यालयों ने शुल्क के अभाव में प्रमाणपत्रों का सत्यापन करने से इंकार कर दिया है। डिग्री भी वापस कर दी है। सत्यापन करने के लिए 2000 रुपये प्रति प्रमाणपत्र शुल्क जमा की मांग रखी है। डीआइओएस कार्यालय के पास शुल्क जमा करने के लिए कोई मद न होने के कारण फिलहाल सत्यापन फंस गया है। यह सिर्फ वाराणसी जनपद की ही नहीं पूरे प्रदेश की समस्या बनी हुई है। वहीं  शासन राजकीय व अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन में सुस्ती को लेकर नाराजगी भी जता चुकी है। इस संबंध में शासन पिछले दिनों संयुक्त शिक्षा निदेशक से रिपोर्ट भी मांगी थी। संयुक्त शिक्षा निदेशक अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि सभी जिलों के सत्यापन के लिए संबंधित विश्वविद्यालय को शिक्षकों के प्रमाणपत्रों के भेज दिए हैं। विश्वविद्यालय स्तर पर सत्यापन विलंब हो रहा है। हालांकि वाराणसी, चंदौली, जौनपुर व गाजीपुर के डीआइओएस से व्यक्तिगत स्तर पर संपर्क कर सत्यापन कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि अब तक जिन विश्वविद्यालयों के सत्यापन रिपोर्ट मिली है। उसमें कोई फर्जी अंकपत्र, प्रमाणपत्र नहीं मिला है।

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