अगले साल मार्च महीने में 340 किमी लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर फर्राटा भरेंगे वाहन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी परियोजना पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे वित्तीय वर्ष 2021 की शुरुआत में जनता को समर्पित हो जाएगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sun, 12 Jul 2020 05:12 PM (IST) Updated:Sun, 12 Jul 2020 05:17 PM (IST)
अगले साल मार्च महीने में 340 किमी लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर फर्राटा भरेंगे वाहन
अगले साल मार्च महीने में 340 किमी लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर फर्राटा भरेंगे वाहन

आजमगढ़, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी परियोजना पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे वित्तीय वर्ष 2021 की शुरुआत में जनता को समर्पित हो जाएगा। लखनऊ से होते हुए बाराबंकी, अमेठी, फैजाबाद सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ होते हुए गाजीपुर तक 340.824 किमी लंबे एक्सप्रेस-वे पर वाहन फर्राटा भरने लगेंगे। इस बात के संकेत रविवार को सचिव लोक निर्माण विभाग व नोडल अधिकारी रंजन कुमार के निरीक्षण में मिले हैं। सचिव लोक निर्माण विभाग किशुनदासपुर में चल रहे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पैकेज-छह का स्थलीय निरीक्षण किया। ठीकेदार की ओर से बताया गया कि परियोजना मार्च 2021 तक बनकर पूर्ण हो जाएगी। नोडल अधिकारी ने पूछा कि सड़क की गुणवत्ता की जांच किसके द्वारा की जाती है।

लॉकडाउन के कारण धीमी गति से चल रहा है कार्य

ठीकेदार ने बताया कि सड़क की गुणवत्ता की जांच राइट्स द्वारा की जाती है। नोडल अधिकारी ने पूछा कि सड़क बनाने में कोई समस्या तो नहीं आ रही है। बताया कि लॉकडाउन के कारण कार्य धीमी गति से चल रहा है और मिट्टी की समस्या आ रही है। उन्होंने निर्देश दिए कि सड़क की गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की कमी नहीं आनी चाहिए। ठेकेदार से लैब के बारे में जानकारी प्राप्त की। बताया कि लैब में बिटमन और ग्रेडेथन की जांच की जाती है। निर्देश दिया कि सड़क के कार्य को जल्द से जल्द पूर्ण करें। जिलाधिकारी राजेश कुमार, मुख्य राजस्व अधिकारी हरी शंकर, पीएनसी कंपनी के असिस्टेंट प्रोजेक्ट मैनेजर थे।

बारिश के पानी को ड्रेन के जरिए रिचार्ज सिस्टम में गिराया जाएगा

120 मीटर चौड़ी एक्सप्रेस-वे के हर आधे किलोमीटर की दूरी पर यूपीडा द्वारा ग्राउंड वाटर रिचार्ज सिस्टम लगाया जा रहा है। एक्सप्रेस-वे के किनारे हर आधे किलोमीटर पर डीप बोरिग कर ग्राउंड वाटर रिचार्ज सिस्टम लगाया जाएगा। जहां पूरे एक्सप्रेस-वे पर पड़ने वाले बारिश के पानी को ड्रेन के जरिए रिचार्ज सिस्टम में गिराया जाएगा। जहां से पानी पाइप की बोरिग के सहारे जमीन के अंदर जाकर भूमिगत जलस्तर को बढ़ाएगा।

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