उत्तर प्रदेश में लाॅकडाउन के दौरान गाड़ियां शो-रूम में 'लॉक', बिक्री हो गई पूरी तरह 'डाउन'
नवरात्र के तुरंत बाद लग्न की शुरुआत हो जाती है। इस कारण दो पहिया और चार पहिया वाहनों की बिक्री में तेजी आ जाती है। लेकिन जब से कोरोना महामारी ने पैर पसारा है तब से ऑटोमोबाइल कंपनियों की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है।
वाराणसी, जेएनएन। प्रदेश भर में लॉकडाउन घोषित होने के बाद से ही कारोबार मानो ठप हो चला है। इस समय 25 फीसदी की बिक्री में गिरावट अप्रैल में मार्च के मुकाबले आई है। 100 फीसदी फायदा हुआ गत वर्ष अप्रैल के मुकाबले, 80 गाड़ियों की ऑनलाइन बुकिंग हुई मई के पहले सप्ताह में, 60 फीसद कम उत्पादन के कारण गाड़ियां नहीं मिल रही हैं एजेंसी को, 3 माह पूरे बूम पर रहता है ऑटोमोबाइल का बाजार, 15 मई तक बैंकों और फाइनेंस कंपनियों ने बंद कर रखा है फाइनेंस।
अप्रैल से जून तक ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का बाजार पूरे बूम पर रहता है। नवरात्र के तुरंत बाद लग्न की शुरुआत हो जाती है। इस कारण दो पहिया और चार पहिया वाहनों की बिक्री में तेजी आ जाती है। लेकिन जब से कोरोना महामारी ने पैर पसारा है तब से ऑटोमोबाइल कंपनियों की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है। हालांकि अच्छी बात यह है कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार अप्रैल में गाड़ियों की बड़ी तादात में डिलीवरी हुई है। गत वर्ष 22 मार्च से देश में दो चरणों में पूर्ण लॉक डाउन लगा दिया गया था। इस कारण लगभग दो महीने तक शो-रूमों में ताले लटके रहे। इस कारण एक भी गाड़ी नहीं बिकी। एजेंसी संचालकों की मानें इस वर्ष अप्रैल में मार्च के मुकाबले बिक्री में 10 से 25 फीसदी की गिरावट हुई है। हालांकि वह बिक्री में गिरावट की प्रमुख वजह कोरोना महामारी को ही मान रहे हैं। उनका मानना है कि बुकिंग में कोई कमी नहीं दिख रही है। दरअसल कोरोना महामारी के कारण गाड़ियों के उत्पादन पर असर पड़ा है। इस कारण बाजार में गाड़ियां उपलब्ध नहीं हैं। हर कंपनी डिलीवरी देने के लिए अब सात से आठ माह का समय मांग रही है। अब यह निर्भर करता है कि ग्राहक उतना समय तक इंतजार कर सकता है या नहीं। कई बार ऐसा भी देखने को मिला है कि जो गाड़ी ग्राहकों को पसंद है और वह बाजार में उपलब्ध नहीं है तो ग्राहक दूसरे कंपनी का रुख कर लेते हैं। विशेष बात यह कि ग्राहकों के बीच सीएनजी इनबिल्ट छोटी गाड़ियों की मांग में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। कुछ कंपनियों ने मई के पहले सप्ताह में ऑनलाइन बुकिंग भी किया है।
बंद चल रहे हैं प्लांट
कोरोना महामारी के कारण गाड़ियों की सभी उत्पादन इकाई बंद चल रही हैं। एजेंसी संचालकों ने बताया कि ज्यादातर गाड़ियों की उत्पादन इकाई दक्षिण भारत में हैं। जहां की सरकारों ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए 24 मई तक पूर्ण लॉकडाउन लगा दिया है। उम्मीद है कि उत्पादन इकाईयों के ताले अब जून में ही खुलेंगे।
बैंकों ने बंद कर रखा है फाइनेंस
गाड़ियों की बिक्री में गिरावट के पीछे एक बड़ा कारण यह भी है कि बैंकों और फाइनेंस कंपनियों के ज्यादातर स्टाफ कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। इस कारण 15 मई तक फाइनेंस का काम प्रभावित है। ऋण नहीं मिलने से भी ग्राहक गाड़ी नहीं खरीद पा रहे हैं।
कंपनी | बुकिंग | डिलीवरी |
मारुति | 225 | 175 |
नेक्सा | 100 | 65 |
हुंडई | 80 | 60 |
फोर्ड | 70 | 34 |
निसान | 32 | 22 |
महिंद्रा | 150 | 110 |
टाटा | 125 | 85 |
होंडा | 40 | 20 |
एमजी | 40 | 25 |
नोट:- ( यह सभी आंकड़े अप्रैल माह के हैं। जो विभिन्न कंपनियों के शो-रूम द्वारा उपलब्ध कराए गए हैं। )
बोले कारोबारी
ग्राहकों के खरीदारी के रुझान में कोई कमी देखने को नहीं मिली है। लॉकडाउन के कारण उत्पादन इकाई बंद चल रही है। जिस कारण हम डिलीवरी नहीं दे पा रहे हैं। जिसका असर बिक्री पर पड़ रहा है।- अमित दुबे, जीएम जीएसआर फोर्ड
गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष अच्छी बिक्री हुई है। हालांकि लग्न का पूरा बाजार कोरोना ने चौपट कर दिया है। जिसका सीधा असर बिक्री पर देखने को मिल रहा है। -आशुतोष सिंह, जीएम राज इंडिया महिंद्रा
लॉकडाउन के कारण मारुति की बिक्री में लगभग 20 फीसदी गिरावट हुई है। पर अच्छी बात यह है कि ग्राहकों की मांग बरकरार है। जैसे ही कोरोना का कहर कम होगा हम ग्राहकों की मांग को भुनाने में जुट जाएंगे। -राजीव कुमार, एजीआर ऑटोमोबाइल
पिछले वर्ष तो लगातार दो माह तक शो-रूम में ताले लटके रहे। उस दौरान की ऑनलाइन बुकिंग को गत दिसंबर तक डिलीवरी दिया गया है। इस बार अप्रैल तक तो स्थिति ठीक रही। अब मई में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिलेगा। - रवीश कुमार, जीएम गणपति निसान
बिक्री में गिरावट का एक प्रमुख कारण बैंकों द्वारा फाइनेंस की सुविधा 15 मई तक के लिए बंद करना भी है। दूसरा कोरोना महामारी के कारण कंपनी को कच्चा माल खरीदने में मुश्किल हो रही है। जिसका असर उत्पादन पर पड़ रहा है। जिस कारण एजेंसी को गाड़ी समय से नहीं मिल पा रही है। -अमिताभ भट्टाचार्या, जीएम आदित्य नारायण हुंडई
बिक्री पर जरूर असर पड़ा है, लेकिन मांग में कोई असर नहीं पड़ा है। जो सुखद है। लॉकडाउन के बाद वही कंपनी बाजार में होगी जिसके पास माल उपलब्ध होगा। - विनम्र अग्रवाल, ब्रिजलैक्स मोटर।