पूर्वांचल में त्योहारी सीजन के दौरान सब्जियों के दाम छू रहे आसमान, रसोई से थाली का जायका नदारद

खाने की थाली पर महंगाई का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। बीते कई माह से खाद्य तेल शक्कर मसाले के भाव भी लगातार बढ़े हैं। अब पिछले 15 दिनों में सब्जियों के दाम दोगुने होने पर लोगों को परेशानी में डाल दिया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 05:21 PM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 05:21 PM (IST)
पूर्वांचल में त्योहारी सीजन के दौरान सब्जियों के दाम छू रहे आसमान, रसोई से थाली का जायका नदारद
सब्जियों की कीमतों में भी उतार चढ़ाव बना हुआ है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। त्योहार का सीजन शुरू होते ही सब्जियों के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं। पहले ही आम लोगों की रसोई का बजट बिगड़ा हुआ था इसमें अब और इजाफा हो गया है। इससे लोगों की परेशानी और बढ़ गई है।

खाने की थाली पर महंगाई का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। जिससे स्वाद कसैला हो गया है। बीते कई माह से खाद्य तेल, शक्कर, मसाले के भाव भी लगातार बढ़े हैं। अब पिछले 15 दिनों में सब्जियों के दाम दोगुने होने पर लोगों को परेशानी में डाल दिया है। सब्जियों की कीमतों में भी उतार चढ़ाव बना हुआ है। इस समय कुछ को छोड़कर लगभग हर सब्जी महंगी है। हरी सब्जियां 40 से 60 रुपये प्रति किलोग्राम के उपर बिक रही है। नवरात्र आते ही आलू के दाम में भी उछाल आ गया। प्याज, अदरक, लहसुन, ,मिर्च, हरी धनिया आदि के दाम लोगों की पहुंच से बाहर हैं। सब्जियों की महंगाई की मार से बजट बिगड़ गया है। सौ रुपये की सब्जी में दो वक्त का भोजन भी सही ढंग से तैयार नहीं हो पा रहा है। पहले सौ रुपये में थैला भरकर सब्जी आती थी, लेकिन उन दिनों की याद करके महंगाई पर चिंता सता सकते हैं।

केवल सब्जियों का राजा आलू ही दे रहा राहत : 16 से 18 रुपये किग्रा अच्छी गुणवत्ता का आलू मिल रहा है। इसके अलावा हर सब्जी 40 से 60 रुपये प्रति किग्रा से कम नहीं है। सितंबर से बारिश का मौसम विदाई की ओर जाने लगता है। गर्मियों के सीजन की सब्जियों की आवक भी कम होने से महंगाई और बढ़ गई है। 15 दिन पहले टमाटर 30 से 35 रुपये किग्रा गुणवत्ता के हिसाब से बिक रहा था, लेकिन अब 60 रुपये किग्रा बिक रहा है। इसके अलावा भी लौकी, बैगन, खीरा, सेम, बोड़ा, करैला, परवल में भी तेजी से इजाफा हो रहा है।

सब्जियों के दाम

सब्जी पहले अब

आलू 12 16

टमाटर 30 60

गोभी 50 40

लौकी 30 40

बैगन 30 60

खीरा 30 40

सेम 100 120

बोड़ा 30 60

करैला 20 40

परवल 40 60

नेनूआ 20 30

धनिया 300 400

प्याज 30 40

बोलीं गृहणियां

सब्जियों के दाम बढ़ने से अब किचन संभालना मुश्किल हो गया है। पंद्रह दिन के अंदर ही सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। - मन्नो।

सब्जियों के बढ़ते दाम पर प्रशासन को रोक लगानी चाहिए। सब्जी के नाम पर लूट मची हुई है। इससे परेशानी बढ़ गई है। - राजकुमारी।

सब्जियों के दाम में अचानक तेजी से आने से अब तो किचन संभालना भी मुश्किल हो गया है। किस तरह से खर्च चले समझ नहीं आ रहा है। - सविता।

जब से त्योहारी सीजन शुरू हुआ तो सब्जियों के दाम बढ़ने से यह अब थाली से भी दूर हो रही है। कम सब्जियों में ही काम चलाया जा रहा है। - कौशिल्या।

chat bot
आपका साथी