वैदिक राखी मजबूत करेगी रिश्ते की डोर, गमले में लगाने के बाद बढ़ाएगी हरियाली

Vedic Rakhi will strengthen the bond with greenery अब वैदिक राखी से स्वयं सहायता समूह की महिलाएं रिश्तों की डोर मजबूत करेंगी। महिलाओं ने ऐसी राखियां बनाई हैं जो भाई-बहन के रिश्ते की डोर तो मजबूत करने के साथ ही हरियाली भी लाएंगी।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 04:29 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 04:29 PM (IST)
वैदिक राखी मजबूत करेगी रिश्ते की डोर, गमले में लगाने के बाद बढ़ाएगी हरियाली
रक्षाबंधन के कुछ दिन बाद इन्हें गमले में डाल देंगे तो इनमें रखे गए बीज से पौधे निकलेंगे।

मीरजापुर [सतीश रघुवंशी]। अब वैदिक राखी से स्वयं सहायता समूह की महिलाएं रिश्तों की डोर मजबूत करेंगी। महिलाओं ने ऐसी राखियां बनाई हैं जो भाई-बहन के रिश्ते की डोर तो मजबूत करने के साथ ही हरियाली भी लाएंगी। रक्षाबंधन के कुछ दिन बाद इन्हें गमले में डाल देंगे तो इनमें रखे गए बीज से पौधे निकलेंगे। वैदिक राखी बना महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं। रूरल मार्ट व इंटरनेट मीडिया के जरिए इसका प्रचार-प्रसार भी खूब किया जा रहा है। वैदिक राखी लोगों को खूब भा रही है। प्रयागराज, वाराणसी, जौनपुर व भदोही से आनलाइन आर्डर भी मिले हैं।

रक्षाबंधन के पवित्र पर्व पर बहनों द्वारा तैयार वैदिक राखियां भाइयों की कलाई की शोभा बढ़ाएंगी। विंध्याचल स्थित महिला प्रबोधिनी फाउंडेशन की ओर से ग्रामीण महिलाओं द्वारा वैदिक राखी तैयार की जा रही है। अन्य महिलाओं को भी वैदिक राखी बनाकर रक्षाबंधन पर्व पर बांधने के लिए प्रेरित कर रही हैं। इसे पूजन में प्रयोग होने वाले अक्षत, हल्दी, दुर्वा, शमी पत्र से तैयार किया जा रहा है। कोरोना संकट के बीच धर्म शास्त्रों में वर्णित जीवन पद्धति के प्रति आस्था बहुत ही तेज से बढ़ रही है। महिला प्रबोधिनी फाउंडेशन विंध्य क्षेत्र की ग्रामीण मातृशक्तियों को संगठित कर उन्हें शुरू से ही आत्मनिर्भर बनने के लिए पूर्णतया तैयार कर रही है। फाउंडेशन की अध्यक्ष नंदिनी मिश्रा के मार्गदर्शन में मंजूलता, शिवदुलारी गुप्ता, आफरीन सहित तकरीबन सौ महिलाएं वैदिक राखी का निर्माण कर रही हैं। बहन अपने भाई के स्वस्थ जीवन व लंबी आयु की मंगलकामना करती हैं। ऐसे में जब रक्षासूत्र के साथ पांच वैदिक पदार्थ भाई की कलाई पर बंधे तो निश्चित रूप से धर्म, संस्कृति व शास्त्र पुराण के अनुसार भाइयों की शारीरिक शक्ति में वृद्धि होगी और वे स्वस्थ भी होंगे।

प्रयागराज, वाराणसी, जौनपुर व भदोही से मिले 15 हजार राखी के आर्डर : फाउंडेशन के निदेशक विभूति मिश्रा ने बताया कि महिला प्रबोधिनी फाउंडेशन का उद्देश्य रहा है कि मातृशक्तियां आत्मनिर्भर बनें। प्रबोधिनी शक्तिधाम विंध्याचल धर्म संस्कृति एवं सामाजिक चेतना का केंद्र स्थल है। संस्कृति, सभ्यता और संस्कार को संरक्षित रखने के लिए तरह-तरह के कार्यक्रम चलाए जाते हैं। वैदिक राखी निर्माण भी उन्हीं में से एक है। वैदिक राखी के आनलाइन आर्डर भी मिले हैं। इस वर्ष कुल 30 हजार राखी बनाने का लक्ष्य है। इसमें से 15 हजार राखी विंध्य क्षेत्र में बिकेगी और 15 हजार राखी अन्य जनपदों से मिले आर्डर पर भेजे जाएंगे। राखी का मूल्य 15 से लेकर 25 रुपये तक है। इसे बनाने में सात से 10 रुपये तक खर्च आते हैं।

सनातन धर्म संस्कृति पर आधारित है वैदिक राखी : आचार्य राम लाल त्रिपाठी ने बताया कि वैदिक राखी का निर्माण सनातन धर्म संस्कृति के विधि-विधान पर आधारित है। इसके निर्माण में सभी प्राकृतिक सामग्रियां प्रयुक्त की जा रही हैं, जिनका हमारे जीवन को स्वस्थ रखने में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है। वैदिक धर्म शास्त्र के अनुसार अक्षत (चावल) हिंदू धर्म संस्कृति में आयोजित होने वाले सभी धार्मिक अनुष्ठानों में प्रयुक्त होता है। वहीं हल्दी पूजन-यज्ञ में उपयोग किया जाता है। यह हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक पदार्थ के रूप में जाना जाता है। दुर्वा का धर्म शास्त्रों में बहुत ही बड़ा स्थान है। सावन माह में बाबा भोलेनाथ का विशेष प्रिय पत्र शमी का उपयोग रक्षा के लिए किया जाता है।

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