101 करोड़ रुपये से प्रदूषण मुक्त होगा वाराणसी, प्रदूषण मापक यंत्र लगेगा जो सिटी कमांड एंड कंट्रोल से जोड़ा जाएगा
वाराणसी में प्रदूषकों की मात्रा कम करने के लिए 15वें वित्त से 101 करोड़ रुपये खर्च करने का निर्णय लिया गया है। तय हुआ कि शहर के 11 पार्कों को ऐसे विकसित किया जाएगा जहां पहुंचने पर लोगों को जंगल का भान हो।
वाराणसी, जेएनएन। प्रदूषण को लेकर देश भर में बनारस की किरकिरी होती रही है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। महापौर मृदुला जायसवाल व नगर आयुक्त गौरांग राठी ने मंगलवार को जिन परियोजनाओं पर मुहर लगाई है संभावना जताई जा रही है कि इससे शहर प्रदूषण मुक्त हो जाएगा। शहर में प्रदूषकों की मात्रा कम करने के लिए 15वें वित्त से 101 करोड़ रुपये खर्च करने का निर्णय लिया गया है। तय हुआ कि शहर के 11 पार्कों को ऐसे विकसित किया जाएगा जहां पहुंचने पर लोगों को जंगल का भान हो। जलखाता को शुद्ध करने के लिए रानी ताल का चयन हुआ है जिसका विकास पर्यटन के लिहाज से किया जाएगा।
शहर को प्रदूषण मुक्त करने के लिए बीएचयू सहयोगी संस्था आईईएमडी से राय ली जाएगी जबकि निगरानी का काम प्रदूषण नियंत्रण विभाग उप्र करेगा। इसके लिए सिटी कमांड कंट्रोल सेंटर के बगल में नगर निगम की जमीन पर एक जांव लैब बनाई जाएगी जहां प्रदूषकों की मात्रा की मापी जाएगी। इस लैब को सिटी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जोड़ा जाएगा। बैठक की अध्यक्षता कर रहीं महापौर मृदुला जायसवाल ने बताया कि अब जो भी विकास कार्य होंगे उसमें प्रदूषण को केंद्र में रखकर किया जाएगा। शहर में वानिकी क्षेत्र विकसित किया जाएगा। इसके लिए सड़कों के किनारे के अलावा पुरानी जीटी रोड समेत अन्य पर मध्य में बने डिवाइडर को आधार बनाकर पौधारोपण किया जाएगा।
कोई भी सड़क बनेगी तो इंड से इंड तक पक्की की जाएगी। इसके लिए नगर निगम व पीडब्ल्यूडी के अलावा वाराणसी विकास प्राधिकरण को निर्देशित किया गया है। नगर आयुक्त ने बताया कि वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए 49 करोड़ व ठोस अपशिष्ट व जल प्रबंधन के लिए 52 करोड़ रुपये खर्च होंगे। बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रोटोकाल बच्चू सिंह, अधियाासी अभियंता लोक निर्माण विभाग सुग्रीव राम, अधिशासी अभियंता वीडीए अनिल कुमार दुबे, डीएफओ महावीर कौजलगि, अपर नगर आयुक्त देवीदयाल वर्मा, मुख्य अभियन्ता नगर निगम एसपी सिंह, जीएम जलकल रघुवेंद्र कुमार आदि मौजूद थे।
ऐसे करेंगे वायु प्रदूषण नियंत्रण
-मापक यंत्र खरीद 06.74 करोड़
-मानीटरिंग सेल, सड़कों का निर्माण, सुधार के लिए 33.25 करोड़
-वाटर स्प्रीकलर के लिए 01 करोड़
-11 पार्कों में मियावाकी वन क्षेत्र व वृक्षारोपण के लिए 04.75 करोड़
-बीएचयू के आईईएमडी अनुभाग को राय देने के लिए 40 लाख
ऐसे होगा ठोस अपशिष्ट व जल प्रबंधन
-संसाधनों की खरीद 11.40 करोड़
-करसड़ा प्लांट संचालन के लिए 13.69 करोड़
-पेयजल के लिए 14 करोड़
-सीवेज व ड्रेनेज के लिए 7.50 करोड़
-तालाब सुदृढ़ीकरण कार्य के लिए 03 करोड़
इन बड़े कार्योंपर लगी मुहर
-शिवपुर स्थित रानीताल का इको पार्क के रूप में विकास
-पं. दीनदयाल दयाल उपाध्याय अस्पताल के पास ग्रीन पार्क
-वाटर फाउंटेन
-मकबूल आलम रोड से पड़ाव तक सड़क के डिवाइडर पर पौधारोपण
शहर में जंगल का एहसास
जापान की मियावाकी पद्धति पर नगर निगम के 11 पार्कों में हरियाली लाई जाएगी। इसके अलावा सड़कों के किनारे व डिवाइडर पर पौधारोपण किया जाएगा। इस मद में 04.75 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके बाद शहरी बनारसी को जंगल का एहसास मिलेगा। मियावकी फारेस्ट विभाग और वन विभाग संयुक्त रूप से कार्य करेंगे। मियावकी पद्धति से सघन प्लांटेशन को अपनाते हुए करीब 26000 पौधे आगामी तीन से चार माह में लगाए जाएंगे। इसके अतिरिक्त सम्पूर्ण शहर के विभिन्न क्षेत्रों में उपयुक्त स्थलों पर 5000 पौधे लगाए जाएंगे। सबसे बड़ी बात यह है कि इसका अनुरक्षण दो वर्ष के लिए विभाग द्वारा किया जाएगा। इसके बाद नगर निगम की ओर से इसकी देखरेख की जाएगी।
पांचों जोनल कार्यालय अपग्रेड होंगे
महापौर ने बताया कि स्मार्ट सिटी शहर काशी के पांचों जोनल कार्यालय अपग्रेड किए जाएंगे। इसके लिए 6.67 करोड़, आॅनलाईन मॉनीटरिंग व सिंगल विंडो सिस्टम के लिए पौने दो करोड़ व कम्प्यूटर आदि की खरीद पर 48 लाख रुपये खर्च करने का बजट पास हुआ है। अम्रूत योजना के तहत नगर निगम की विभिन्न परियोजनाएं जो वीडीए समेत अन्य विभाग कर रहे हैं उनमें निकाय अंश के रूप में 1.17 करोड़ का बजट रखा गया है।
कब्जा मुक्त होगा रानी ताल, बनेगा पिकनिक स्पॉट
मृदुला जायसवाल ने बताया कि शिवपुर स्थत रानी ताल कब्जा मुक्त कराया जाएगा। यहां पर पिकनिक स्पॉट बनाया जाएगा ताकि इस जगह पर लोग जाकर अपना कुछ समय बीता सकें। इस तालाब को पयर्टन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा जिस पर तीन करोड़ रुपया खर्च होंगे। यहां लोगों के बैठने के लिए बेंच बनेंगे। हेरिटेज लाईट से पूरा इलाका जगमग किया जाएगा। फव्वारे लगेंगे ताकि यहां अपने वाले बेहतर अनुभूति कर सकें। यहां पर्यटकों के लिए टिकट भी लगेगा।