वाराणसी में 11 करोड़ लीटर पानी होता है बर्बाद, खबर में जानिए शहर में जल प्रबंधन का हाल
बनारस में पेयजल पाइपलाइन में लीकेज से करीब 11 करोड़ लीटर पानी बर्बाद हो जाता है। यह आंकड़ा जलकल द्वारा किए जाने वाले पेयजल आपूर्ति का आधा है। शहरवासियों को जलकल करीब 22 करोड़ लीटर पानी की आपूर्ति करता है।
वाराणसी, जेएनएन। बनारस में पेयजल पाइपलाइन में लीकेज से करीब 11 करोड़ लीटर पानी बर्बाद हो जाता है। यह आंकड़ा जलकल द्वारा किए जाने वाले पेयजल आपूर्ति का आधा है। शहरवासियों को जलकल करीब 22 करोड़ लीटर पानी की आपूर्ति करता है। यह समस्या वर्षों से है। इस कारण जल संकट मुंह बाए खड़ा हो गया है। सर्वे के मुताबिक बनारस में प्रति व्यक्ति को औसतन 135 लीटर पानी की जरूरत है।
ऐसे में शहर की 20 लाख आबादी के सापेक्ष करीब 27 करोड़ लीटर पानी की जरूरत है। लक्ष्य के सापेक्ष करीब 16 करोड़ लीटर पानी की जरूरत को अन्य स्रोतों से पूरा होता है। इसमें घरों में लगे सबमर्सिबल पंप, हैंडपंप, कुएं आदि परंपरागत स्रोतों के अलावा हर मोहल्ले में खुल चुके बोतलबंद पानी के प्लांट प्रमुख हैं। वहीं बनारस में रोजाना आने वाले सवा लाख पर्यटकों की प्यास भी बंद बोतलों का पानी ही बुझा रहा है। जलकल विभाग की रिपोर्ट के अनुसार नलों को खुला छोड़ देने, पीने के पानी से बागवानी, गाड़ियों की धुलाई, सड़कों तथा गलियों में बेवजह पानी का छिड़काव करने से सर्वाधिक पानी की बर्बादी होती है। इसके अलावा पेयजल पाइपों में लीकेज भी बर्बादी का कारण है।
नगर में ऐसे है पानी प्रबंधन
145 : एमएलडी प्रोडक्शन गंगा वाटर से
155: एमएलडी वाटर ट्यूबवेल, टैंक से
300 : एमएलडी वाटर का है प्रोडक्शन
यहां हो रहा पानी बर्बाद
- चौकाघाट पानी टंकी के समीप भोर में चार से सुबह छह बजे तक एक व्यक्ति सड़क पर पानी बहाते हैं।
- खारीकुआं में एक व्यक्ति ने घर के पीछे गली में बिना टोंटी के नल लगा रखा है।
- ऐसे ही शंकरपुरम् कालोनी में भी एक व्यक्ति ने बिना टोंटी के नल लगाया है।
- लमहीं के समीप मड़वा गांव में पाइप लीकेज से रोज हजारों लीटर पानी बर्बाद।