वाराणसी में चार दिन बाद पहुंचेगा राजस्थान से चला पश्चिमी विक्षोभ, बढ़ाएगा और ठंड

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय कि मानें तो अभी दो दिनों तक सामान्य रूप से ठंड बढ़ेगी। राजस्थान के पश्चिमी क्षेत्र में एक विक्षोभ बना हुआ है। इसके चार दिनों में यानी दो दिसंबर तक यहां पहुंचने की उम्मीद है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 10:27 AM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 10:27 AM (IST)
वाराणसी में चार दिन बाद पहुंचेगा राजस्थान से चला पश्चिमी विक्षोभ, बढ़ाएगा और ठंड
विक्षोभ के आने पर इस क्षेत्र के आसमान में बादल छा जाएंगे।

वाराणसी [शैलेष अस्‍थाना]। राजस्थान के पश्चिमी क्षेत्र में बना हवा का विक्षोभ अब पूर्व की ओर बढ़ रहा है। इसकी गति बहुत तेज तो नहीं है, फिर भी इसके चार दिनों में बनारस क्षेत्र में पहुंचने की संभावना मौसम विज्ञानी जता रहे हैं। उनका कहना है कि इस पश्चिमी विक्षोभ के यहां पहुंचने के बाद बदली होगी, इसके बाद ठंड और बढ़ जाएगी।

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय कि मानें तो अभी दो दिनों तक सामान्य रूप से ठंड बढ़ेगी। राजस्थान के पश्चिमी क्षेत्र में एक विक्षोभ बना हुआ है। इसके चार दिनों में यानी दो दिसंबर तक यहां पहुंचने की उम्मीद है। विक्षोभ के आने पर इस क्षेत्र के आसमान में बादल छा जाएंगे। बदली होने के कारण पहले और दूसरे दिन थोड़ी सी गर्मी लगेगी ठंड कम होगी। इसके बाद बूंदाबादी हो सकती है। बूंदाबादी न भी हुई तो दो दिन के बाद बदली छंटेगी और हवा की गति में तेजी आएगी। इसके बाद मौसम का तापमान तेजी से नीचे आएगा और ठंड बढ़ जाएगी। प्रो. पांडेय बताते हैं कि इसके बाद पांच या छह दिसंबर से शीतलहर भी शुरू हो जाने की उम्मीद है।

वह बताते हैं कि फिलहाल दिन में अधिकतम तापमान अभी 26 डिग्री सेल्सियस से 27 डिग्री सेल्सियस के बीच चल रहा है। न्यूनतम तापमान रात में 10 डिग्री सेल्सियस के आासपास रह रहा है। यानी रातें अब ज्यादा ठंडी होने लगी हैं। रात में जब ठंड अधिक पड़ती है तो वह लोगों के सोने का समय होता है। लोग अपने घरों में होते हैं। इसलिए न्यूनतम तापमान दिनचर्या को उतना प्रभावित नहीं करता। वह कहते हैं कि ठंड की असल समस्या तो तब शुरू होगी जब दिन का अधिकतम तापमान गिरना शुरू होगा। दिन में तापमान गिरने से और ठंड बढ़ने से लोगों के दैनिक कामकाज प्रभावित होते हैं और लोग काम के लिए बाहर निकलने पर ठंड का शिकार बन जाते हैं।

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