मील का पत्थर साबित होगा वाराणसी का बंदरगाह, बांग्लादेश की तकनीकी समिति ने किया निरीक्षण
भारत-बांग्लादेश के बीच जल परिवहन सेवा और कारोबार को बढ़ाने के लिए बनारस पहुंची छह सदस्यीय तकनीकी समिति सोमवार को बाबतपुर हवाईअड्डे से कोलकाता को उड़ान भरी। समिति भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ पहुंची। समिति ने बुद्ध का दर्शन-पूजन करने के साथ पुरातात्विक अवशेषों का अवलोकन किया।
वाराणसी, जेएनएन। भारत-बांग्लादेश के बीच जल परिवहन सेवा और कारोबार को बढ़ाने के लिए बनारस पहुंची छह सदस्यीय तकनीकी समिति सोमवार को बाबतपुर हवाईअड्डे से कोलकाता को उड़ान भरी। समिति भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ पहुंची। समिति ने भगवान बुद्ध का दर्शन-पूजन करने के साथ पुरातात्विक अवशेषों का अवलोकन किया। नदेसर स्थित होटल में तकनीकी समिति ने भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण संग बैठक कर कई बिंदुओं पर चर्चा की। दोनों देशों के अधिकारियों ने कहा कि व्यापार की दिशा में वाराणसी का बंदरगाह मील का पत्थर साबित होगा। जल्द ही बांग्लादेश की टीम फिर बनारस दौरे पर फिर आ सकती है।
तीन दिवसीय दौरे पर बनारस पहुंची बांग्लादेश की छह सदस्यीय तकनीकी समिति शनिवार को ट्रेन से मुगलसराय पहुंची थी। दूसरे दिन बांग्लादेश की छह सदस्यीय समिति रामनगर बंदरगाह पहुंची और तैयारियों का जायजा लिया। यहां प्रशासनिक भवन में भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने प्रोजेक्टर के जरिए की गई तैयारियों के बारे में बताया। तकनीकी समिति ने कई सवाल उठाने के साथ उसके निस्तारण के बारे में पूछा। तकनीकी समिति का पूरा जोर कारोबार को बढ़ावा देने पर था। भविष्य की योजना के लिए जल्द ही एक और समिति बनारस आ सकती है। समिति में बांग्लादेश शिपिंग मंत्रालय के संयुक्त सचिव मोनेमुल हक, वाणिज्य मंत्रालय के उप सचिव मोहम्मद सलीम हसन, जहाज व यातायात सुरक्षा निदेशक मोहम्मद रफीकुल इस्लाम, राजनीतिक सचिव प्रथम बांग्लादेश हाईकमीशन शमीमा यास्मीन, राजनीतिक सचिव द्वितीय बांग्लादेश हाईकमीशन नई दिल्ली जकारिया बिन अमजद, इंजीनियर सजादुर्रहमान, मोहम्मद रकीबुल आलम, मोहम्मद बशीर अहमद यहां पहुंचे थे। सदस्य ट्रैफिक एंड लाजिस्टिक भारत सरकार शशिभूषण शुक्ला, आइडब्ल्यूएआइ के मुख्य अभियंता रविकांत, आइडब्ल्यूएआइ के डिप्टी डायरेक्टर अरविंद कुमार बैठक में मौजूद रहे।