बजट 2020-21 : वाराणसी नगर निगम में वाहनों पर होने वाले व्यय में तीन करोड़ की कटौती

वाराणसी नगर निगम में वाहनों की खरीद में धांधली शासन को भेजी जाएगी जांच रिपोर्ट। वहीं दोषियों पर जांच के बाद कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। जबकि पहले दिन की कार्रवाई में कई प्रमुख मामलों का निस्तारण किया गया।

By Abhishek sharmaEdited By: Publish:Sat, 20 Feb 2021 11:31 PM (IST) Updated:Sun, 21 Feb 2021 12:20 AM (IST)
बजट 2020-21 : वाराणसी नगर निगम में वाहनों पर होने वाले व्यय में तीन करोड़ की कटौती
वाराणसी नगर निगम में वाहनों की खरीद में धांधली, शासन को भेजी जाएगी जांच रिपोर्ट।

वाराणसी, जेएनएन। नगर निगम के बजट 2021-22 को लेकर दूसरे दिन शनिवार को भी कार्यकारिणी सभागार में चर्चा हुई। अध्यक्षता महापौर मृदुला जायसवाल ने की। इस दौरान कई मदों में होने वाले व्यय में कटौती गई। इसमें वाहनों पर होने वाले व्यय में सर्वाधिक तीन करोड़ की कटौती की गई। बजट में वाहनों पर व्यय आठ करोड़ प्रस्तावित था जिसे कम कर पांच करोड़ दिया गया। वहीं, सार्वजनिक प्रकाश को लेकर सदस्यों ने बड़ा फैसला लिया। नगरीय क्षेत्र में अंधकार दूर करने के लिए व्यय में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी की।

बजट में सार्वजनिक प्रकाश के मद में 20 लाख रुपये का व्यय प्रविधानित था जिसे बढ़ाकर दो करोड़ कर दिया गया है। सदस्यों के सर्वसम्मति से लिए निर्णय के अनुसार सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था को लेकर निजी कंपनी के साथ नगर निगम के आलोक विभाग को भी जिम्मेदार बनाया गया है। सदस्यों का कहना था कि निजी कंपनी एक बारगी स्ट्रीट लाइट लगाने के बाद जिम्मेदारियों से इतिश्री कर ले रही है। वहीं, आलोक विभाग कंपनी के साथ हुए अनुबंध का हवाला देते हुए इस व्यवस्था से पल्ला झाड़ लेती है। इसलिए आलोक विभाग को भी जिम्मेदार बनाया गया है। इसके अलावा सदस्यों ने वाहनों की मरम्मत, पार्टस खरीद व फ्यूल मद में होने वाले व्यय में फिजूलखर्ची पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। इसके लिए व्यय बजट के प्रविधान में बड़ी कटौती की है।  
 
स्मार्ट सिटी कंपनी से बनी गलियों में नहीं खर्च होगी नगर निगम निधि
बैठक में सदस्यों ने व्यय में कटौती करते हुए स्मार्ट सिटी कंपनी से हुए कार्यों पर भी चर्चा की। प्रस्ताव रखा कि जिन वार्डों की गलियों में स्मार्ट सिटी कंपनी से विकास कार्य हो रहा है उनमें नगर निगम की निधि चाहे कर आधारित आय या फिर पूंजी आधारित आय से संग्रहित निधि हो, उससे विकास कार्य के नाम पर व्यय नहीं किया जाएगा। इसे सर्वसम्मति से पास किया गया।
 
किस निधि में जमा होगा रुद्राक्ष का राजस्व
कार्यकारिणी सदस्यों ने स्मार्ट सिटी योजना से हुए निर्माण कार्य से मिलने वाले राजस्व को लेकर भी चर्चा की। इसमें नजीर के तौर पर रुद्राक्ष को रखा। कहा कि रुद्राक्ष जैसे भवनों से मिलने वाला राजस्व किसका होगा। नगर निगम निधि में जमा किया जाएगा या फिर कंपनी की रकम होगी। ऐसे ही स्मार्ट सिटी योजना से बन रही पार्किंग, दुकानें, पर्यटन के दृष्टिगत विकसित हो रहे तालाब, पार्क आदि से मिलने वाले राजस्व का हिसाब कौन रखेगा। सदस्यों ने इस पर नगर निगम के अधिकार को रेखांकित किया और अधिकृत जानकारी नगर आयुक्त गौरांग राठी से मांगी क्योंकि वे वाराणसी स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ भी हैं। नगर आयुक्त ने स्पष्ट किया कि फिलहाल, इस राजस्व को सुरक्षित रखा जाएगा। शासन के निर्देश पर ही नगर निगम निधि या अन्य निधि में समाहित किया जाएगा।
 
वेंडिंग जोन में अवैध वसूली की जांच
बैठक में वेंडिंग जोन में अवैध वसूली का मसला भी उठा। कार्यकारिणी सदस्यों ने कुछ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा वसूली करने का आरोप लगाया गया। इसको लेकर अफसरों ने अनभिज्ञता जाहिर की। नगर आयुक्त ने डूडा से मामले की जांच कराने का भरोसा दिया।  
 
भूतल पर हो जन्म-मृत्यु पंजीयन कार्यालय
कार्यकारिणी सदस्यों ने नगर निगम मुख्यालय स्थित जन्म-मृत्यु पंजीयन कार्यालय को भूतल पर करने का अनुरोध किया। तर्क दिया कि इस कार्यालय में रोजाना सर्वाधिक भीड़ होती है। पहली मंजिल पर होने से परेशानी बढ़ती है। बुजुर्ग, अशक्त व दिव्यांगजनों मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। सदस्यों के सुझाव को अमल में लगाने का भरोसा नगर निगम प्रशासन ने दिया।
 
लेखा विभाग की आपत्तियां
आय-व्यय का लेखाजोखा रखने वाले लेखा विभाग की आपत्तियों को लेकर भी सदस्यों ने सवाल उठाए। कहना था जब आडिट बेहतरीन व पारदर्शी नहीं होगी तो वित्तीय आय-व्यय में पारदर्शिता कहां से आएगी। इस पर लेखा विभाग ने आपत्तियों को सदन की पटल पर रखा। इसमें कर विभाग में 200, सामान्य विभाग में 138, राजस्व में 96 व अनुज्ञप्ति में 29 आपत्तियों की जानकारी दी। हालांकि, इनके निस्तारण को लेकर कोई जवाब नहीं दे सके।
 
राजस्व व्यय मद  
-अधिष्ठान व्यय : 20073
-प्रशासनिक व्यय : 4259.55
-अभियंत्रण एवं अनुरक्षण : 4134.75
-ब्याज एवं वित्तीय शुल्क : 852
योग : 29319
 
पूंजीगत व्यय मद
-जेएनएनयूआरएम योजना : 5472
-अनुदान : केंद्र सरकार : 22319
-अनुदान : राज्य सरकार : 6016.35
-स्थाई संपत्तियां : 198.50
-ऋण अग्रिम व जमा : 2.00
-योग : 34008.45
 
मूल बजट का कुल व्यय
-कुल राजस्व व पूंजीगत व्यय : 63327.75
-ऋण, अग्रिम और जमा, अन्य संपत्तियां : 749
-शुद्ध राजस्व, पूंजीगत एवं रिजर्व फंड व्यय : 64076.75
-अंतिम अवशेष : 6123.45
-महायोग : 70200.20
 
(नोट : सभी धनराशि लाख में अंकित है)
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